इटली की चर्चा भारतीय राजनीति में पिछले कई दशकों से होती आ रही है। इटली की चर्चा भारतीय राजनीति में तब आम हुई जब बोफोर्स तोप खरीद घोटाला हुआ। जब इस घोटाले में इटली के बिचौलिये ओटावियो क्वात्रोच्चि का नाम जुड़ा। उसके बाद से भारतीय राजनेताओं के साथ ही जनता के नाम पर इटली का नाम चर्चा में रहा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी पहले (शादी के पूर्व) इटली की नागरिक थी उस नाते या राहुल गांधी के नौनिहाल के नाते। या इटली की रक्षा कंपनी 'अगस्ता वेस्टलैंड' से हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला। लेकिन वर्तमान में, इटली की चर्चा का कारण कोई घोटाला नहीं, बल्कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के व्यावहार, शैली और उनके द्वारा गर्मजोशी से मेहमानों के स्वागत से है।
जॉर्जिया मेलोनी कौन है?
जॉर्जिया मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री है। यह दक्षिणपंथी विचारधारा वाले दल 'ब्रदर ऑफ इटली' की राजनेता हैं। मेलोनी अक्टूबर, 2022 से इटली की प्रधानमंत्री है। अक्तूबर, 2022 में इटली में संपन्न हुए आम चुनाव में उनकी पार्टी ने कुल वोट मे 26% हिस्सा प्राप्त कर सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी। तब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपनी तेज-तर्रार और स्वभाव में गर्मजोशी और हंसमुख व्यावहार रखने वाली इस कुशल नेता को अपने दल का प्रमुख चुनकर देश के सर्वोच्च पद पर आसीन किया।
जॉर्जिया मेलोनी इटली की 38 वीं प्रधानमंत्री है। इनका जन्म 15 जनवरी, 1977 को हुआ। 47 वर्षीय इस राजनेता ने बहुत कम उम्र में देश का सर्वोच्च पद हासिल कर लिया। मेलोनी दक्षिणपंथी विचारधारा की समर्थक होने के नाते यह हमेशा से रूढ़िवाद की हितैषी रही है।
सन् 1992 में, 22 वर्ष की अवस्था में, मेलोनी इटालियन सोशल मूवमेंट (एमएसआई) की युवा शाखा की सदस्य बन गई। यह शाखा 1946 में इटली के फासीवाद के पूर्व अनुयायियों द्वारा स्थापित शाखा का एक नव-फासीवादी राजनीतिक दल था। बाद में मेलोनी नेशनल अलायंस (एएन) से जुड़ कई के छात्र आंदोलन किए और स्टूडेंट एक्शन की राष्ट्रीय नेता के रुप में उभरकर सामने आई। जो फासीवाद के बाद की पार्टी थी, जो 1995 में एमएसआई की कानूनी उत्तराधिकारी बनी।
इनकी छात्र राजनीति के आगे की राजनीतिक पारी की शुरुआत एक पार्षद के रूप में शुरू हुई। 1998 से 2002 तक यह रोम प्रांत की पार्षद रही। इस समय यह नैशनल अलायंस की यूथ अध्यक्ष भी रही। वर्ष 2008 से 2011 तक बुर्कलोनी सरकार मे मंत्री भी रही। आगे चलकर नैशनल अलायंस से FDI की स्थापना 2012 में की, जिसकी यह 2014 में अध्यक्ष बनी। यह पार्टी 2022 में आम चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रही। FDI की जीत के बाद मेलोनी इटली की प्रधानमंत्री चुनी गई।
भारत में क्यों प्रसिद्ध है मेलोनी?
