हर किसी कि एक शानदार घर बनाने की चाहत होती है। ऐसा घर जो राह चलते राहगीर का ध्यान खिंचने में सार्थक हो। हर किसी की नजर खिंच उसे अपनी और आकर्षित करे और बिना शब्दों की भाषा में कहें निहार लीजिए, आँखों को सुकून मिल जाएगा। देखने वाला भी देखकर कहे वाह क्या घर बनाया? मैं भी एक दिन ऐसा ही घर बनाऊँगा।
एक खूबसूरत और मनमोहन घर बनाने के लिए हर ईंट को तराशा जाता है ताकि मनमोहक घर बन सके। ऐसे में घर का अग्रभाग तो विशेष तरीके से ही डिजायन किया जाता है, यह रिवाज सदियों से चला आ रहा है तभी तो आपने अब तक जो भी घरों, हवेलियों और किलो के चित्र किताबों में देखे है सभी अग्रभाग से ही देखे हैं। अग्रभाग को आकर्षक बनाने में घरों की बालकनी का विशेष महत्व है।
बालकनी क्या होती है?
छत्त का वह हिस्सा जो दीवार से बाहर निकला हुआ होता है इसे बारजा, वारजा, छज्जा, बाल्कनी या बालकनी कहा जाता है। यह कमरे या घर के अग्रभाग में होती है। यह दीवार से आगे तक होने के कारण एक तरफ मुख्य दरवाजे को बारिश से बचाता है तो दूसरी तरफ यह दिवार के आगे खड़ा होने का एक मंच से जिससे आप आसपास का दृश्य देख सकते है और खुली हवा भी ले सकते हैं।
घरों के अग्रभाग में जो हिस्सा छत्त की ऊंचाई पर दिवार से बाहर निकला हुआ आपने अक्सर देखा होगा। इस हिस्से को आकर्षित बनाने के लिए साथ ही खड़े रहने के लिए सुरक्षित बनाने के लिए रेलिंग लगा दी जाती है। यह बाल्कनी एक तरीके से घर का मुकुट होता है इसके अभाव में घर का सौंदर्य खराब हो जाता है। ऐसे में लोग बालकनी की डिजायन पर विशेष ध्यान देते हैं ताकि इसे अधिक सुरक्षित मंच बनाया जा सके जहां खड़े होकर खुली हवा ली जा सके।
बालकनी के डिजाइन और प्रकार -
बालकनी का घर के सौंदर्य में महत्वपूर्ण योगदान होता है, यह घर के सौंदर्य का ताज होता है। एक उत्कृष्ट डिजायन की बालकनी घर के सौंदर्य में चार चांद लगा देती है। ऐसे में बालकनी का डिजायन सोच समझ कर करना चाहिए, हम आपको कुछ डिजायन बता रहे हैं जिसमें से किसी भी प्रकार की बालकनी का उपयोग कर सकते हैं।
- साधारण बालकनी -
इस प्रकार की बालकनी एक साधारण सज्जा होता है जिस पर किसी प्रकार की सजावट नहीं होती है। सामन्यतः पत्थर से बनने वाले मकानों में इस प्रकार की बालकनी बनाई जाती है। ऐसी बालकनी उस मकान के लिए बेह्तरीन होती है, जिस पर कलाकृतियां उकेरी गई हो। पत्थर के मकान में वास्तुकला का अधिक उपयोग होने के कारण इस प्रकार की बालकनी बनाई जाती है। साथ ही ऐसी बालकनी दुकानों के इसलिए लगाई जाती है ताकि बरसात के दिनों में बालकनी पर पानी जमा ना हो। ऐसी बालकनी उन हवेलियों में देखने को मिल जाती है जो स्तंभ पर टिकी हुई हो। ऐसी बालकनी एक मंजिला मकान के लिए उपयुक्त होती है।
- रेलिंग वाली बालकनी -
