घर बनाना हर किसी का सपना होता है, और सपनों का अपना घर हो तो क्या कहना? हर किसी की तमन्ना होती है कि उसका अपना घर ऐसा हो जो आवास के योग्य होने के साथ ही नेत्र प्रिय और निहारने में भी उत्कृष्टता का नमूना हो। वास्तुकला ऐसी कि मन मोह ले, देखने वाला अपनी नजर को हटा ना सके। घर के जोड़ और नींव मजबूत हो। ऐसा मजबूत घर हो जिस पर सर्दी, गर्मी या बरसात का कोई असर ही ना हो।
आजकल लोग शान शौकत के लिए मोटर कार रखना अनिवार्य सा समझने लगे हैं। इसी के कारण घर में चौपहिया वाहनों को रखने के लिए गैराज का होना और मकान में हवेलीनुमा लुक (दृश्य) के होने का चलन तेजी से बढ़ रहा हैं। घर का अग्र भाग खुला और आंतरिक भाग हवादार हो। घर की छत और दिवारें इतनी मजबूत हो की घर के झुकने या गिरने का कोई खतरा ही ना रहे। घर बनाने और खरीदने वालों की ऐसी आवश्यकताओं को को ध्यान में रखते हुए आजकल जो घर बनाए जा रहे हैं, उनमे आगे कि तरफ ऐसे मजबूत पिलर बनाये जाते हैं, जिससे वास्तुकला के साथ मजबूती का बेजोड़ नमूना घरों में देखा जा सके। जोधपुर के पत्थर के उपयोग से आप बेहद आकर्षक और बजट में एक सुन्दर और अपने सपनो का घर बना सकते हैं। जोधपुर के पत्थर से डिजाइन घर बनाने के लिए यह पढ़े
आजकल बढ़ती हुई इंटीरियर डिजायन और फैशन ने घर को सांस्कृतिक झलक की ओर मोड़ दिया है। ऐसी ही अनोखी वास्तुकला से परिपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक झलक को पेश करते हुए मजबूत घर बनाने और शानदार, अद्वितीय और अनुपम लुक देने के लिए आपको आवश्यकता होती है अग्र भाग के लिए डिजायनदार पत्थर के पिलरों की। जहां एक तरफ पिलरों की डिजायन से घर का आकर्षण आता है तो दूसरी ओर घर की मजबूती इन्हीं पिलर पर टिकी हुई होती है। ऐसे में नया घर बनाते समय मजबूती और डिजाइन दोनों को बराबर का महत्व दिया जाना चाहिए।
घरों में पिलर: अद्वितीय आकर्षण -
पिलर का अर्थ आधार स्तंभ से होता है। आपने कभी पुराने ज़माने की कोई ऐतिहासिक हवेली या मंदिर को देखा होगा जिसकी सम्पूर्ण सरंचना स्तंभों पर टिकी हुई होती है, इसे ही पिलर कहते हैं। घरों को भी अत्यधिक हवादार बनाने या अग्रभाग में बरामदा (एक तरफ से स्तंभ लगाकर ओसारा बनाना) या छज्जा लगाने के लिए पिलर कि आवश्यकता होती है। घरों में इस तरह के पिलर सैंड स्टोन पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर या सीमेंट और कंक्रीट से बनाए जाते हैं।
आजकल घरों के आगे शानदार लुक देने के उदेश्य से बालकनी लगाने, सज्जा बनाने और विभिन्न प्रकार कि सजावट की लाइट लगाने के लिए अलग-अलग डिजायन के पिलर उपयोग में लिए जाने लगे हैं। साथ ही बड़े कमरों में और छत्त को गिरने से बचाने के लिए भी पिलर का उपयोग किया जाता रहा है। इन सबके बीच पिलर का उपयोग लुक के लिए किया जाना आम हो गया है।
