कई बार हम जगह का कोई विशेष नाम सुनकर सोचते हैं कि यह नाम कैसे पड़ा होगा? इसका क्या कारण रहा होगा? जब ऐसा ही नाम किसी दूसरी जगह का भी सुनने को मिले तो हैरानी होने लगती है कि ऐसा ही नाम यहां पर भी। ऐसा ही एक नाम है कोतवाली जो कई शहरों में सुनने को मिलता है।
कोतवाली तो सबने सुना होगा। लगभग सभी शहर में एक थाना होता है, जिसे कोतवाली कहा जाता है। कई बार इस थाने के आसपास के क्षेत्र को भी कोतवाली कहा जाता है। यह नाम सुनकर आपके मन में जरुर ख्याल आता होगा कि यह कोतवाली नाम कैसे पाड़ा होगा?
कोतवाली क्या होता है?
कोतवाली का अर्थ ऐसी जगह से है, जहां कोतवाल का कार्यालय होता है। कोतवाली का संदर्भ वर्तमान में पुलिस स्टेशन या थाने से होता है। लेकिन पहले के ज़माने में कोतवाली का अर्थ पुलिस के बड़े अधिकारी या जेल अधीक्षक के रूप में होता था। कोतवाली और कोतवाल शब्द मुगल काल से लेकर ब्रिटिश शासन के दौरान भी प्रचलन में रहा। यह कोई नया शब्द नहीं हैं। अब कोतवाली नाम से शहरों में एक थाना देखने को मिलता है।
कोतवाली शब्द पुलिस थाने के लिए आम बोलचाल में उपयोग किया जाता है। इतना ही नहीं आज भी कई शहरों के पुराने थाने के नाम कोतवाली है। राजस्थान के लगभग सभी पुराने शहरों में एक थाने का आधिकारिक नाम कोतवाली पुलिस थाना है। अब आधिकारिक रूप से पुलिस थाने को कोतवाली नहीं कहा जाता किन्तु आधिकारिक रूप से जगह का नाम कोतवाली है। यह नाम कोतवाल के कार्यालय के कारण से प्रचलन में आता। ऐसे में कोतवाल का अर्थ जान लेना चाहिए।
कोतवाल का अर्थ -
कोतवाल का अर्थ भारत में पुलिस अधिकारी के लिए उपयोग में लिया जाता है। कोतवाल जिले या नगर का वह अधिकारी होता है, जिस पर नगर की शांति का प्रभार होता है। यह अधिकारी नगर के मुख्य भाग में निवास करता हैं और वहाँ ही इसका कार्यालय होता है। कोतवाल शहर का सबसे बड़ा अधिकारी होता है, जिसके नीचे पूरे शहर का पुलिस तंत्र काम करता हैं, उदाहरण के लिए पुलिस सुपरिटेंडेंट। इस अधिकारी के नीचे कई पुलिस स्टेशन और पुलिस निरीक्षक होते हैं। साथ ही इस अधिकारी पर जिले और नगर के जेल के देखरेख का भी प्रभार रहता है।
वर्तमान में कोतवाल नाम से कोई आधिकारिक पोस्ट या पद नहीं है। मुगल काल और ब्रिटिश शासन के दौरान प्रमुख नगरों m में शांति व्यवस्था की स्थापना के लिये जो अधिकारी नियुक्त किए जाते थे, उन्हें कोतवाल कहा जाता था। इसी के कारण आज भी कोतवाल शब्द प्रचलन में है। उसी के कारण आज भी पुलिस थाने के थानेदार को कोतवाल कहा जाता है।
कोतवाल से कोतवाली तक -
पहले (आजादी के पूर्व) जहां कोतवाल का कार्यालय होता था, उस स्थान को पुलिस थाने में तब्दील कर दिया। कोतवाल के कार्यालय से थाने अथवा पुलिस स्टेशन में तब्दील हुए थाने को कोतवाली पुलिस थाना कहा जाता है। इसी के चलते आज भी कई शहरों में कोतवाली पुलिस थाना हैं।
आज भी शहर के पुराने थाने का नाम कोतवाली होने का कारण पहले किसी ज़माने में ब्रिटिश राज द्वारा नियुक्त किए गए कोतवाल कार्यालय के कारण उस स्थान विशेष को ही कोतवाली कहा जाने लगा। इसी के कारण थाने का नाम भी कोतवाली हो गया। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि आपके शहर में जो कोतवाली है, वो सबसे पुराना थाना है।
आज कोतवाली थाने में थानेदार होते हैं, जो कोतवाल नहीं है। कोतवाल तो जिले भर का अधिकारी होता है, वो आज के ज़माने में देखा जाए तो पुलिस सुपरिटेंडेंट हो सकता है। किंतु आपको पुनः बता दे कि अब पुलिस महकमें में कोतवाल नाम की कोई पोस्ट नहीं है, बस जगह के कारण कोतवाली थाने आधिकारिक रूप से जरुर देखने को मिल जाते हैं।
कोतवाल शब्द का इस्तेमाल -
आज भारत के किसी भी राज्य में आधिकारिक रूप से पुलिस महकमे में कोतवाल का पद नहीं है। किंतु आज भी भारत में कोतवाल और कोतवाली शब्द का प्रयोग बहुतायत मिल जाता है। खासतौर से मुहावरों में कोतवाल शब्द का उपयोग किया जाता है। मुहावरों के अर्थ को निकाला जाए तो साफ पता चल जाता है कि कोतवाल का अर्थ क्या होता है? और इस शब्द का इस्तेमाल कहां किया जाता है? तो पढ़े यह मुहावरा -