जब मकान एक से अधिक मंजिल का बना हुआ हो तो गली में देखने के लिए बालकनी का उपयोग किया जाता है, वहाँ से बाहर का नज़ारा साफ नजर आता है। ऐसे में दूसरी या इससे ऊपर (ग्राउंड को छोड़कर) मंजिल पर खड़ा व्यक्ति खुली हवा लेने और गली में देखने के लिए बालकनी का उपयोग करता है, जिसके कारण घर की बालकनी साधारण रखना सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं होता है, कई बार बच्चे भी बालकनी में आ जाते हैं तो गिर सकते हैं जिसके कारण रेलिंग का उपयोग किया जाता है। इसके लिए बालकनी को रेलिंग लगाने के योग्य बनाया जाना चाहिए ताकि किसी के गिरने की संभावना ना रहे। इसके लिए उपयुक्त है ग्रिल (लोहा, अल्यूमीनियम, लकड़ी) का उपयोग किया जाए।
- कंक्रीट वाली बालकनी -
जब मकान की छत्त आरसीसी से डाली जाती है, तब छत्त को दिवार से आगे तक बाहर निकाल देते हैं और यही हिस्सा बालकनी होती है। जब इस प्रकार कि बालकनी को ग्रिल से सुरक्षित करने की बजाय अलग लुक देने के लिए आरसीसी से ही ग्रिल (दिवार) बना दे तब इसे कंक्रीट वाली बालकनी कहा जाता है, इस पर सीमेंट का प्लास्टर कर किसी रंग से पोत दिया जाता है। इस प्रकार की बालकनी उन मकानों के लिए उपयोगी है जो पूरे ही प्लास्टर कर किसी रंग से रंगे जाते हैं। खासतौर से ईंट से दिवार बनाने के बाद पलास्टर किए जाने वाले मकान। कई बार ऐसी बालकनी मार्बल के दाने की बना दी जाती है, ताकि रंग-रोगन ना करना पड़े।
- टाइल्स की बालकनी -
जब आरसीसी से छत्त के साथ बालकनी बना दी जाती है, तब इस पर कंक्रीट की दीवार बना कर पलास्टर करने की बजाय चीनी टाइल्स लगा दी जाती है। ऐसी बालकनी उन घरों में बढ़िया दिखती है जिस पूरे घर के अग्रभाग में टाइल्स लगी हुई हो। आजकल ऐसी बालकनी वाले घरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसका कारण रंग-रोगन से मुक्ति के साथ आकर्षण बालकनी।
- पत्थर/मार्बल की बालकनी -
पत्थर और मार्बल की आकर्षक बालकनी बनती है। इसे कई डिजायन दी जा सकती है, इसमे कोई भी उपयुक्त डिजायन का चुनाव आप दिवार के अनुसार कर सकते हैं।
साधारण - यह एक मंजिला मकान के लिए बनती है जिसमें पत्थर घङा हुआ होता है।
बंद - पत्थर की बालकनी लगाने के बाद इसे बंद करने के लिए पत्थर के पिलर लगा कर बंद कर दिया जाता है। ध्यान दीजिये ऐसी बालकनी को पिलर का सपोर्ट दिया जाता है।
पिलर - इस प्रकार की बालकनी में पत्थर या मार्बल की पिलर लगा उपर भी पत्थर लगा कर बंद कर दिया जाता है।
जाली - इसमे पत्थर की जाली बना इसे बंद किया जाता है। यह अधिक खर्चीली होती है, किंतु कलाकृतियां और वास्तुकला के कारण अधिक आकर्षक भी।
- कांच वाली -.
आजकल बालकनी को कांच से बंद करने का रिवाज तेजी से बढ़ रहा है साथ ही ऐसी बालकनी को बनाने का भी। इसमे बालकनी के अगले किनारे से कांच लगाकर पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है। ऐसी बालकनी अधिकांशतः मॉल और रेस्तरां में देखने को मिलती थी, किंतु वर्तमान मे, घरों में भी ऐसी बालकनी देखने को मिलने लगी हैं।
उपर्युक्त में से किसी भी प्रकार की बालकनी आप बनाने से पूर्व एक बार अपनी दिवार की डिजायन से मैच जरूर करे ताकि मकान और घर के सौंदर्य में बेजोड़ लगे।
कैसे बालकनी को आकर्षक बनाये?