जॉर्जिया मेलोनी इटली के साथ भारत में भी काफी प्रसिद्ध है। मेलोनी भारत में उस समय प्रसिद्ध हुई जब वह सितंबर, 2023 में 'जी-20 शिखर सम्मेलन' में इटली का प्रतिनिधित्व करने के लिए सम्मेलन में शामिल होने भारत आई। इस शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वह कई बार खुलकर बातचीत करती हुई नजर आई। नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री के मध्य एक गर्मजोशी का माहौल में बातचीत करने का नज़ारा कई बार कैमरो में कैद हुआ। इन दृश्यों के सामने आने के बाद भारतीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा मेलोनी पर मीम की बाढ़ ला दी।
भारत में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन का मेलोनी राष्ट्रीय मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक केंद्र बिंदु बनी रही। यह सब मेलोनी के मिलनसार व्यक्तित्व को उजागर करने में सक्षम रहा। मेलोनी का हँसमुख चेहरा और मिलनसार व्यक्तित्व खूब सराहा गया। इसके बाद से मेलोनी को लेकर भारतीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी गई। लेकिन यह सब उसके व्यक्तित्व और व्यावहार में चार चांद लगा लगाने में कामयाब रही।
इस शिखर सम्मेलन के बाद मेलोनी के हंसमुख चेहरे को एक बार पुनः सोशल मीडिया से राष्ट्रीय टीवी चैनल पर उस वक़्त दिखाया, जब नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव, 2024 के बाद इटली में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। इस समय मेलोनी ने नरेंद्र मोदी का स्वागत हाथ जोड़कर किया। हाथ जोड़ कर स्वागत के कारण इसे भारतीय संस्कृति और परंपरा से जोड़कर पुनः मीम की बाढ़ आ गई।
जॉर्जिया मेलोनी की खास बाते -
जॉर्जिया मेलोनी एक प्रसिद्ध इटली की राजनेता है। इसकी प्रसिद्धि के कुछ विशेष कारण भी है। मेलोनी की कुछ खास बाते -
- मेलोनी छात्र राजनीति से निकलकर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंची।
- मेलोनी बहुत ही कम उम्र में सोशल मूवमेंट से जुड़ गई।
- एक पार्षद पद से निकलते हुए देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हुई है।
- अपने द्वारा बनाये दल को बहुमत तक पहुंचा अपने दल की पहली प्रधानमंत्री बनी।
- जॉर्जिया मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री है।
- मेलोनी ने अपने देश में सम्पन्न हुए जी-7 के दौरान सभी मेहमानों का हाथ जोड़कर स्वागत किया। इस कारण इन्हें भारत में खूब प्रसिद्धि मिली।
- मेलोनी खुद को मुसोलिनी का वारिस बताती है, लेकिन खुद फासीवाद का समर्थक होने से लगातार इंकार करती रही है। ऐसा इनके छात्र संघठन का फासीवाद से सम्बंध होने के कारण है। इसी छात्रसंघ के बलबूते पर इन्होंने देश की राजनीति में खुद को स्थापित किया।
- इन्हें हमेशा से फासीवाद से जोड़ा गया, लेकिन हर बार अपने पर फासीवाद के लगते आरोप से निरंतर खंडन किया।
- मेलोनी LGBTQ की घूर विरोधी रही है। अपने देश में इसे मान्यता देने और ऐसी शादी के खिलाफ रही है।
- यह गोद के भी खिलाफ रही है। इनका मानना है कि माता-पिता से ही सन्तान होनी चाहिए।
- मेलोनी इच्छामृत्यु के खिलाफ है।
- मेलोनी ने फोर्ब्स की पावरफुल महिलाओ की सूची में चोथा स्थान सर्वश्रेष्ठ हासिल किया है।
मेलोनी का ब्रेक-अप -
मेलोनी का अपने पार्टनर एंड्रिया जियाम्ब्रुनो से वर्ष 2023 में एक विवाद के बाद ब्रेकअप हो गया था। इनके पार्टनर पर एक टीवी कार्यक्रम के दौरान रेप पीड़िता पर गलत कमेंट करने का आरोप था। इस घटना के बाद मेलोनी ने ब्रेक-अप का ऐलान कर दिया था।
इनका ब्रेक-अप भी भारत में चर्चा का विषय रहा था। इस दौरान भी खासतौर से भारतीय सोशल मीडिया में खूब मीम बने।
प्रश्न - जॉर्जिया मेलोनी के husband पति का नाम क्या है?
उत्तर - जॉर्जिया मेलोनी शादीशुदा नहीं है। पहले यह एंड्रिया जियाम्ब्रुनो के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी। इनका अपने बॉयफ्रेंड से वर्ष 2023 में ब्रेक-अप हो गया।
प्रश्न - जॉर्जिया मेलोनी की age (उम्र) कितनी है?
उत्तर - जॉर्जिया मेलोनी की उम्र 47 वर्ष हैं।
प्रश्न - इटली की प्रधानमंत्री का नाम क्या है?
उत्तर - इटली की प्रधानमंत्री का नाम जॉर्जिया मेलोनी है।
प्रश्न - इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी का नाम क्या है?
उत्तर - इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी का नाम राइट ब्रदर पार्टी ऑफ इटली नाम है।
प्रश्न - इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी भारत में क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर - इटली की प्रधानमंत्री वैश्विक मंच पर हाथ जोड़कर नमस्कार करने के साथ ही भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी है, इसी के कारण यह भारत में बहुत प्रसिद्ध है।
0 टिप्पणियाँ