बकरी पालन के लिए सरकार दे रही अनुदान, सस्ते ऋण। Bakri Palan

बकरी पालन के लिए सरकार दे रही अनुदान, सस्ते ऋण। Bakri Palan

बकरी पालन का व्यवसाय सदियों से चला आ रहा हैं। कृषि कार्य के साथ घरों में बकरी पालने का चलन सदियों से चला आ रहा है। बकरी पालन का कार्य दूध और मांस के लिए। लघु, सीमांत और भूमिहीन किसानो द्वारा बकरी पालने का कार्य हमेशा से करते आए हैं। सीमित संसाधन और आय वाले किसानो के घरों में बकरी का पालन खाद्य (दूध, दही) आवश्यकता को पूरा करने के साथ ही आय को बढावा देने में बकरी की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं।

बकरी दूध देने वाले जानवरों में से एक छोटा जानवर है। छोटा जानवर होने के नाते इसे खरीदने से लेकर पालने तक कि लागत कम आती हैं। बकरी अन्य जानवरों के मुकाबले में कम लागत पर अधिक लाभ देने वाला जानवर है। बकरी के रख-रखाव का खर्च अन्य दुधारू जानवरों के मुकाबले में कम होता है और रखने के लिए जगह भी अपेक्षाकृत कम होता है।

बकरी पालन क्या होता है? -


बकरी को एशिया का धन कहा जाता है। विश्व की कुल बकरियों की जनसंख्या में से 95% एशियाई देशों में पाली जाती हैं। विश्व भर कि कुल बकरियों की संख्या का लगभग 15% भारत में हैं। भारत में बकरी के आर्थिक और सामाजिक जीवन में महत्व को उसकी संख्या से समझा जा सकता है। भारत में वर्ष 1997 में 11.53 करोड़ कुल बकरियां थी, जो वर्ष 2017 में बढ़कर 13.17 करोड़ हो गई हालांकि वर्ष 2007 में 14.2 करोड़ संख्या थी। बढ़ती हुई बकरियों की संख्या इनके महत्व को स्पष्ट कर रही हैं। बकरी की उपयोगिता बड़े दुधारू जानवरों के मुकाबले में इसलिए भी अधिक है, क्योंकि किसी भी वक्त इसका दूध (24 घण्टे में कभी भी आवश्यकता के अनुसार) निकाला जा सकता है। बकरी की इसी उपयोगिता के कारण इसे 'गरीब का फ्रिज' कहा जाता है।

बकरी पालन का अर्थ बकरियों को दूध, मांस और ऊंन के उदेश्य से पालने से है। बकरी पालन कम लागत से शुरु कर कम ही समय में अच्छी आय अर्जित की जा सकती हैं। बकरी पालन में व्यक्ति पालतू बकरियों का पालन पोषण कर दूध प्राप्त करने के साथ प्रजनन से उनकी संख्या बढ़ाने का कार्य करता हैं। इसके लिए व्यक्ति बकरियों को चराने, पिलाने और ऋतु के समय प्रजनन हेतु बकरे की व्यवस्था करने का कार्य करता हैं। अपनी आय को बढावा देने के लिए दूध को बढावा देने वाली वस्तु को खाद्य के रूप में देने के अतिरिक्त किसी बीमारी के समय तत्काल ईलाज की व्यवस्था करना भी सम्मिलित होता है।

बकरी पालन से कमाई -


बकरी पालन कम लागत से शुरु किया जाने वाला व्यवसाय होने के कारण कई लोग इसमे इसलिए रुचि नहीं दिखाते। लोग सोचते हैं, इससे क्या आय हो सकती है। ऐसे में बकरी पालन से होने वाली कमाई को समझना जरूरी है। बकरी पालन करने के इच्छुक निम्न तरीके से कमाई कर सकते हैं। 
  • दूध से - बकरी का दूध बाजार में ऊंची किमत पर बिकता हैं। बकरी के दूध में कई प्रकार के पौषक तत्वों के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। कई बार चिकित्सक भी बकरी के दूध की सलाह देते हैं। ऐसे में बकरी पालने वाले बाजार में दूध को बेचकर आय अर्जित कर सकते हैं। 
  • मांस या बकरी बेचकर - बकरी पालन करने अधिकांश लोग बकरी के बच्चों को बेचते हैं। एक साल का बकरी का बच्चा (अच्छी नस्ल का) 20-30 हजार तक सामन्यतः बाजार में बिकता है। बकरी औसतन दो बच्चे एक बार में और 2 साल में तीन बार तक बच्चे देती है, ऐसे में बकरी के विक्रय से अच्छी रकम कमाई जा सकती हैं। इसके अलावा बकरी का मांस भी महँगा होता है, जिसके कारण कई लोग मांस को बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। 
  • रेशा - बकरी के बाल से कई प्रकार के कपड़े, पर्दे और कृषि कार्य में काम आने वाले बिछौने आदि बनाते हैं। बकरी के बाल से वर्तमान में, सौंदर्य प्रसाधन और साफ-सफाई में काम आने वाले ब्रश बनाये जा सकते है। ऐसे में बाल भी बाजार में बेचे जा सकते हैं। 
  • खाद - जैविक खेती के लिए प्राकृतिक खाद की आवश्यकता होती है, इसका उपयोग अपने खेत में करके कृषि की पैदावार को बढ़ाया जा सकता है और अधिक मात्रा में होने पर बाजार में बेचा भी जा सकता है। 
  • चमड़ा - बकरी का चमड़ा कई चीजों के बनाने में उपयोग लिया जाता है, ऐसे में इससे भी आय होती है, यह उन्हें होती है जो मांस का विक्रय करते हैं। 

