राजस्थान में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की बहुचर्चित स्वास्थ्य बीमा योजना - 'चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना' का नाम बदल कर वर्तमान में भजन लाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार नें 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना' कर दिया है। राजस्थान सरकार नें फिलहाल योजना के नाम को परिवर्तित किया है, बीमा और इलाज की शर्तें एवं प्रावधान पूर्व की भांति यथावत बने रहेंगे। अब भी शर्तें समान बनी हुई है, पहले की भांति अब भी आप योजना के अंतर्गत पंजीकृत अस्पताल से निःशुल्क इलाज करा सकते हैं।
राजस्थान प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के 'राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेन्सी ने 19 फरवरी, 2024 को एक आदेश (सर्कुलर) जारी कर ऑनलाइन पोर्टल के साथ प्रिंटिंग सामग्री और होर्डिंग/बैनर पर नाम परिवर्तन करने के लिए कहा है। साथ ही पत्राचार में भी मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के नाम से ही स्वास्थ्य बीमा योजना को संबोधित करने के लिए भी कहा है। इसी आदेश के साथ ही योजना के नाम में परिवर्तन कर लिया गया है।
कब लागू हुई मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना -
राजस्थान की स्वास्थ्य बीमा योजना 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना' पहले से विद्यमान राजस्थान के नागरिको को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवायें देने के उदेश्य से चली आ रही 'चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना' का नाम रूपांतरण है। सरकार द्वारा दिया जाने वाला इलाज और बीमा कवर पहले के समान ही बना हुआ है। इस योजना के अंतर्गत राजस्थान प्रदेश के निजी अस्पतालों द्वारा वो सभी स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क दी जाएगी जो राजस्थान में पहले से जारी थी, इसी कारण आदेश में स्पष्ट लिखा हुआ है कि प्रावधान और शर्तें पूर्व की भांति बनी रहेगी। इस आदेश के चित्र को आप यहां देख सकते हैं।
चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत राजस्थान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 25,00,000 रुपये तक (निःशुल्क ईलाज) प्रति वर्ष प्रति परिवार को बीमा कवर देने का प्रावधान किया था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने के नेतृत्व वाली सरकार नें बीमा राशि के मे किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया है। किंतु मुख्यमंत्री ने योजना के बारे में मीडिया से बात करते हुए यह जरूर कहा कहा था कि 25 लाख की राशि अधिक है, अब तक अधिकतम 8 लाख रुपये का इलाज चिरंजीवी बीमा योजना के अंतर्गत प्रदान किया गया था।
क्या है मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना?
सरकार द्वारा पंजीकृत परिवारो (लाभार्थियों) को कैशलेस इलाज देने की योजना है। लाभार्थी द्वारा निजी अस्पताल में ईलाज कराने के उपरांत राशि राज्य सरकार अथवा बीमा कंपनी द्वारा अस्पताल को दी जाती है। लाभार्थी के परिवार को उतना ईलाज निःशुल्क प्राप्त होता है जो 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना' के अंतर्गत कवर योग्य है। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के अंतर्गत राजस्थान राज्य की राज्य सरकार योजना के लाभार्थी के रूप में पंजीकृत कार्डधारियों के परिवारों को 25 लाख रुपये तक का प्रतिवर्ष निःशुल्क कैशलेस इलाज सरकारी और निजी अस्पतालों में दिया जाता है। इस योजना में पंजीकृत परिवारो को दुर्घटना बीमा भी देती है। इस योजना के लाभार्थी पंजीकृत अस्पताल में कैंसर, पेरालाइसिस, हार्ट सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी सर्जरी के साथ गंभीर बीमारियों का निःशुल्क ईलाज करा सकते हैं।
इस योजना में पंजीकृत लाभार्थी परिवारों को बीमारी के समय सर्जरी, थेरेपी, कीमोथेरेपी, डायग्नॉस्टिक टेस्ट और अस्पताल में भर्ती होने के बाद देखभाल आदि निःशुल्क किए जाते हैं। इनके अतिरिक्त दवाई, एम्बुलेंस सेवा, डे-केयर और थेरेपी के खर्च के कवरेज भी बीमा में सम्मिलित है।
लाभार्थी कौन हो सकता है?
