सिरेमिक टाइल्स : सस्ती, सुंदर और आकर्षक। Ceramic Tiles

सिरेमिक टाइल्स : सस्ती, सुंदर और आकर्षक। Ceramic Tiles

आजकल लोग घरों में आँगन और दीवारों के लिए साधारण की बजाय रंग-बिरंगी और पेंटिंग वाली टाइल्स को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं। पहले ऐसी टाइल्स का उपयोग बाथरूम तक सीमित होता था। अब ये घर के आँगन, दिवार से होते हुए छत तक पहुंच गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए इसे बनाने वाली कई कंपनियां खड़ी हो गई है, जो एक से एक डिजायन के साथ उच्च गुणवत्ता की टाइल्स पेश कर रही है।

सिरेमिक टाइल्स : सस्ती, सुंदर और आकर्षक। Ceramic Tiles

ऐसी रंग-बिरंगी, आकार में छोटी और वजन में हल्की टाइल्स को सेरेमिक टाइल्स कहा जाता है। सिरेमिक टाइल्स ने अपने गुणों के कारण घरों, कार्यालयों और सरकारी भवनों में भी स्थान बना लिया है। ऐसी टाइल्स आजकल सब जगह अलग-अलग रंग और डिजायन में लगी हुई देखी जा सकती है। इसके साथ ही इसके हल्के होने के कारण यह घरों की दिवार से किचन तक में देखी जा सकती है।

सिरेमिक क्या होता है?


सिरेमिक समान्य भाषा में मिट्टी की शिल्पकला है। सिरेमिक शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के 'कैरेमिक' शब्द से हुई है, जिसका वास्तविक अर्थ होता है कुम्भकार या कुम्भ शिल्प। ऐसे में सिरेमिक मिट्टी से बने हुए उत्पादों को कहा जाता है। सिरेमिक चीनी मिट्टी और घर के दैनिक कार्यो में उपयोग लिए जाने वाले मृदभांड से विस्तृत है। सिरेमिक मिट्टी होने के कारण यह उष्मा रोधी होने के साथ ही विद्युत का कुचालक होता है। 

सिरेमिक एक अकार्बनिक और गैर-धातु (जो कोई धातु नहीं) सामग्री हैं। इससे बनने वाले उपकरण हमारे दैनिक जीवन में बहुत काम आते है, ऐसे में यह उपयोगी सामग्री है। इसमें उत्कृष्ट शक्ति और कठोरता गुण विद्यमान होते हैं, लेकिन आंतरिक स्वभाव से यह भंगुर होता हैं। बदलते हुए समय में "सिरेमिक" के वर्तमान स्वरुप में में कांच, उन्नत सिरेमिक और कुछ सीमेंट सिस्टम जैसी वस्तुओं यथा चूना, प्लास्टर की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। ऐसे में सिरेमिक न केवल मिट्टी की कलाकृतियाँ बल्कि कई अन्य वस्तुओं को भी अपने में शामिल किए हुए हैं। 

सिरेमिक मिट्टी, पानी, मिट्टी के प्रदार्थ, अन्य खनिज (फेल्सपार, क्वार्टज का मिश्रण) और चूना इत्यादि को गर्म कर बनाया जाता है। मिट्टी और मिट्टी पाउडर से बनाये जाने के कारण इसे मनचाही आकृति दी जा सकती है। यह देखने में क्रिस्टलिय कांच जैसा या मार्बल के समान प्रतीत होता है। इससे ईंट, टाइल्स और कांच के उत्पाद बनाये जा सकते हैं। इनके अतिरिक्त उसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और हवाई जहाज में भी किया जाता है। 

सिरेमिक टाइल्स - 


सिरेमिक मिट्टी और अन्य प्रदर्थो से बनाया जाता है, ऐसे में सिरेमिक टाइल्स मिट्टी और अन्य तत्वो से जो धात्विक नहीं है से बनी हुई टाइल्स होती है। मिट्टी और अन्य तत्वो का पाउडर बना इसे चपाट टाइल्स के समान आकृति दी जाती है। इसके पश्चात् इसे गर्म ताप दे कठोर बनाया जाता है। यह प्रक्रिया ठीक उसी प्रकार की है, जो कुंभकार मटके को पकाने के लिए उपयोग लेता है। ऐसी टाइल्स मिट्टी से बनाई जाने के कारण इसे विभिन्न रंग, आकार और पैटर्न दिए जा सकते हैं। 