बकरी पालन एक कृषि आधारित क्रिया है। किसान अपने खेत में होने वाली फसल के भूसे को चारे के रुप में उपयोग कर अच्छी कमाई कर सकते हैं। ऐसे ही बकरी को स्वतंत्र विचरण करते हुए चरना अधिक पसंद होता है इस कारण से बकरी पालन का खर्च आय के मुकाबले से कम होता, यही कमाई का मूलमंत्र है।

कैसे करे बकरी पालन? 


बकरी पालन कार्य करने वाले व्यक्ति को कई बाते ध्यान में रखनी चाहिए। उचित लाभ पाने के लिए सही और नियोजित कार्य की शुरुआत करने के साथ सही क्रियान्वयन किया जाना आवश्यक है। बकरी पालन के लिए भी कई बाते ध्यान में रखना जरूरी है। ऐसे में निम्न बातों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। 
  • सही नस्ल का चुनाव - बकरी की सही नस्ल का चुनाव किया जाना चाहिए जो जलवायु के अनुकूल हो तथा बच्चे उत्तम नस्ल के दे  जिन्हें दूध भी मिल सके। 
  • बाड़ा बनाना - बकरियां खरीदने के बाद उन्हें रखने के लिए बाड़े का प्रबंध किया जाना, जहां बकरियां रखी जाए। बिना बाड़े के बकरी को कुत्ते या अन्य जानवर हानि पहुंचा सकते हैं और बकरियां खो भी सकती हैं। 
  • सही खानपान - बकरी कुछ भी खा लेती है, पाचन तंत्र मजबूत होता है। फिर भी खानपान का ध्यान रखना चाहिए ताकि बकरियां बीमार और कमजोर ना हो। 
  • अपशिष्ट हटाना - बाड़े की समय से सफाई करे और अपशिष्ट हटाएं। अपशिष्ट उत्तम जैविक खाद होती है, ऐसे में इसका ढेर बाड़े के बाहर लगा खाद बना खेत में डाल दें या बेच दे। 
  • ध्यान रखना - बकरियां कायर जानवर होती है, ऐसे में उनका ध्यान रखना जरूरी होता है। एक कुता भी शिकार कर सकता है और किसी से भी डरकर भाग जाये तो खो भी सकती हैं। 
  • मिलन कराना - बकरी पालन रोजगार का साधन तब है, जब बकरी समय से बच्चे दे। इसके लिए बकरी के ऋतु आने पर प्रजनन के लिए बकरे से मिलन कराना होता है। इसके लिए हो सके तो एक उत्तम नस्ल का बकरा ही रख लेना चाहिए। 
  • दूध निकालना बच्चों को पिलाना - बकरी जब बच्चे देती है तब 2-3 दिन तक बच्चों को गाढ़ा दूध पालक पकड़कर पिलाए और उसके बाद जब तक दाना पानी नहीं लेते तब तक दूध पिलाए उसके बाद बच्चों को दूध पिलाने के अतिरिक्त दूध निकाल ले। 

बकरी पालन के लिए सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे शिविर से प्रशिक्षण ले ताकि बकरी पालन के साथ उनकी बीमारी और उपचार के घरेलू तरीके भी सीखकर बेहतर तरीके से पालन को समझा जा सके। 

बकरी पालन के लाभदायी कैसे होता है? - 


सीमांत, मंझले और भूमिहीन किसान बकरी पालन सर्वाधिक करते है। बकरी पालन से वो अपने घर परिवार को चलाने के लिए रोजगार अर्जित करते हैं। बकरी पालन एक लाभकारी कार्य है, क्योंकि इसके निम्न लाभ है - 