पत्थर के पिलर: सुंदर वास्तुकला
आजकल घरों को आकर्षण देने के साथ ही सरंचना को मजबूती देने के लिए पत्थर के पिलर कि मांग घर बनाने वाले लोगों के बीच अत्यधिक बढ़ रही है। घरों में पत्थर के पिलर, सीमेंट कंक्रीट से बने हुए पिलर की अपेक्षाकृत अधिक मजबूत होते हैं। ऐसे पत्थर के पिलर का रंग भी पक्का होता है जिससे पिलर के लिए रंग का चयन और रंग रोगन का कोई मुद्दा ही नहीं रह जाता है, क्योंकि इनका स्वयं का इतना पक्का होता है, कि इनके ऊपर कोई रसायन भी गिर जाए तो रंग पर कोई प्रभाव नहीं होता है।
पत्थर के पिलर पहले से ही बनाए और उपयोग में लिए जाते रहे हैं, इन्हें मोटे तौर पर दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है। इन दोनों प्रकार के पिलर आप ऊपर चित्र में देख सकते हैं, खंड पिलर और खंभानुमा एक एक पत्थर का स्तंभ। दोनों प्रकार के पिलर को आप इस प्रकार से समझ सकते हैं -
- खंडो/खंड से पिलर - ईंटनुमा पत्थर को खंडा या खंड कहा जाता है, ऐसे ईंट कि तरह दिखने वाले खंडों को सीमेंट या चूने की सहायता से जोड़कर पत्थरों का एक मजबूत पिलर बनाया जा सकता है, जो ऊपर के चित्र में बांयी तरफ के घर के गैराज को बनाने के लिए बनाया हुआ है, जिसे आपने देखा होगा। इस तरह के पिलर समान्य रुप से मजबूत ही होते हैं, लेकिन कम आकर्षक। यह बेहद सस्ते में बन जाते हैं, ऐसे पिलर को आकर्षण देने के लिए और नई डिजायन देने के लिए इस पर चीनी मिट्टी के टाइल्स लगा देते हैं, ताकि अधिक आकर्षक लगे।
- खम्भा या स्तंभ - स्तम्भ या खंबे वाला पिलर एक मोटे पत्थर का होता है। ऐसा स्तंभ वाला पिलर हमें अक्सर हवेलियों और मन्दिरों में देखने को मिलता है। यह आकर्षक होने के साथ ही नक्काशी करने के लिए भी उपयुक्त होता है। जहां नक्काशी की आवश्यकता होती है वहाँ इसी प्रकार के पत्थर के स्तंभ को काम में लिया जाता हैं। ऐसा पत्थर का स्तंभ चौकोर और गोल दो प्रकार का होता है। चौकोर स्तंभ का उपयोग नक्काशी के लिए होने के कारण इसके कई डिजायन भी है, जो आवश्यकता के अनुरूप कारीगरों द्वारा डिजाइन बनाई जाती हैं।
पत्थर के पिलर के डिजाइन: अद्वितीय वास्तुकला -
संगमरमर, ग्रेनाइट के अलावा जोधपुर के पत्थर के पिलर की अनेकों प्रकार की डिजाइन उपलब्ध हैं। आखली (पत्थर की दुकान) पर उपलब्ध होती है, लेकिन आपको अपनी इच्छित डिजायन देनी है तो आप साधारण स्तम्भ खान (खदान) से लाकर पत्थर के कारीगर से इच्छित डिजायन पा सकते हैं। जोधपुर के पत्थर के पिलर कि कुछ खास डिजाइन निम्नानुसार है -
- गोल डिजाइन के पिलर -
