आज हमारी दिनचर्या स्मार्टफोन के बिना बिल्कुल अधूरी सी है। अगर 2 घंटे के लिए बिजली चली जाए और मोबाइल कि बैटरी खत्म हो जाए तो हम बैचैन हो जाते हैं, ऐसा लगता है जैसे कोई अपना रूठ गया है। आज के जीवन का पर्याय बन चुका मोबाइल अपने मूल उदेश्य से आगे निकल फैशन, देखादेखी और हाथो हाथ करोड़पति बनने के सपने दिखाने वाले लाखो लुभावने ऑफर देता है, ऐसे लुभावने वादों के झांसे में आकर युवा अनियमित खर्च कर कर्जदार होता जा रहा है।
खर्च को बढ़ा रहे हैं लुभावने ऑफर -
- मुसीबत बनते लुभावने ऑफर - आजकल किसी भी वेबसाइट पर या एप्प पर विज्ञापनों कि भरमार है। हमारे यहाँ से खरीदे सस्ता, सुंदर टिकाऊ... दो दिन में डिलिवरी। इस तरह के विज्ञापन युवाओ को अनावश्यक चीज़े खरीदने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
- त्योहारों पर स्पेशल और लुभावने ऑफर - खासतौर से दीपावली, होली और राखी जैसे बड़े त्योहारों पर ऑनलाइन शॉपिंग से ऑनलाइन गेम वाली कंपनियां स्पेशल ऑफर देती है, उन्हें लगता है इस वक़्त लोग अधिक खर्च करते हैं, ऐसे में कंपनियां अपने ग्राहक बढ़ाने के लिए 50% तक कि छूट दे युवाओ को अपने चंगुल में फंसा, समय आने पर मोटी रकम वसूल रही है।
क्या है, लुभावने ऑफर के तरीके?
लुभावने ऑफर देने के कई तरीके हैं, सभी पर चर्चा नहीं कि जा सकती है, कुछ विशेष ऑफर कि चर्चा करेंगे, जो आपके कमाए धन को खर्च करने या उधार में वस्तु खरीदने को बाध्य कर रहे हैं, ऐसी वस्तुएं जिनकी उपयोगिता आपके जीवन में बहुत कम या ना के बराबर है किन्तु ऑफर के चक्कर में आकर आप वस्तु खरीदने के लिए मन बना लेते हैं तो दूसरी तरफ़ युवा उधार खरीद या फाइनेंस सेवा उपलब्ध के ऑफर देखकर खरीदने को तत्पर हो जाते हैं। इससे उसके ऊपर उधारी बढ़ती जा रही है और अपनी युवावस्था में ही कर्जदार हो रहा है।
अनावश्यक कर्ज को बढावा देने वाले शुरुआती कारक -
ऑनलाइन शॉपिंग और लुभावने ऑफर -
क्रेडिट कार्ड - आजकल बैंक के साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग वाली वेबसाइट भी क्रेडिट कार्ड बनाने का कार्य देने लगी है। इनके ऑफर इतने लुभावने है, घर बैठे क्रेडिट कार्ड पाए कुछ स्टेप्स के साथ। कार्ड बनाने को मजबूर करने के लिए कार्ड धारकों के लिए स्पेशल ऑफर के साथ आसान किश्तों में भुगतान कि सुविधा देते हैं, जिससे अधिकाधिक युवा शॉपिंग के लिए आकर्षित हो और अगले कुछ महीने उधार खरीदी कि किश्तों के भुगतान में उलझा रहे, ऐसे मकड़जाल में उलझे ग्राहक एक वस्तु कि किश्त पूरी होते ही दूसरी खरीद उधारी के मकड़जाल में पूरी तरह से फंसे जा रहे हैं। दूसरी और इसका कारण देखादेखी और फैशन भी है, जो पैसे के अभाव में भी उधार खरीदी को मजबूर कर रही है।
जीरो डाउन पेमेंट और शून्य ब्याज - इस सुविधा के तहत ग्राहक बिना अग्रिम भुगतान किए, कोई वस्तु या सेवा का क्रय कर सकता है। ऐसी सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां फायनेंशियल संस्थानों के साथ ही साथ ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी बन गई है। ये अपने ग्राहक को आसान समान मासिक किश्त (EMI) के नाम पर बेचती है। ऐसे लुभावने ऑफर के झांसे में आए व्यक्ति को इसका पता भी नहीं चलता कि जीरो पेमेंट के नाम पर उससे कितना ब्याज लिया जा रहा है। दूसरी तरफ शून्य ब्याज दर के नाम पर भी कंपनियां उधार खरीदी को लुभाने के लिए सम्भावित ग्राहको पर नजरे गड़ा कर बैठी है, जो उधार और ऋण के मकड़जाल में फंसाये जा रही है।