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना का लाभ उन सभी परिवारों को मिलेगा जो पूर्व में 'चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना' में लाभार्थी के रुप में पंजीकृत है। इस योजना के लाभार्थियों को तीन भाग में बांटा जा सकता है। लाभार्थियों का विभाजन पंजीयन के आधार पर किया जा सकता है, किंतु सभी लाभार्थियों को योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य लाभ उठाने अथवा इलाज कराने के लिए समान लाभ प्राप्त होते हैं, ऐसे में राजस्थान प्रदेश के निम्नलिखित परिवार 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना' के अंतर्गत लाभार्थियों के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं -
जिन्हें पंजीयन की आवश्यकता नहीं
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के लाभार्थी (प्राथमिक परिवार और आरोग्य अन्न योजना के लाभार्थी),
- सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के लाभार्थी (बी पी एल)
जिन्हें पंजीयन की आवश्यकता
- लघु एवं सीमांत कृषक और,
- संविदा कर्मी (स्वयं या ई-मित्र से पंजीयन कराए)।
अन्य परिवार
अन्य कोई भी परिवार जो केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी प्रकार की मेडिक्लेम के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है, वो 850/-रुपए प्रतिवर्ष का भुगतान कर 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना' का लाभ ले सकते है। सरकारी (केंद्र और राज्य) कर्मचारियों और पेंशनभोगी को छोड़कर कोई भी बीमा ले सकता है। जिन्होंने प्रीमियम भुगतान कर बीमा लिया है, इन्हें अगले वर्ष बीमा का लाभ लेने के लिए पुनः नवीकरण के लिए निश्चित रकम 850/- रुपये का भुगतान करना होगा। ऐसे परिवार योजना का लाभ उठाने के लिए स्वयं या ई-मित्र से पंजीकरण करा सकते हैं।
कैसे करे या कराएं स्वयं पंजीयन -
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना की अधिकृत वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन लिंक को ओपन कर दिए गए ऑनलाइन फॉर्म को भरे, मांगे जाने वाले सभी दस्तावेज (आधार कार्ड, निवास का प्रमाणपत्र, पहचान पत्र और आय का प्रमाणपत्र) अपलोड करे, जिन्हें राशि जमा कराने की आवश्यकता है वो राशि जमा करे और फॉर्म को सबमिट कर दीजिए। इसके बाद आपको एक यूनिक नंबर मिल जाएगा अगले वर्ष इसके नवीनीकरण के लिए यूनिक नंबर की आवश्यकता होगी इसलिए इसे संभालकर रखे।
जो परिवार 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना' मे पंजीकृत नहीं है। पहली बार बीमा खरीदने जा रहे हैं, वो ध्यान दे जिस दिन आप बीमा खरीद रहे हैं, उस दिन से आपको बीमा का लाभ प्राप्त नहीं होगा। बीमा पॉलिसी पर लिखी गई तारीक से बीमा का लाभ प्राप्त होता है, जो सामन्यतः बीमा पॉलिसी खरीदने की तारीक से आगे की होती है। ऐसे में जो स्वतः ही पंजीकृत नहीं है वो परिवार किसी मुसीबत में फंसने से पहले पॉलिसी अवश्य ले।
आवश्यक दस्तावेज -
अगर आप पहली बार 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना' की पॉलिसी लेने जा रहे हैं तो आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज का होना आवश्यक है।
- आधार कार्ड (परिवार के सभी सदस्यों का),
- राशनकार्ड,
- पहचान पत्र,
- निवास प्रमाण पत्र,
- जन आधार कार्ड,
- पासपोर्ट साइज परिवार के सदस्यों का फोटो,
- मोबाइल नंबर और
- बैंक खाता डायरी।
दुर्घटना बीमा कवर और राशि -
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में बीमित परिवार के सदस्य की सड़क, रेल या वायुयान से दुर्घटना। गिरने या किसी वस्तु के गिरने से दुर्घटना । मकान ढहने से, जलने से, डूबने से करंट लगने से और रासायनिक प्रदार्थो के छिड़काव से मृत्यु होने अथवा दुर्घटना होने से निम्नानुसार राशि का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा देय है।