  1. कम पूंजी खर्च करके इस व्यवसाय की शुरुआत की जा सकती हैं। 
  2. बकरी पालने और रखने के लिए कम जगह की आवश्यकता है। 
  3. बकरी कम आयु लगभग 1 साल बाद में प्रजनन योग्य हो जाती है। 
  4. एक बार में एक से अधिक बच्चे देने से अधिक मुनाफा होता, भेड़ के मुकाबले में।
  5. किसी भी गुणवत्ता का चारा खा सकती है, जिसके कारण पालन की लागत कम आती हैं। 
  6. मध्यम आकार का छोटा पशु होने से कहीं भी रखा जा सकता है और बाहर भी चारा खाने से बीमार नहीं होती परिणामस्वरुप रख-रखाव खर्च कम आता है। 
  7. किसी भी प्रकार की जलवायु और मौसम में अनुकूलन स्थापित करने की क्षमता।
  8. बेहतर पाचन  तंत्र होने से कैसा भी चारा खा लेती है। 
  9. चारा, रख रखाव खर्च कम होने से लागत भी कम आती हैं। 
  10. बकरी के ग्राहक आसानी से मिल जाते हैं, जिससे आसान विक्रय आसान है यानी तरलता अधिक हैं। 
  11. बीमारी, सूखा से स्थिति जैसी कम जोखिम होती है। 

बकरी छोटा जानवर है जो रूई (खेत) मे स्वयं चरकर आ पालक को दूध देती है। पालक जब चाहे तब दूध निकाल सकता है, जैसे फ्रिज से निकाला जाता है। ऐसा जानवर बहुत लाभकारी हैं। 

बकरी पालन के लिए सरकारी अनुदान - 


बकरी पालन के साथ ही पशुपालन को उद्योग का स्वरूप प्रदान किए जाने के उदेश्य से केंद्र और विभिन्न राज्यों की सरकारे बकरी पालन के लिए अनुदान और आसान ऋण उपलब्ध करा रही हैं। केंद्र सरकार 'राष्ट्रीय पशुधन योजना' के अंतर्गत रुपये 50 लाख तक का अनुदान बकरी पालन के लिए दे रही है। न्यूनतम 10 लाख का अनुदान लेने के लिए 100 बकरी और 10 बकरे खरीदने होते हैं। अनुदान लेने के लिए किसान, उद्यम, सहकारी संस्था, एनजीओ और स्वयं सहायता समूह योग्य है। अनुदान लेने वाले का प्रशिक्षित, बैंक से ऋण लेने की प्रार्थना स्वीकृत हो चुकी हो और उसके पास स्वयं या किराये की भूमि हो। अपना प्रार्थना पत्र आवश्यक दस्तावेज में जमा करा अनुदान प्राप्त कर सकता है। 

अनुदान लेने की प्रक्रिया - 


  • स्टेप - 1 : अनुदान के लिए पात्र राष्ट्रीय पशुधन योजना वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन आवश्यक दस्तावेज को जमा कराकर करे। 
  • स्टेप - 2 : राज्य क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा आवेदन की जांच। सही पाए जाने पर ऋण की सिफारिश। 
  • स्टेप - 3 : राज्य क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा केंद्र को सिफारिश। 
  • स्टेप - 4 : डेयरी विभाग द्वारा अनुदान मंजूरी। 
  • स्टेप - 5 : अनुदान मंजूरी की शर्तों के अनुसार ऋणदाता द्वारा ऋण वितरण। 

केंद्र के अतिरिक्त विभिन्न राज्यों की राज्य सरकारे भी बकरी पालन के लिए अनुदान देती है। मध्य प्रदेश सरकार 60 प्रतिशत तक और हरियाणा की सरकार 90 प्रतिशत तक अनुदान देती है। 

बकरी पालन के लिए ऋण - 


बकरी पालन के लिए किसान को विभिन्न बैंक भी ऋण प्रदान करते हैं। सरकारी नियमो के अनुरूप अनुदान भी प्रदान करते हैं। ऋण देने वाले बैंक में एसबीआई, नाबार्ड, कैनरा, सिडबी, आईडीबीआई और मुद्रा ऋण (गैर-कृषि) प्रमुख हैं। व्यावसायिक बैंक द्वारा बकरी पालन के लिए दो प्रकार के ऋण दिए जाते हैं - बकरी खरीदने के लिए और चालू पूंजी की व्यवस्था के लिए। 

