दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के 8 वें बुलावे के बाद एक नया और अनोखा ड्रामा खेला है। अरविंद केजरीवाल पहले सात समन मिलने के बाद बचने के लिए एक ही बहाने की रट लगाए हुए थे कि ईडी द्वारा भेजे जाने वाले सम्मन गैर-कानूनी है। लेकिन इस बार ऐसा नया ड्रामा खेला है, जिसको सुनकर ईडी को जबाब देना पड़ा। भाई साहब ऐसी व्यवस्था हमारे पास नहीं है जो आपकी इस कामना को पूरा कर सके। उन्होंने इस बार ईडी के सामने ही पेशी के लिए शर्त रख दी।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय को जवाब भेजा है। उन्होंने कहा कि समन गैरकानूनी है लेकिन फिर भी वह जवाब देने को तैयार हैं। अरविंद केजरीवाल ने ईडी से 12 मार्च के बाद की तारीख मांगी है। उसके बाद अरविंद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल होंगे:… pic.twitter.com/ieZND7zBdf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 4, 2024
ANI हिन्दी न्यूज के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय को सम्मन का लिखित जबाब भेजा। उन्होंने ईडी को जबाब देते हुए एक बार दोहराया कि आपका सम्मन गैर-कानूनी है, फिर भी मैं जबाब देने के लिए तैयार हूँ। इसके आगे लिखा कि मैं 12 मार्च के बाद आपको वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए आपके सवालों का जबाब देने के लिए तैयार हूँ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह अपने आप में एक अनोखा जबाब है जिसे सुनने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया आ रही है।
अरविंद केजरीवाल द्वारा आठवें सम्मन के बाद भी प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं होने के कारण भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि 'अरविंद केजरीवाल ने जबाब देकर कम से कम यह तो माना है कि वो शराब घोटाले में मिले हुए हैं, चोर की दाढ़ी में तिनका। वो सरकारी एजेंसी के सामने शर्तें रख रहे हैं कि वो किस प्रकार से अपना जबाब देंगे।' दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और सांसद मनोज वाजपेयी ने भी अरविंद केजरीवाल के रवैये पर सवाल करते हुए कहा कि "केजरीवाल को यह आठवाँ सम्मन मिला है, वो ईडी के सामने पेश होने से थर-थर कांप रहे हैं। वो एजेंसी के सवालों से भाग रहे हैं।"
सूत्रों और खबरों की माने तो अब तक ईडी ने किसी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए से पेशी नहीं ली है। ईडी के सम्मन के बाद व्यक्ति को शारीरिक रूप से पेश होना होता है क्योंकि ईडी के पास वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराने का कोई प्रावधान नहीं है। ED सभी को अपने कार्यालय बुलाकर ही पूछताछ करती है। पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी ईडी के कार्यालय में बुलाया था और वो पेश भी हुए थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल 8 सम्मन मिलने के बाद भी पेश होने को तैयार नहीं है वो नित नया ड्रामा कर पेश होने से इंकार कर देते हैं। इस बार जो नया ड्रामा पेश किया वो ईडी के प्रावधानों के विरूद्ध हैं।
अरविंद केजरीवाल को क्यो बुला रही है ईडी -
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के शराब घोटालों की जांच के लिए प्रश्न पूछने के लिए बुलाया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल के सहयोगी और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया पहले से ही लगभग एक वर्ष से दिल्ली में हुए शराब घोटालों के आरोप में जेल में है। पिछले वर्ष के अंत में 2 नवंबर को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को ईडी ने सम्मन भेजकर बुलाया था अरविंद केजरीवाल ने उस सम्मन को गैर-कानूनी बताकर पेश होने से इंकार कर दिया था, उसके बाद ईडी लगातार सम्मन भेजती रही और केजरीवाल भी एक के बाद एक समन को गैर-कानूनी करार दे पेश होने से इंकार करते रहे। ऐसे में ईडी अब तक अरविंद केजरीवाल को 8 सम्मन भेज चुकी है और केजरीवाल हर बार पेश होने से इंकार करते रहे।
अरविंद केजरीवाल को पहले कब-कब मिले सम्मन -
केजरीवाल को पिछले वर्ष के 2 नवंबर को पहला सम्मन मिला था, उस समय पेश नहीं हुए थे। तब ईडी ने पेश होने के लिए हर तिथि के बाद नया सम्मन भेजा। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को अब तक आठ सम्मन मिल चुके हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए हैं।
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अब 16 मार्च को पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। देखते हैं उस दिन क्या होता है क्योंकि अब तक तो अरविंद केजरीवाल हर बार पेश होने से इंकार करते रहे हैं। क्या अब 16 मार्च को पेश होंगे?
इस बार अरविंद केजरीवाल ने क्यों मान गए वीडियों कांफ्रेंसिंग की शर्त पर हाजिर होने के लिए -
हर तिथि पर पेश होने से इंकार करने वाले अरविन्द केजरीवाल ने इस बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की शर्त रखी। इस शर्त के बाद वो बीजेपी के निशाने पर आ गए और बीजेपी के अधिकांश प्रवक्ता तो दावा करने लगे कि केजरीवाल ने पेश होने के लिए कहा वो प्रावधानों के विपरित है, किंतु उनके पेश होने का अर्थ यह है कि वो शराब घोटाले के दोषी है। ऐसे में लोग पूछ रहे हैं आखिर अरविंद केजरीवाल ने पेश होने की हाँ ही क्यों की।
आपको बता दें कि पहले अरविंद केजरीवाल नोटिस को गैर-कानूनी बताते हुए ईडी के सामने पेश नहीं हुए तब ईडी कोर्ट गई थी टी कोर्ट ने उन्हें 17 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था लेकिन अरविंद केजरीवाल कोर्ट में भी पेश नहीं हुए थे। लेकिन इस बार ED के सामने पेश होने के लिए शर्त रखते हुए पेशी को तैयार हुए इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट का फैसला है जो सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 27 फरवरी, 2024 को तमिलनाडु सरकार vs ED के फैसला।
तमिलनाडु के पांच जिला कलेक्टर अफसरों को रेत घोटाले के कारण ED ने पेश होने के लिए सम्मन भेजा था। ED के सम्मन के विरुद्ध तमिलनाडु सरकार नें हाई कोर्ट में केस दायर किया था, जिसमें हाई कोर्ट ने सम्मन पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ED ने सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया था। इसी केस का फैसला 27 फरवरी को आया था।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और पंकज मिथल वाली पीठ ने ED द्वारा चैन्नई हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि अगर ED किसी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सम्मन भेजती है तो जिसे सम्मन भेजा गया है, उन्हें पेश होना होगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि PMLA की धारा 50 के अनुसार ED के अधिकारी किसी भी शख्स को नोटिस भेज सकते हैं और सबूत पेश करने के लिए भी कह सकते हैं, ऐसे में जीसे सम्मन भेजा है, उन्हें पेश होना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल ने नया ड्रामा किया है क्योंकि अरविंद केजरीवाल को पता है कि अब ED के सामने पेश होने से बचा नहीं जा सकता है।
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