सदियों से खदान से निकाले गए पत्थर को गोलाई में घड़ा/नक्काशी कार्य (पहले हथोड़े और छेनी से गोलाई दी जाती थी) जाता था। पहले हाथ से विभिन्न कलाकृतियां पत्थरों के स्तम्भ पर बनाई जाती थी। वर्तमान घरों पर अत्यधिक खर्च करने के साथ हेरिटेज लुक देने के लिए, घर बनाने के इच्छुक लोग पत्थर के पिलर पर मनचाही डिजायन की मांग करने लगे हैं। पत्थर के पिलर का उपयोग बढ़ जाने से आपको मनचाही डिजायन का पत्थर का पिलर पत्थर कटिंग के आरे मशीन (जहां मशीन से पत्थर को निश्चित आकार मे काटा जाता है) पर मिल जाएगा। आप चाहे तो अलग से भी इस पर अपनी मनचाही और अद्वितीय वास्तुकला कि डिजायन करवा सकते हैं। ऐसी अद्वितीय और ऐतिहासिक वास्तुकला के कुछ उदाहरण हैं जैसे दोनों सिरों से चौकोर रखना एवं चौकोर सिरे पर फूल, पीपल के पत्ते या अन्य डिजायन या संस्कृतिक झलक को प्रस्तुत करना। ऐसे कुछ अद्वितीय वास्तुकला के उदाहरण आप नीचे दिए गए पिलर के चित्र को देखकर समझ सकते हैं।
आप चाहें तो ऐसी वास्तुकला के पत्थर के गोल पिलर को पूरा ही (दोनों सिरे भी) गोल रख सकते हैं, जो चौकोर सिरे वाले पिलर से अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है, कम नक्काशी के कारण। पूरा गोल पिलर भी आपके घर को मजबूती उतनी ही प्रदान करेगा, जितनी चौकोर सिरे का पिलर प्रदान करता है। सिरे चौकोर नहीं रखने है तो आपको घड़ाई (मिस्त्री द्वारा डिजायन देने का कार्य) के पैसे कम देने होंगे, जिससे पिलर डिजायन करने वाले कारीगरों से आप चौकोर सिरों वाले पिलर के मुकाबले में कम राशि खर्च कर खरीद सकते हैं। पूरा गोल पिलर कि वास्तुकला का उदाहरण आप ब्लॉग के पहले चित्र में दांयी तरफ के मकान के गैराज में देख सकते हैं, इसके लिए आपको ब्लॉग कि शुरुआत देखने के लिए अपने मोबाइल कि स्क्रीन को ऊपर कि और स्क्रोल करना होगा और ध्यान से ब्लॉग का प्रथम चित्र देखना होगा।
- चौकोर डिजायन के पिलर -
ऐसी वास्तुकला का पत्थर का पिलर पूरा ही (एक सिरे से दूसरे सिरे तक) चौकोर होता है। इस प्रकार की वास्तुकला के पूरे पिलर पर बढ़िया घड़ाई, नक्काशी और संस्कृतिक झलक को आसानी से पेश किया जा सकता है, क्योंकि इस पर संस्कृतिक झलक पेश करने या नक्काशी के लिए गोल पिलर के मुकाबले में अधिक जगह मिल जाती हैं। आप नीचे के चित्र में कुछ चौकोर डिजायन के पिलर देख सकते हैं, साथ ही ऐसी डिजायन और वास्तुकला के साथ इन पर की गई नक्काशी के अद्वितीय नमूने और उदाहरण देख सकते हैं। ऐसे पिलर अगर आप बिना नक्काशी के खरीदते हैं तो आपको गोल पिलर के मुकाबले से भी सस्ते मिल सकते हैं क्योंकि पत्थर कि खदान से चौकोर निकाले जाते हैं तो वहीं कटाई कि मशीन पर भी चौकोर आकृति में ही कटिंग की जाती है।
आप ऊपर के चित्र में चौकोर पिलर कि वास्तुकला के साथ ही इनकी विभिन्न प्रकार कि डिजायन को देख सकते हैं, जो पत्थर के कारीगरों द्वारा हाथ से दी गई है। वर्तमान में, हाथ कि छोटी ग्रैंडिंग मशीन आ जाने से काम पहले कि अपेक्षाकृत सस्ता जरूर हुआ हैं, लेकिन पूरी तरह से मशीन से ही कार्य किया जाना संभव नहीं हुआ है।