"उल्टा चोर कोतवाल को डांटे"
इस मुहावरे का अर्थ है कि अपराधी (चोर) अपना गुनाह स्वीकार करने की बजाय कोतवाल (पूछने वाले को) को ही गुनाहगार ठहरा रहा है। अथवा चोर उल्टा कोतवाल को डांट ही रहा है। इसे यूं समझे कोतवाल के पास चोर को डांटने का अधिकार है, उसे यह अधिकार सरकार द्वारा प्रदत्त है। किंतु कोतवाल द्वारा चोर को डांटने की बजाय चोर ही कोतवाल को डांट लगा रहा है।
ऐसी स्थिति कभी कभार देखने को मिल जाती है। किसी व्यक्ति द्वारा गलती किए जाने पर पुलिस उसे घर पर तलाशने जाती है तो व्यक्ति पुलिस को ही डांटने लगता है और चिल्ला-चिल्ला कर पूछता है कि किसको पूछकर घर में घुसे हो? ऐसी ही स्थिति के लिए इसका जिक्र है। इससे साफ पता चलता है कि चोर को डांटने का पुलिस को अधिकार है। ऐसे में कोतवाल का अर्थ पुलिस या पुलिस अधिकारी से है।
अब आप इस मुहावरे को देखे -
"सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का"
उपर्युक्त मुहावरे से आशय है कि जब सैयां यानी पति पुलिस अधिकारी है तो डर किस बात का। पति थानेदार है तो जो मर्जी आए वो करो, उसके ऊपर कोई नहीं है नगर में जो तुम्हें गिरफ्तार कर सके। ऐसे में इस मुहावरे से स्पष्ट है कि कोतवाल के पास किसे गिरफ्तार करना है और किसे नहीं, यह अधिकार उसके पास सुरक्षित हैं। इस मुहावरे से स्पष्ट है कि कोतवाल का पद थानेदार से बड़ा होता है।
कोतवाली और थाने में अन्तर -
कई लोग कोतवाली और थाने को एक ही समझते हैं। ऐसा इसलिए समझा जाता है क्योंकि कई नगरों में थाने का नाम कोतवाली होता है। लेकिन सच कहें तो थाना और कोतवाली दोनों एक नहीं दो, दोनों अलग है। कोतवाली अब आधिकारिक रूप से कोई अस्तित्व नहीं है। अब जो कोतवाली है वो किसी स्थान विशेष का नाम है। कोतवाली कोई सरकारी कार्यालय नहीं है और ना ही कोतवाल का कोई पद।
कोतवाली शब्द आधिकारिक तौर पर ब्रिटिश राज के साथ समाप्त हो गया। कोतवाली ब्रिटिश राज के दौरान एक पुलिस अधिकारी का कार्यालय होता था, अब वो पद नहीं रहा। उस स्थान पर जो पुलिस थाना संचालित हो रहा है उसे कोतवाली पुलिस थाना कहा जाता है। यह ठीक उसी तरीके से है जैसे मालवीय नगर पुलिस थाना। मालवीय नगर पुलिस थाना में, मालवीय नगर क्षेत्र का नाम है, ठीक उसी तरह कोतवाली पुलिस थाना में कोतवाली जगह का नाम है।
थाना या पुलिस स्टेशन वर्तमान कानून व्यवस्था में एक ऐसा स्थल है, जो थानेदार (सब इंस्पेक्टर या सर्कल इंस्पेक्टर) के अधीन होता है और उस पर एक निर्धारित क्षेत्र विशेष की शांति व्यवस्था की जिम्मेवारी होती है। थाना शब्द आधिकारिक शब्द है जिसे अंग्रेजी में पुलिस स्टेशन (police station) कहा जाता है। इसका प्रमुख थानेदार होता है जिसके नीचे असिस्टैंट सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल होते हैं। थाने के नियंत्रण में पुलिस चौकी भी होती है।
ऐसे में स्पष्ट रूप से कहें तो थाना या पुलिस स्टेशन शांति व्यवस्था को कायम करने की पुलिस प्रशासन की एक इकाई है। जहां एफआईआर और मुकदमे दर्ज होते हैं। यह वर्तमान में आधिकारिक रूप से से एक इकाई है, जिसे कानून के द्वारा निर्मित किया गया है। इसी प्रकार ब्रिटिश राज के दौरान जिले या नगर की शांति व्यवस्था को बनाए रखने वाले अधिकारी को कोतवाल और उसके कार्यालय को कोतवाली कहते थे। ऐसे में स्पष्ट है कि थाना शांति व्यवस्था की एक इकाई है आज के दौर की और कोतवाली पर ब्रिटिश राज के दौरान जिम्मा होता था जिले भर का। ऐसे में कोतवाली और थाना अलग-अलग है। अगर दोनों की समानता को देखा जाए तो कोतवाली के पास उस समय जेल अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक दोनों के पास जो शक्तियां है, उतनी कोतवाल के पास होती थी। ऐसे में कोतवाली बहुत बड़ा हुआ करता था, थाने के मुकाबले में।
क्या पुलिस चौकी को कोतवाली कहते हैं?