सिरेमिक टाइल्स मिट्टी से बनी हुई होने के बावजूद इसे गर्म ताप पर पकाये जाने से यह मजबूत हो जाती है। जिससे यह पानी का अवशोषण नहीं करती है और इसे इस तरीके से चिकना किया जाता है, जिससे पानी इस पर टिक भी नहीं सकता है। इसी के कारण ऐसी टाइल्स को को आपने आपने बाथ रुम, किचन और घरों में लगे हुए देखा होगा। ऐसी टाइल्स एक तरफ मार्बल के मुकाबले में सस्ती होती है तो दूसरी ओर उनका आकार छोटा होने और अधिक चिकनी होने के कारण साफ-सफाई भी आसान होती है। 

सिरेमिक टाइल्स के प्रकार - 


सिरेमिक कोई विशेष धातु या कार्बन नहीं है। यह मिट्टी और अन्य कई तत्वो के मिश्रण से बनाया जाता है। ऐसे में सिरेमिक टाइल्स के निर्माता इनमे विभेद करने के उदेश्य के साथ ही ग्राहको की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इनमे विभेद करते हैं, जिससे इसके कई प्रकार बनते हैं। सिरेमिक टाइल्स के कई प्रकार है, सभी पर प्रकाश डाला जाना सम्भव नहीं है, ऐसे में इसके कुछ मोटे प्रकार इस तरह से है - 

पोर्सिलेन सिरेमिक टाइल्स -


यह सबसे ज्यादा उपयोग में लिया जाने वाला प्रकार हैं। यह देखने में चीनी मिट्टी के बर्तन के समान प्रतीत होती है, चीनी मिट्टी भी एक प्रकार का सिरेमिक ही है। इस प्रकार की टाइल्स को मजबूत और टिकाऊ बनाने के उदेश्य से बहुत हाई टेंपरेचर्स पर पकाया जाता है। बहुत अधिक तापमान पर पकाए जाने के परिणामस्वरूप इसके कण घने हो जाते हैं, जिससे यह अधिक टिकाऊ होती है। 

इस प्रकार की टाइल्स उच्च तापमान पर पकाये जाने से पानी, दाग और खरोंच के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी (resistant) होती है। इसकी मजबूती के कारण इसका जो इनडोर और आउटडोर दोनों प्रकार का उपयोग होता है। पोर्सिलेन टाइल मैट, पॉलिश और बनावट वाली सतहों सहित रंग, पैटर्न और फिनिश की वाइड रेंज में उपलब्ध है।

ग्लेज्ड सिरेमिक टाइल्स -


ग्लेज़्ड यानी चमकता हुआ, ऐसे में इस प्रकार की टाइल्स की ऊपरी सतह चमकदार होती है। इसे चमकदार बनाने के लिए सिरेमिक टाइल को कांच जैसी परत से रंगा जाता है, यह ठीक उसी प्रकार से है जैसा ज्वेलरी में होता है। इस परत लगाने की प्रक्रिया को शीशा लगाना कहा जाता है। यह शीशे जैसी परत चमक देने के साथ ही ग्लेज़ टाइल को सुरक्षा प्रदान करती है,। इस प्रकार के सुरक्षा कवच से दाग और नमी के लिए टाइल्स प्रतिरोधी बन जाती है। ग्लेज़्ड सिरेमिक टाइल वाइब्रेंट रंगों और पैटर्न्स में बाजारों में उपलब्ध होती है। चमक और रंगों के कारण यह सजावटी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उपयोग में ली जाती है। 

टेराकोटा टाइल्स -


मिट्टी की ऐसी टाइल्स जिनमे नाममात्र की भी चमक नहीं होती है, उन्हें टेराकोटा टाइल्स कहा जाता है। यह लाला-भूरे रंग की होती है। यह प्राकृतिक मिट्टी से बनी हुई टाइल्स होती है। गांवों में इस प्रकार की टाइल्स का उपयोग छप्पर बनाने के लिए भी किया जाता है। 