- चौड़ा अर्धचंद्राकार उपरी सिरे कि डिजायन के पिलर -
ऐसी वास्तुकला के पत्थर के पिलर कि डिजायन ऊपरी सिरे कि अर्द्ध चन्द्रमा कि भाँति होती है, ऐसी वास्तुकला अथवा डिजायन के पिलर कमरे या घर के खुले अग्र भाग (बरामदे) के लिए उपयोग में तब लिए जाते हैं, जब मकान कि सरंचना में कम से कम 3 पिलर कि आवश्यकता हो। ऐसी डिजाइन के पिलर भवन निर्माण के समय बीच के पिलर के तौर पर उपयोग में लिए जाते हैं। ऐसा सिरा दोनों तरफ से भार को आसानी से उठा सकता है तो साथ ही खुले हिस्से में वास्तुकला प्रदर्शन के लिए जगह को बढ़ा देता है। दोनों तरफ से भाग पिलर कि नींव से अधिक होने से जहां यह दोनों तरफ भार आता हो, वहाँ आसानी से भार सहन कर सकता है इसलिए बीच में लगाया जाता है। अपनी अद्भूत वास्तुकला और उपयोगिता के कारण इस प्रकार के पिलर को किनारे के लिए उपयोग में नहीं लिये जाता हैं। ऐसी वास्तुकला का नमूना चित्र आप नीचे के चित्र में देख सकते हैं।
पत्थर के पिलर में यह सभी डिजाइन पत्थर के कारीगरों द्वारा दी जाती है। अगर आप कोई भिन्न, अनोखी अथवा इकलौती (unique) डिजायन चाहते है तो आप सीधा खदान से अपनी आवश्यकता के अनुसार लंबाई और चौड़ाई का चौकोर स्तम्भ लाकर अपनी आवश्यकता और इच्छा के अनुरुप कारीगरों से डिजायन दिला सकते हैं। खदान से आपको जिस रुप में और प्रकार का स्तंभ अथवा स्तंभ बनाने के लिए पत्थर मिलेगा, उसका वास्तविक अथवा खदान से निकालते समय का स्वरुप आप नीचे के चित्र में देख सकते हैं।
आप ऊपर दिए गए चित्र के स्वरुप का भारी पत्थर खदान से खरीदकर अपनी इच्छा के अनुरुप प्राकृतिक, ऐतिहासिक अथवा सांस्कृतिक के अतिरिक्त भी अपनी आवश्यकता के अनुरुप डिजायन करवा सकते हैं। आपको जो डिजायन चाहिए वैसी डिजायन देने का कार्य जोधपुर के हर कौने में होता है, आपको जरूरत है पैसे खर्च करने की। क्योंकि जब बात नक्काशी अथवा डिजायन कि हो तो मूल्य पत्थर अथवा पिलर का नहीं बल्कि मूल्य आपको नक्काशी का चुकाना होता है और कला तो अमूल्य है, आप जानते ही हैं।
- लैम्प डिजाइन के पिलर -
आप अपने घर के मुख्य द्वार पर या बगीचे में कुछ अलग और बेहतर सजावट चाहते हैं, तो जोधपुर के पत्थर के पिलर आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। बेहतर और आकर्षक डिजायन देने के लिए आप बाजार से लैम्प डिजाइन के पिलर ले सकते हैं। इस प्रकार के पिलर में आप रंगीन बल्ब लगा इसे और अधिक आकर्षक बना सकते हैं। इसे कुछ लोग लाइट पिलर भी कहते हैं, क्योंकि इस प्रकार के पिलर का उपयोग रंग-बिरंगी लाइट के लिए किया जाता है। ऐसे लाइट पिलर का चित्र आप नीचे देख सकते हैं और आपको चित्र देखने के बाद याद आया होगा कि आपने ऐसे पिलर को बगीचों और फव्वारों के आसपास देखा है।
पिलर से आकर्षक घर का नज़ारा -