बालकनी को आकर्षक बनाने के लिए उसकी डिजायन दीवार पर सर्वाधिक उपयुक्त हो उसका चयन किया जाना चाहिए। अगर पत्थर से मकान बनाया जा रहा है तो पत्थर की ही बालकनी लगानी चाहिए। अग्रभाग के अतिरिक्त लगाई जाने वाली बालकनी को इस हिसाब से लगाया जाना चाहिए, जिसमें आराम कुर्सी रखी जा सके। आजकल फ्लैट का जमाना बढ़ रहा है, ऐसे में अगर आप गमले लगाने की सोच रहे हैं तो इसे खुला रखे और स्टैंड लगा गमले लगा सकते हैं लेकिन यहां ध्यान रखना होगा की धूप की पर्याप्त व्यवस्था हो। बालकनी में एक छोटा-मोटा गार्डन भी बनाया जा सकता है, ऐसे में गार्डन बनाने की व्यवस्था का भी ध्यान रखे। इसे आकर्षण बनाने के लिए निम्न काम किए जा सकते हैं -
- बालकनी में हैंगिंग लाइट लगाई जानी चाहिए, इससे अच्छा लुक आता है।
- बालकनी में कुछ गमले लगाए जा सकते हैं।
- बालकनी में ग्रिल लगाई है, तो उसे अच्छे रंग से रंगे।
- बालकनी को आकर्षक बनाने के लिए वास्तु कला का उपयोग करे। अगर बालकनी पर वास्तु कला नहीं है तो आप वास्तु युक्त गमले रखने का स्टैंड लगा इसमे चार चांद लगा सकते हैं।
- बालकनी में सजावट के लिए सजावटी वस्तु का उपयोग करे। यथा - आटी, लाइट और अन्य।
बालकनी घर का ताज है, इसकी शोभा को बढ़ाना आपका उदेश्य है, ऐसे में इसका पूरा ख्याल रखे।
बालकनी की रेलिंग -
बालकनी दीवार से बाहर निकला हुआ एक सज्जा होता है, इसे बंद कर अधिक सुरक्षित बनाने के लिए जो पत्थर, लकड़ी या लोहे की ग्रिल लगा दी जाती है जिसे रेलिंग कहा जाता है। रेलिंग का उपयोग गिरने या फिसलने में अवरोध उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। यह छज्जे पर इस प्रकार से लगाई जाती है जिससे यह खाली जगह जो तीन तरफ से खुली (एक तरफ छत्त) हुई होती है उसे बंद किया जा सके।
आजकल दो मंजिला मकान के साथ ही फ्लैट का ज़माना तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में घर की बालकनी का उपयोग बाहरी नजारा देखने के साथ खुली हवा के लिए किया जाना तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में बालकनी को सुरक्षित बनाना अति आवश्यक होता है। बालकनी से कोई गिरे नहीं और आकर्षण भी आए इसे ध्यान में रखते हुए रेलिंग बनाई जानी चाहिए। रेलिंग बनाते समय सुरक्षा के साथ इसके भार और सुरक्षा को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। रेलिंग को साधारण बनाया जाना चाहिए, ताकि उस पर बच्चे चढ़ने की कोशिश ना करे। कई बार रेलिंग से बच्चे नीचे गिरने का खतरा बना रहता है उनके ऊपर चढ़ जाने से ऐसे में इसका ध्यान रखा जाना आवश्यक होता है।
बालकनी का उपयोग और डिजायन -
बालकनी एक तरफ आकर्षण देती है तो दूसरी तरफ बालकनी का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, इसलिए इसे डिजायन करते समय इसके उपयोग को भी ध्यान में रखा जाना आवश्यक होता है, इसके कुछ उपयोग निम्नलिखित है -
- दरवाजे को धूप और बारिश से बचाना - बालकनी महज दरवाजे को धूप और बारिश से बचाव के लिए बनाई जा रही है। खासतौर से बरसात के समय पानी दरवाजे से घर के अंदर ना आए तो साधारण डिजायन किया जाना चाहिए। ऐसे ही दरवाजे को धूप में गर्म होने से बचाने के लिए भी साधारण बाल्कनी काफी होती है।