करोड़ों जीतो, लाखो कमाओ
एक करोड़ जीतो - आजकल खेलों और जीतो के नाम से असंख्य ऑनलाइन गेम है। क्रिकेट टीम बनाओ, लूडो खेलों, सवालों के जबाब दो और अपनी रैंक बढ़ाओ इत्यादि। यहाँ हमने कुछ ही जिक्र किया है, इनके अतिरिक्त भी कई प्रकार के खेल है जिनमे एंट्री फीस देकर आप खेल सकते हैं। लाखो लोगों में से किसी एक को ईनाम मिलता है, बाकी को पूरा नुकसान। नुकसान के बावजूद खेल कि आदत और लुभावने ऑफर एक कि जगह दो बार खेलने को मजबूर करते हैं, आजकल न जाने कितने ही लोग उधार लेकर ऐसे खेल खेलते हैं। ऐसे में उधारी का मकड़जाल उन्हें उधारी में ही खेलने को मजबूर करता है, ना कि उधारियों को चुकाने के लिए। ऐसे खेल में फंसे युवा उधारी को ही खेल मान कर्ज के मकड़जाल में बूरी तरह से फंसते जा रहे हैं।
आसान ऋण - जो लोग स्मार्टफोन उपयोग करते हैं, वो जानते है कि उन्हें कितने संदेश आसान ऋण/लोन लेने के लिए आते हैं। आसान ऋण के कितने ही एप्प बने हुए हैं, वहाँ आप रजिस्ट्रेशन (नामांकन) करने के बाद तुरंत ऋण (इंस्टेंट लोन) ले सकते हैं। ऐसी एप्प से लोन लेना जितना आसान है, चुकाना उतना ही मुश्किल। एक तो आप बिना कारण और बिना वापसी कि आय के ऋण ले लेते हैं, दूसरा इनका धोखा। कई बार किश्त चुकाने के बाद भी कह देते हैं, पुनः मिला ही नहीं। ऐसे में कई बार ग्राहक को धोखे में रखकर चार गुना तक वसूली कर लेते हैं। ऐसे आसान ऋण के चक्कर में और उनके धोखे के चलते कई बार तो इनसे पीछा छुड़ाने के लिए लोग कोर्ट तक जाते हैं, लेकिन जो कानूनी सहारा नहीं लेते वो इनके ब्लैकमेल में फंसकर कर्ज चुकाने के लिए और कर्ज ले लेते हैं।
निवेश करो, दुगुने पाओ - आज निवेश करो, कल को सुनहरा करो। ऐसे लाखों विज्ञापन आने के साथ ही साथ मित्र और सहकर्मी सुनहरे और लुभावने ऑफर कि रंगीन पुस्तिकाएं ले आते हैं। हालाँकि यहां स्पष्ट कर दूँ निवेश गलत नहीं लेकिन जिन्हें भारत सरकार या वित्तीय संगठनों से अनुमति नहीं, ऐसे संस्थानों में निवेश से बचे। साथ ही अधिक रिटर्न देने के वादे के निवेश में मूलधन कि वापसी तक कि गारंटी नहीं होती। ऐसे अधिक रिटर्न के वादे वाले निवेश को कर रातोंरात अमीर बनने के चक्कर में कई लोग उधार रकम ले, निवेश कर देते हैं। निवेश करने के 2-3 वर्ष बाद जब पैसे वापस आने कि उम्मीद होती है, तब पता चलता है वह एक धोखा था और कंपनी बंद हो गई, ऐसे में रातोंरात अमीर बनने के चक्कर में दुगुने करने के लुभावने ऑफर कर्जदार ही बना देते हैं।
अस्वीकरण (Disclaimers)
आधुनिक ज़माना तकनीक का ज़माना है, हम तकनीक के उपयोग को करने से मना नहीं कर रहे। हमारा उदेश्य आपको सजग करना है, ताकि आप किसी धोखे का शिकार ना हो। आप तकनीक का बेहतर उपयोग बिना अर्थिक नुकसान उठाए किस प्रकार से कर सकते हैं, इसे जानने के लिए प्रश्नोत्तरी को अवश्य पढ़े।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -
प्रश्न: क्या क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए?