इसके अतिरिक्त सिरेमिक की टाइल्स का उपयोग पेट्रोल पंप और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लॉकिंग रोड बनाने के लिए किया जाता है। ऐसी लॉकिंग रोड पर गाड़ियां अधिक ग्रिप करती है, जिससे दुर्घटना होने की प्राययिकता कम हो जाती है। 

सिरेमिक टाइल्स के तत्व - 


सिरेमिक मिट्टी और अन्य कई अधात्विक तत्वो के संयोजन से बनता है, इसके तत्व निम्नलिखित है - 
  1. मिट्टी - सिरेमिक बनाने के लिए सबसे आवश्यक तत्व मिट्टी है। सिरेमिक बनाने के लिए एक विशेष प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता होती है, इसके लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी राजस्थान के बीकानेर जिले में मिलती है। 
  2. खनीज - सिरेमिक मिट्टी से बनता है, इसे मजबूती देने के लिए मिट्टी में फेल्सपार, क्वार्टज और अन्य आवश्यकता के खनिज मिलाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त ग्लेज्ड टाइल्स बनाने के लिए शीशा भी काम में लिया जाता है। 
  3. पानी - मिट्टी और अन्य खनिजों के पाउडर को गिला करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। ऐसा कुम्हार भी मिट्टी को गिला करने के लिए करते हैं। मिट्टी को गिला करने से ही इसे निश्चित आकार दिया जा सकता है। 
  4. रंग - अक्सर मिट्टी अथवा सिरेमिक की टाइल्स हम देखते हैं सभी रंगीन होती है। उन सभी पर विभिन्न डिजायन बनी हुई होती है। यह सभी डिजायन विशेष रंगों द्वारा बनाई जाती है, इसके लिए रंग की आवश्यकता होती है। 
इसके अतिरिक्त भी कुछ खनिज मिलाए जा सकते हैं, जिससे सिरैमिक को मजबूती मिल सके। राजस्थान में सिरेमिक बनाने की मिट्टी की उपलब्धता होने के बावजूद पानी की कमी होने के कारण इसका निर्माण राजस्थान से बाहर उत्तर प्रदेश में किया जाता है। 

सिरेमिक टाइल्स का उपयोग - 

अब तक आप सिरेमिक टाइल्स के बारे में पढ़ते हुए बहुत कुछ जान ही गए हैं। लेकिन फिर भी हम इसके उपयोग के बारे में एक बार आपको बढ़िया तरीके से बता देते हैं, जिससे आप अच्छी तरीके से समझ सके कि आखिर सिरेमिक टाइल्स को किस उपयोग में लिया जाता है? इसके कुछ प्रचलित उपयोग निम्नलिखित है - 
  1. बाथरुम में - सिरेमिक टाइल्स का सर्वाधिक उपयोग बाथरुम में किया जाता है। ऐसी टाइल्स का बाथ रुम में उपयोग किए जाने से गन्दा पानी दिवारों पर नहीं लगता है, टाइल्स चिकनी होने से फिसल कर गिर जाता है। साथ ही बाथ रुम की सफाई भी आसान हो जाती है। 
  2. घर का आँगन - सिरेमिक टाइल्स एक तरफ मार्बल के मुकाबले में सस्ती होती है तो दूसरी तरफ इसके कई रंग आते हैं। ऐसे में व्यक्ति खिड़की, दरवाजे और पर्दों के रंग की टाइल्स को आँगन में में लगा सकता है। दूसरी तरफ जब व्यक्ति कमरे की दिवारों पर टाइल्स लगाना चाहता है, तो ऐसी टाइल्स को ही उपयोग में लिया जाता है। ऐसी टाइल्स का उपयोग करने से आँगन मजबूत बनने के साथ साफ भी रहता है। 
  3. किचन - घर में बाथ रुम के बाद सर्वाधिक गिला रहने वाला स्थान होता है, किचन। जैसे बाथरूम को साफ रखने के लिए सिरेमिक टाइल्स का उपयोग किया जाता है, ठीक उसी प्रकार किचन को भी साफ रखने के लिए ऐसी टाइल्स का उपयोग किया जाता है। किचन में ऐसी टाइल्स लगाने से दाग धब्बे लगने और दिवार के काली होने (साफ सफाई सम्भव) की संभावना शून्य हो जाती है। साथ ही मिट्टी की टाइल्स होने से मार्बल की अपेक्षा अधिक ठंडक बनी रहती है। 
  4. छत - आजकल लोग सिरेमिक टाइल्स का उपयोग छत के लिए भी करते है। छत डालने के बाद उस पर सिरेमिक टाइल्स को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़कर लगाया जाता है। ऐसा करने से छत से पानी टपकने की समस्या कम हो जाती है। 
  5. सजावट - कई लोग घर को आकर्षक बनाने के उदेश्य से घर में सिरेमिक टाइल्स लगाते है। सिरेमिक टाइल्स लगाने से घर में एक चमक आ जाती है। पहले ऐसी टाइल्स का उपयोग किसी स्थान विशेष तक सीमित था, जो अब पूरे घर के लिए किया जाने लगा है। ऐसा करने से घर साफ भी रहता है। 
सिरेमिक टाइल्स का घर में उपयोग किए जाने से घर का प्लास्टर गिरता नहीं है। ऐसे ही टाइल्स के लगाए जाने से पानी भी रुकता नहीं है। इन्हीं कारणों को ध्यान में रखते हुए ऐसी टाइल्स का उपयोग किया जाता है। महज मिट्टी से बनी हुई टाइल्स का उपयोग छत बनाने के लिए भी किया जाता है। 