- खुली हवा लेना - दूसरी या उससे ऊपर की मंजिल पर रहने वाले (खासतौर से फ्लैट में) लोग खुली हवा लेने के लिए बालकनी में आते हैं। ऐसे में बालकनी को ग्रिल या अन्य तरीकों से सुरक्षित किया जाना आवश्यक होता है, अन्यथा कोई दुर्घटना हो सकती है। ऐसी बालकनी थोड़ी बड़ी होनी चाहिए, ताकि आसानी से खुली हवा को लिया जा सके।
- आराम करना - कई लोग बालकनी को खुली हवा के साथ आराम से बैठने के उदेश्य से बनाते हैं, ऐसे में बाल्कनी को थोड़ा बड़ा रखना चाहिए और ग्रिल लगा देनी चाहिए जिससे वो आराम से बालकनी में कुर्सी लगाकर बैठ सकते हैं।
- बगीचा - बालकनी घर के लिए बगीचा लगाने की एक उत्तम जगह है क्यूंकि यहां धूप 24 घंटे आती है। यहां गमले रखे जाए तो गमले के पौधों को बढ़ने के लिए अच्छी धूप और खिलने की जगह मिल जाती है। इसके लिए बालकनी को इस तरीके से डिजायन किया जाना चाहिए, जिससे उसे अच्छी धूप मिल सके।
- सामान रखना - बालकनी घर में सामान रखने के लिए अतिरिक्त जगह देती है, यही कारण है कि अधिकतर मॉल में बालकनी को कांच से बंद कर उसे गोदाम में परिवर्तित कर दिया जाता है। इसके लिए बालकनी को पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए ताकि सामान खराब ना हो।
बालकनी के उपयोग के अनुरुप डिजायन करने से पूर्व पूरा घर ही उसी के अनुरुप डिजायन किया जाए तो मकान बहुत आकर्षक बनता है, ऐसे में एक बार पूरे घर का डिजायन किया जाना चाहिए निर्माण से पूर्व।
बालकनी की साज-सज्जा -
बालकनी का घर में बहुत महत्त्व होता है। यही वो जगह है जहां आप खड़े होकर सामाजिक जीवन जीने के साथ खुली हवा में खुली सांसे ले सकते हैं। इस जगह का उपयोग आप बगीचा लगाने के लिए भी कर सकते हैं। खास रुप से मकान के अग्रभाग की खूबसूरती भी इसी से आती है। ऐसे में बालकनी की साज-सज्जा को बेहतरीन तरीके से किया जाना चाहिए। इसकी साज-सज्जा से एक तरफ घर की खूबसूरती को बढावा मिलता है तो दूसरी ओर आप आराम के पल बिताने के लिए कुछ पल भी यहां बिताए तो आपके दिल को सुकून मिले। दिल गदगद हो जाए कि आप अपने घर में ही है जो दुनिया का एक खूबसूरत स्थान है और आपको दुनिया के किसी भी स्थान से अधिक सुकून यहां मिलता है।
बालकनी की उत्कृष्ट साजसज्जा के लिए निम्न कार्य कर सकते हैं -
- दिवार और लाइट के अनुसार रंग किया जाए।
- शानदार कालीन बिछाये, जो रंग के अनुसार हो।
- ग्रिल की निरंतर साफ सफाई करे।
- एक खूबसूरत स्टैंड लगाकर उसमे फूलों के पौधे वाले गमले लगा लीजिए।
- अच्छी लटकने वाली लाइट लगायी जाए।
- बालकनी में कांच लगे हुए हैं तो निरंतर सफाई करते रहे।
- दिल को सुकून देने वाले उपकरण लगाए जाए।
इनके अतिरिक्त किसी प्रकार का कोई उपयुक्त आइडिया आपके पास है तो कर सकते हैं, क्योंकि आपके दिल को सुकून किस वस्तु से मिलता है, आप ही बेहतर जानते हैं।
अन्य प्रश्न -
प्रश्न - बालकनी के पर्यायवाची शब्द क्या है?
उत्तर - बारजा, वारजा, छज्जा, बाल्कनी।
प्रश्न - balcony को हिन्दी में क्या कहते है?
उत्तर - balcony को हिन्दी में बारजा, वारजा, छज्जा या बाल्कनी इत्यादि नामों से जानते हैं।
प्रश्न - बालकनी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
उत्तर Balcony.
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