जी नहीं पुलिस चौकी को कोतवाली नहीं कहा जाता है। पुलिस चौकी एक पुलिस थाने या पुलिस स्टेशन के नियंत्रण में होती है। चौकी से तात्पर्य - निगरानी स्थल से हैं। यह एक ऐसी जगह होती है, जहां से किसी क्षेत्र विशेष की निगरानी की जा सकती है। पुलिस चौकी वर्तमान शांति व्यवस्था की बिट से थोड़ी बड़ी कड़ी है। इसके पास पुलिस थाने के समान अधिकार नहीं होते हैं और ना ही पुलिस थाने के समान स्टाफ।
पुलिस चौकी में पुलिस थाने की तरह ना एफआईआर दर्ज की जाती है और ना ही यहां पुलिस थाने की तरह सब इंस्पेक्टर और सर्कल इंस्पेक्टर तैनात होते हैं। यह चौकी हेड कांस्टेबल या असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर द्वारा नियंत्रित की जाती है। जो किसी स्थान विशेष की निगरानी में भूमिका निभाती है। किसी आपदा के समय चौकी का स्टाफ थाने या कंट्रोल रूम से स्टाफ बुला सकता है।
अन्य प्रश्न -
प्रश्न - कोतवाली थाना का अर्थ क्या होता है?
उत्तर - कोतवाली एक जगह का नाम है, जो ब्रिटिश राज में कोतवाल कार्यालय के नाम पर पड़ा। आज उस जगह पर जो पुलिस स्टेशन बना हुआ है, उसे कोतवाली पुलिस स्टेशन या कोतवाली पुलिस थाना कहा जाता है। यह कोई विशेष थाना नहीं सभी पुलिस थाने जैसा ही एक थाना हैं।
प्रश्न - कोतवाल क्या होता है?
उत्तर - ब्रिटिश राज के दौरान जिले या नगर की शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी जिस पुलिस अधिकारी के पास होती थी, उसे कोतवाल कहा जाता है। कोतवाल वर्तमान पुलिस व्यवस्था में कोई पद नहीं है। यह ब्रिटिश राज के साथ ही समाप्त हो गया।
प्रश्न - कोतवाली किस जगह को बोला जाता है?
उत्तर - कोतवाली उस जगह को बोला जाता है, जहां ब्रिटिश राज के दौरान कोतवाल (जिले या नगर की शांति व्यवस्था को बनाए रखने का सरकारी अधिकारी) का कार्यालय हुआ करता था। वर्तमान में इस जगह पर पुलिस थाने बने हुए हैं, जिन्हें कोतवाली पुलिस थाना कहा जाता है।
प्रश्न - क्या कोतवाल और थानेदार एक ही होते हैं?
उत्तर - नहीं, दोनों एक नहीं है। कोतवाल अंग्रेजी शासन काल के दौरान पूरे जिले का पुलिस अधिकारी हुआ करता था लेकिन थानेदार एक थाने का अधिकारी होता है। एक जिले में कई थाने होते हैं। थानेदार वर्तमान पुलिस प्रशासन मे एक पद है। कोतवाल का पद वर्तमान पुलिस प्रशासन में नहीं है, यह ब्रिटिश राज के साथ ही समाप्त हो गया।
प्रश्न - कोतवाल को अँग्रेजी में क्या कहते हैं? Kotwal in English.
उत्तर - कोतवाल को अँग्रेजी में 'ए chief police officer of district or city and town magistrate कहा जाता है ।
कोतवाल
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