उत्तर : आप बेशक क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं, किसी बैंक से लेकिन आपकी आवश्यकताओं और बैंक द्वारा वसूल कि जाने वाले शुल्कों कि पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद। साथ ही इसकी लिमिट को अपनी आवश्यकता के अनुरुप रखे।
प्रश्न: क्या ऑनलाइन शॉपिंग करनी चाहिए?
उत्तर: बिल्कुल, आप बेफिक्र होकर ऑनलाइन शॉपिंग करे अपनी आवश्यकता के अनुरुप, बिना लुभावने ऑफर के झांसे में आए। कुछ फ्री पाने के चक्कर में अनावश्यक शॉपिंग ना करे, साथ ही शॉपिंग करने से पूर्व विक्रेता और कंपनी कि रेटिंग और साख को जांच परख लें।
प्रश्न: क्या ऋण/लोन लेना चाहिए?
उत्तर: आवश्यकता होने पर आप लोन ले सकते हैं। लेकिन ऋण/लोन बैंक से लिया जाए ना कि किसी एप्प से।
प्रश्न: क्या ऑनलाइन गेम खेलने चाहिए?
उत्तर: आजकल ऑनलाइन गेम का अपना स्थान है, ऐसे में बिना भुगतान वाले गेम मनोरंजन के उदेश्य से खेले कमाने के उदेश्य से नहीं। खेल को जीवन का हिस्सा मात्र रखे, जीवन को खेल ना बनने दे।
प्रश्न: निवेश कहाँ करे, ताकि धोखा ना हो?
उत्तर: निवेश किसी बैंक या वित्तीय संस्थान में करे, जहां धोखे कि कोई संभावना नहीं। संस्थागत निवेश करते समय रिस्क कि गणना करे। शेयर बाजार या म्युचुअल फण्ड कि जानकारी है तो वहाँ निवेश करे। गैर - संस्थागत निवेश करने से पहले उसकी परख करे, और अपनी बचत ही निवेश करे उधार कि नहीं और ना ही किसी अन्य व्यक्ति को निवेश के लिए प्रेरित करे।
प्रश्न: कर्ज कब और किससे ले?
उत्तर: कर्ज आवश्यकता होने पर अपने अपने मित्रों, रिश्तेदारों या बैंक से ले। ऋण लेने से पूर्व अपनी आगामी आय को जांच ले कि समय से भुगतान योग्य आय है या नहीं, अतः आय को ध्यान में रखते हुए ऋण ले।
प्रश्न: ऑनलाइन फ्रॉड या आर्थिक धोखे से कैसे बचे?
उत्तर: ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए गैर-संस्थागत निवेश ना करें ना ऋण ले। ऑनलाइन शॉपिंग साख देखकर ही करे, ना कोई जोखिम भरा एप्प डाउनलोड करे और ना ही किसी संदिग्ध व्यक्ति द्वारा भेजा लिंक खोले।
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