क्र. स. | क्षति का प्रकार | देय लाभ |
---|---|---|
1 | परिवार के एक सदस्य की मृत्यु होने पर | 5 लाख |
2 | परिवार के दो या अधिक सदस्य की मृत्यु होना | 10 लाख |
3 | परिवार के सदस्य की दोनों आंख/हाथ/पैर या एक आंख एक हाथ या एक हाथ एक पैर या एक पैर एक आंख खराब होने पर (पूर्ण रुप से स्थायी) | 3 लाख |
4 | एक हाथ या पैर या आंख खराब होने पर | 1.5 लाख |
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के विकास का क्रम -
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कोई रातोंरात बनी हुई योजना है। इस योजना के वर्तमान स्वरुप के पीछे कई योजनाओं का क्रियान्वयन और उनका नई योजनाओं में सम्मिश्रण है। राजस्थान में निःशुल्क ईलाज के लिए सर्वप्रथम भामाशाह योजना को 2008 में संचालित किया गया। तब स्वास्थ्य और ईलाज के लिए योजना इतनी प्रसिद्ध भी नहीं हुई, जितनी वर्तमान में है और ना ही इतने अस्पताल और लाभार्थी पंजीकृत थे, जिस संख्या में आज पंजीकृत है। उस समय केवल महिलाओं को ही निःशुल्क ईलाज उपलब्ध कराया गया, जिसे स्वास्थ्य योजना के रुप में नहीं बल्कि योजना के अतिरिक्त उद्येश्यों को देखते हुए महिला सशक्तिकरण के रुप में अधिक पहचान प्राप्त हुई। किंतु उस समय दुनिया के सामने एक उदाहरण रखा गया कि किस प्रकार से एक कल्याणकारी सरकार अपने नागरिको को निशुल्क इलाज़ दे सकती है।
वर्ष 2008 में शुरु की गई योजना अधिक दिनों तक संचालित नहीं हो सकीं। महज 3 महीने बाद ही सरकार बदलने के साथ ही बंद हो गई। जो अगले 6 वर्ष तक पूरी तरह से बंद रहीं। वर्ष 2013 में एक बार फिर राजस्थान में सरकार बदलने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसे महज महिलाओं के लिए नहीं बल्कि पूरे परिवार को इलाज उपलब्ध कराने के उदेश्य से पुनः सुचारु किया। तब से वर्तमान समय तक कुछ काल को छोड़ दिया जाए तो निर्बाध रूप से संचालित है। इसके क्रमागत विकास को आप सारणी के माध्यम से समझ सकते हैं।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना केवल अंत्योदय अन्न योजना में पंजीकृत परिवारो, सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के लाभार्थी, बीपीएल और खाद्य सुरक्षा योजना के परिवारो के लिए सीमित थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे 'चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना' का नाम देने के साथ ही उसके लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि करने और प्रदेश के सभी परिवारो को निःशुल्क इलाज देने के उदेश्य से ने इसे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगी परिवारो को छोड़कर सभी के लिए 850/- रुपये प्रतिवर्ष (आधा प्रीमियम सरकार द्वारा देय) प्रीमियम की राशि का भुगतान पर शुरु कर दिया। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा निःशुल्क के साथ प्रीमियम भुगतान के द्वारा सभी को प्राप्त होने लगी।
क्र. स. | योजना का नाम | शुरुआत | राशि |
---|---|---|---|
1 | भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना | 13 दिसंबर, 2015 | 30000 समान्य 3 लाख गंभीर |
2 | चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (राशि में वृद्धि) |
1 मई, 2021 1 जून, 2022 1 जून, 2023 |
5 लाख 10 लाख 25 लाख |
3 | मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना | 19 फरवरी 2024 | 25 लाख |