नाबार्ड से बकरी पालन ऋण - 


नाबार्ड बकरी पालन के लिए किसानो को अधिकतम 2.5 लाख रुपये तक का ऋण देता है। यह किसी व्यपारिक, ग्रामीण, सहकारी संस्था से लिया जा सकता है। नाबार्ड द्वारा ऋण का अनुमोदन करने पर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल) और SC/ST को 33% का अनुदान और अन्य ओबीसी और समान्य वर्ग के किसानो को 35% अनुदान दिया जाता है। 

एसबीआई बकरी पालन लोन - 


बकरी पालन के लिए किसान को एसबीआई द्वारा 7% ब्याज पर नए किसानो को 2 लाख रुपये और अन्य को 3 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है। यह ऋण पांच साल तक की अवधि के लिए दिया जाता है। यह ऋण व्यवसाय प्लान, नस्ल और क्षेत्र के अनुसार दिया जाता है। 

किसी भी बैंक से आप सम्पर्क कर ऋण ले सकते हैं, ऋण लेने के लिए मांगे जाने वाले आवश्यक दस्तावेज को एक बार जान लीजिए कि किन दस्तावेज की आवश्यकता होती है। आवश्यक दस्तावेज की सूची - 
  • बकरी पालन प्रोजेक्ट रिपोर्ट 
  • भूमि के कागजात या किरायानामा 
  • 4 पासपोर्ट फोटो 
  • परिचय पत्र - आधार कार्ड (अनिवार्य) 
  • पता निर्धारण के लिए कोई प्रमाण 
  • मूल निवास प्रमाण पत्र 
  • बैंक डायरी और पिछले 6 महीने का स्टेटमेंट 
  • आय प्रमाणपत्र 
  • बीपीएल कार्ड (अगर लागू होता है तो) 
  • जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति /अन्य पिछड़ा वर्ग) 

बकरी पालन से सम्बन्धित प्रश्न -


प्रश्न - बकरी कितना दूध देती है? 

उत्तर - उत्तम नस्ल की दूधारु बकरी सुबह-शाम 1 लीटर से ज्यादा दूध से सकती है अगर खानपान अच्छा हो तो।

प्रश्न - बकरी के दूध का मूल्य क्या है?

उत्तर - सामन्यतः 60 रुपये प्रति लीटर।

प्रश्न - गरीब का फ्रिज क्या है?

उत्तर - गरीब का फ्रिज बकरी है।

प्रश्न - बकरी पालन के लिए अधिकतम कितना लोन मिल सकता है?

उत्तर - बकरी पालन के लिए अधिकतम 50 लाख का ऋण मिल सजता है।

प्रश्न - बकरी पालन ऋण के लिए कहां आवेदन करे?

उत्तर - बकरी पालन ऋण के लिए नजदीकी एसबीआई बैंक या अन्य व्यावसायिक बैंक से सम्पर्क करे।

प्रश्न - बकरी पालन के लिए ऋण पर अनुदान कितना मिलता है?

उत्तर - केंद्र सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय पशुधन मिशन' के अंर्तगत 50% तक का अनुदान मिलता है। नाबार्ड 33% अनुदान एससी एसटी और बीपीएल को देता है अन्य को 25% तक अनुदान देता है।

प्रश्न - 10 बकरी लेने के किस बैंक से ऋण लेना फायदेमंद है?

उत्तर 10 बकरी पालने के लिए सर्वश्रेष्ठ ऋण नाबार्ड से लेना है।

प्रश्न - नाबार्ड से बकरी पालन के लिए ऋण कैसे लिया जा सकता है?

उत्तर - वेबसाइट पर सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करा नाबार्ड से बकरी ऋण मंजूरी के बाद लिया जा सकता है।

प्रश्न - बकरी पालन के लिए एसबीआई कितना लोन देता है?

उत्तर - एक किसान को बकरी पालन के लिए एसबीआई 50 हजार से 4 लाख रुपये तक का ऋण देता है। अधिक जानकारी के लिए एसबीआई की वेबसाइट को विजिट करे।

प्रश्न - 500 बकरी पालन के लिए कितना ऋण मिलता है?

उत्तर - 500 बकरी के साथ 50 बकरा पालन अनिवार्य है। इसके लिए केंद्र सरकार 'राष्ट्रीय पशुधन मिशन' के अंतर्गत 50%अनुदान के साथ 50 लाख तक का ऋण मिल सकता है, जो आपके द्वारा दिए जाने वाले प्रोजेक्ट पर निर्भर है। 

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