सिरेमिक टाइल्स के लाभ -


सिरेमिक टाइल्स को घर या दुकान में लगाए जाने से मकान मालिक को निम्नलिखित लाभ होते हैं। 
  1. सिरेमिक टाइल्स लगाए जाने से घर या दुकान का आँगन और दिवार मजबूत हो जाती है। क्योंकि यह सीमेंट की टाइल्स के मुकाबले में मजबूत होती है।
  2. सिरेमिक टाइल्स का उपरी हिस्सा चिकना होता है, जिससे इस पर आसानी से दाग धब्बे नहीं लगते हैं। अगर लग भी जाए तो इन्हें आसानी से साफ किया जा सकता है। 
  3. सिरेमिक टाइल्स के चिकने हिस्से के कारण सफाई आसान हो जाती है। ऐसे ही घर की दीवारों पर इसके उपयोग किए जाने से पूरे घर को पानी से भी बिना किसी डर के साफ किया जा सकता है। 
  4. जहां नमी अधिक होती है, वहाँ दिवारें अक्सर गिली रहती है और दिवारों से कमरे में नमी आती है, जिससे सीमेंट का प्लास्टर झड़ने लगता है। सिरेमिक टाइल्स इस समस्या को जड़ से समाप्त कर देती है। 
  5. सिरेमिक टाइल्स को कटर से आसानी से काटा जा सकता है, जिसके कारण इन्हें आवश्यकता के अनुरूप कटिंग कर कहीं भी लगाया जा सकता है। 
  6. मार्बल की अपेक्षा में सिरेमिक टाइल्स हल्की होती है, जिससे टाइल्स के गिरने के चांस कम हो जाते हैं। अगर गिरती भी है तो भारी चोट नहीं लगती है। मार्बल की ऐसी टाइल्स गिरने से व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। 
  7. घर की दिवारों पर सिरेमिक टाइल्स लगा देने से घर में रंग की आवश्यकता नहीं पड़ती है। 
इनके अतिरिक्त कमरे में पूरी रोशनी और दीवारों पर छीलन के दाग धब्बे नजर नहीं आते हैं। ये टाइल्स मार्बल के मुकाबले सस्ती भी होती है, जिससे कम बजट में भी इन्हें लगाया जा सकता है। 

अन्य प्रश्न - 


प्रश्न - राजस्थान में सिरेमिक जोन कहाँ स्थापित किए गए? 

उत्तर - राजस्थान में दो सिरेमिक जोन है। राजस्थान में प्रथम सिरेमिक जोन घिलोट (अलवर) और दूसरा अजमेर जिले में स्थापित किया जाना है। 

प्रश्न - राजस्थान में सिरेमिक प्रयोगशाला कहाँ स्थपित की गई है? 

उत्तर - राजस्थान में सिरेमिक जांच की एकमात्र प्रयोगशाला बीकानेर मे है। 

प्रश्न - राजस्थान के किस शहर को 'सिरेमिक सिटी' कहा जाता है? 

उत्तर - राजस्थान के बीकानेर शहर को सिरेमिक सिटी कहा जाता है। 

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