उपर्युक्त तालिका से आप समझ सकते हैं कि वर्तमान योजना का सर्वप्रथम स्वरुप राजस्थान में 13 दिसंबर, 2015 को उतारा गया। उससे पूर्व कि योजना केवल महिलाओं के लिए थी। समय के साथ इसमे अस्पताल, बीमारियों का इलाज, लाभार्थियों की संख्या जुड़ती गई, जिसके साथ बीमा राशि में वृद्धि होती गई।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना
जिन लोगों का योजना में लाभार्थी के रुप में पंजीकृत है। वे बीमारी के समय वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए वे अस्पताल में भर्ती होने के पूर्व या पश्चात अस्पताल में मांगे गए दस्तावेजों को जमा करा, उनकी सहायता से या स्वयं ऑनलाइन आवेदन कर लाभ ले सकता है। इसके लिए अस्पताल में भर्ती होना होगा। उसके बाद वो इसका लाभ ले सकता है, पॉलिसी में निम्नलिखित लाभ है -
य़ह योजना 1798 बीमारियों और प्रक्रियाओं को कवर देती हैं। प्रत्येक बीमारी के लिए अलग-अलग पैकेज है, कुल 3219 पैकेज बीमारी के अनुसार उपलब्ध है।
अस्पताल में भर्ती शल्य चिकित्सा के अतिरिक्त मरीज़ की देखभाल, परीक्षण, चिकित्सकीय सलाह और अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के रुप में अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पहले और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 15 दिन बाद के व्यय के लिए भी पैकेज देता है।
जो परिवार 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना' में पंजीकृत नहीं, वो कैसे लाभ उठाए
कई परिवार आज भी राजस्थान प्रदेश में 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना' के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है। जो परिवार इस योजना के लाभार्थी नहीं है, वो स्वयं या ई-मित्र से रुपये 850/- का नकद भुगतान कर लाभ ले सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए आप किसी भी समय पंजीयन करा सकते हैं। आप पॉलिसी लेने के लिए किसी दुर्घटना का इंतजार ना करे। पॉलिसी एक वर्ष के लिए मान्य होती है अगले वर्ष पॉलिसी समाप्त होने के पूर्व रिन्यू अवश्य कराए अन्यथा लाभ नहीं उठा सकते हैं।
कई बार व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद तत्काल पॉलिसी लेते हैं। उस पॉलिसी पर लाभ उसी तारीक से मिलता है जो तारीक बीमा अवधि में लिखी हुई है। सामन्यतः यह तारीक पॉलिसी खरीदने के बाद की होती है। ऐसे में वो अस्पताल से सम्पर्क कर सकते हैं। लेकिन आगे की तारीक आ जाने के कारण आप निजी अस्पताल की बजाय सरकारी अस्पताल का रुख करे जहां आप को निःशुल्क ईलाज मिल सकता है।
दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सरकारी अस्पताल जाना ही उपयुक्त रहता है उन परिवारो के लिए जो बीमा योजना में पंजीकृत नहीं है। इसके अतिरिक्त भी सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के कई लाभ है।
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अन्य प्रश्न -
प्रश्न: मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में कितना बीमा है?
उत्तर: 25 लाख रुपये। पूर्ववर्ती चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अनुरूप।
प्रश्न: मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में दुर्घटना बीमा कितना है?
उत्तर: एक परिवार के लिए अधिकतम बीमा रुपये 10 लाख का है। एक सदस्य की मृत्यु की दशा में 5 लाख रुपये का क्लेम किया जा सकता है।
प्रश्न: मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना बीमा कौन खरीद सकता है?
उत्तर : आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग, सीमांत किसान निःशुल्क पंजीकरण करा सकते हैं। संविदा कर्मी, अंत्योदय योजना में पंजीकृत और बीपीएल परिवारो को पंजीकरण की आवश्यकता नहीं स्वतः पंजीकरण। अन्य कोई भी राजस्थान का निवासी 850/- रुपये का भुगतान कर पंजीकरण करा सकता है।
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