पिछले दिनों जोधपुर शहर के बाहर नए घरों के बन रहे मोहल्ले की तरफ जाना हुआ। एक से एक बेहतरीन घर जोधपुर के पत्थर से बन रहे थे। सभी घरों के अग्रभाग को विशेष लुक देने के उदेश्य से स्तम्भों का अंबार गलियों के किनारे लगा हुआ था। सभी स्तम्भों पर अलग-अलग डिजायन पास जाकर देखने पर ही नजर आ रही थी, नहीं तो यूँ लग रहा था जैसे सभी लोग किसी आदेश को पूरा करने के लिए स्तंभ लाए हो।
जो घर वर्तमान में बनकर तैयार हो गए वो किसी ज़माने की हवेली से कम नहीं लग रहे थे। दूर से स्तम्भों का नज़ारा देख मुझे पाली जिले के रणकपुर के जैन मंदिर की स्मृतियाँ दिल दिमाग में घूमने लगी। कैसे स्तम्भों पर खड़ा है लगभग 600 साल पुराना मंदिर। ठीक वैसे ही ये पत्थर भी शायद आने वाले समय में इतने मजबूत घर के गवाह होंगे। जब यह पूरी कॉलोनी बनकर तैयार हो जाएगी तो ना जाने कितने वैश्विक विश्विद्यालय के शोधार्थी ईन गलियों में आधुनिक घरों की वास्तुकला को निहारने के लिए भागते हुए नजर आएंगे। कितनी ही सीमेंट कंपनियां और घर बनाने वाली कंपनियां यहां पूछती रहेगी की यह घर कितने वर्ष पुराना है।
पत्थर से बन रहे घरों में एक बात तो अनोखी है कि सबका लुक लगभग समान ही होता है। सभी की मजबूती भी समान ही होती है। घरों में बाहर के भागों में रंग-रोगन ना होने से सबका रंग भी एकसमान नजर आता है। पिलर पर टिका हुआ अग्रभाग खुला रहने से गर्मी के मौसम में दीवार की गर्मी से भी राहत रहती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -
प्रश्न: पिलर क्या होता है?
उत्तर: मकान को सरंचना देने के लिए जो आधार स्तंभ लगाया जाता है, उसे पिलर कहा जाता है। सामन्यतः आधारभूत संरचना का भार उठाने के लिए जो स्तंभ उपयोग किए जाते हैं, उसे पिलर कहते हैं।
प्रश्न: क्या आप पिलर डिजायन के फोटो दिखा सकते हैं?
उत्तर: हाँ, आप पिलर डिजायन के फोटो देखने के लिए अपने स्क्रीन को ऊपर कि तरफ स्क्रोल करे। विभिन्न प्रकार के पिलर डिजायन की फोटो दे रखी है।
प्रश्न: पिलर लाइट क्या होती है?
उत्तर: जिस पिलर पर लाइट के बल्ब लगाए जाते हैं, उसे लाइट पिलर कहते हैं। इस प्रकार के पिलर का उपरी हिस्सा इस प्रकार का बनाया जाता है जिसमें बल्ब लगाया जा सके। बल्ब में लगे बल्ब की रोशनी हर दिशा में फैले इसके लिए लैम्प को जालीदार बनाया जाता है।
प्रश्न: पिलर डिजायन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: पिलर कि विभिन्न डिजायन यानी उसका प्रकार और आकार। पिलर के विभिन्न प्रकार और आकार आपको इस ब्लॉग में बता रखे हैं - गोल, चौकोर, लाइट पिलर और अर्ध चंद्राकार आदि।
प्रश्न: पत्थर के पिलर कि रेट?
उत्तर: पत्थर के पिलर कि रेट उसकी नक्काशी के आधार पर तय होती है, कोई एक दर नहीं है क्योंकि नक्काशी और डिजायन अलग-अलग है।
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