हम और आपकी तरह सरकार भी ऋण लेती हैं। सरकार विभिन्न प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बैंकों के साथ-साथ जनता से भी कर्ज लेती है। सरकार हमारी और आपकी तरह खुद ऋण लेने स्वयँ नहीं जाती बल्कि उसकी तरफ से उसका बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया - आरबीआई) जनता और बैंक से कर्ज लेता है।
अब तक जब भी सरकार को ऋण की आवश्यकता होती थी तो, सरकार की तरफ से आरबीआई बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों से लेता था। अब आरबीआई ने इसमे परिवर्तन करते हुए सीधे जनता से ही ऋण लेने की योजना को धरातल पर उतार दिया है।
कैसे लोगों से सीधा ऋण कैसे लेगी सरकार?
आरबीआई ने हाल ही में आरबीआई रीटेल डायरेक्ट (RBI Retail Direct) नाम से एक एप्प जारी किया है। इस एप्प के माध्यम से प्राथमिक और सेकंडरी दोनों बाजार की सरकारी प्रतिभूतियों को इस एप्प के माध्यम से खरीदा और बेचा जाएगा।
आपको बता दे जब सरकार को किसी नए प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वित्त की आवश्यकता होती है। तब सरकारी प्रतिभूतियों को को प्राथमिक प्रतिभूति बाजार में जारी करके ऋण लेती हैं। सरकार के लिए इन प्रतिभूतियों को बाजार में बेचने और उनके बदले वित्त की उगाई का कार्य आरबीआई करता है। वर्तमान में, आरबीआई ने इन प्रतिभूतियों को सीधे लोगों को बेचने का निर्णय लिया है, पहले इस प्रकार की प्रतिभूतियों को केवल वित्तीय संस्थाओं को बेचा जाता था, सीधे जनता को नहीं। जनता पहले म्यूचुअल फण्ड और विभिन्न वित्तीय संस्थाओ के जरिए सरकारी प्रतिभूतियों को खरीद सकते थी, लेकिन अब सीधे सरकार के एजेंट आरबीआई यानी सरकार से खरीद सकेगी।
पहले कैसे बेची जाती थी, सरकारी प्रतिभूतियां?
पहले जब भारत की केंद्र या राज्य सरकारों को फंड की आवश्यकता होती है, तब सरकार अपने बैंक (बैंक ऑफ बैंक और सरकार का बैंक) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को आवश्यक फंड जुटाने के लिए कहती और इसके बदले में आरबीआई को प्रतिभूतियों को देती। सरकार के आदेशानुसार उसका बैंक आरबीआई सरकार के लिए फंड जुटाने हेतु सरकार द्बारा उसे दी गई सरकारी प्रतिभूतियों को म्यूचुअल फंड कंपनी और बैंकों को विक्रय के लिए जारी कर देता। इन कंपनी को आप AMC - Assets Management Company कहते है।
यह ऐसेट मेनेजमेंट कंपनी गिल्ट फण्ड के नाम से जनता को विक्रय कर देती। गिल्ट फण्ड म्युचुअल फण्ड के समान ही फण्ड होते है, जो अपने पोर्टफोलियो का 80% सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते, शेष सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के डेब्ट फण्ड में। अधिक जानकारी के लिए यह अवश्य पढ़े।
क्या है आरबीआई रीटेल डायरेक्ट?
आरबीआई रिटेल डायरेक्ट नाम से आरबीआई ने एक एप्प जारी किया है। यह एप्प रिटेल निवेशकों को सीधे सरकारी प्रतिभूतियों में (प्राईमरी और सेकंडरी) निवेश करने के लिए अवसर देता है। अब सरकारी पर प्रतिभूतियों में निवेश करने के इच्छुक रिटेल निवेशक सीधे गिल्ट में इस एप्प के जरिए कर सकते हैं। यह खाता सीधे आरबीआई के साथ खुलता है।
इस एप्प पर खाता खोलकर आप सीधे ही निवेश कर सकते हैं। इस एप्प के जरिए आप निम्न सरकारी प्रतिभूतियों को खरीद सकते हैं -
- सरकारी पेपर बिल - एक साल से अधिक की अवधि।
- गवर्नमेंट ट्रेजरी बिल - एक साल से कम अवधि।
- सोवरीन गोल्ड बॉन्ड (SGB) - सोने के मूल्य पर जारी।
- राज्य सरकारों द्बारा जारी की गई प्रतिभूतियां।
आरबीआई के साथ खोले जाने वाले इस खाते को रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट कहा जाता है। आरबीआई द्बारा जारी किए गए एप्प के अतिरिक्त वेबसाइट पर वेबसाइट पर भी रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) खाता खोल सकते हैं।
RDG खाता खोलने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट -
RDG खाता कोई भी भारतीय व्यक्ति जो 18 वर्ष की आयु को पूरा कर चुका है, खोल सकता है। वेबसाइट या एप के जरिए स्वयं को रजिस्टर करना होता है, इसके लिए निम्न डाक्यूमेंट की आवश्यकता होती है -
- पेन कार्ड
- आधार या वोटर आई डी कार्ड केवाईसी के लिए।
- बैंक डायरी
इनके अतिरिक्त आपके पास मोबाइल नंबर, ई-मेल आई डी का होना अनिवार्य है।
RDG खाता पर चार्ज कितना लगता है? -
RDG खाता पर म्यूचुअल फंड के गिल्ट अकाउंट की तरह इसे खोले जाने या मैंटेन करने के लिए किसी प्रकार का कोई चार्ज नहीं लगता है। अगर आप खाते में पैसे डालने के लिए आप किसी प्रकार के गेट वे यथा पेटीएम या फोन पे का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इनके द्बारा लिया जाने वाला चार्ज ग्राहक के लिए देय होगा।
कैसे खोले RDG खाता?
सरकारी प्रतिभूतियों को सीधे आरबीआई से खरीदने के लिए RDG खाता खोलना आवश्यक होता है। RDG खाता खोलने के लिए निम्न प्रक्रिया को अपनाना होता है -
आप प्ले स्टोर से आरबीआई रिटेल डायरेक्ट एप्प को डाउनलोड कर सकते हैं। या आरबीआई की वेबसाइट https://rbiretaildirect.org.in/#/ पर जाकर ओपन आरबीआई रिटेल अकाउंट को क्लिक कर निम्न जानकारी देकर खाता खोल सकते हैं।
सबसे पहले खाते के प्रकार को चुनें अगर अकेले है तो व्यक्तिगत। इसके बाद पेन कार्ड पर दर्ज अपना नाम लिखे। सही ई-मेल आई डी और मोबाइल नंबर लिखे, दोनों का ओटीपी द्बारा सत्यापन किया जाता है। ओटीपी सत्यापन के बाद अपना पेन कार्ड का नंबर लिखे और जन्म तिथि दर्ज करे।
RDG में खाता खोलने का फायदा -
जो व्यक्ति अपनी बचत पर स्थिर ब्याज अथवा लाभ चाहते हैं, सुरक्षित निवेश के साथ वो RDG में खाता खोल सकते हैं। जिन लोगों ने पहले ही गिल्ट फ़ंड में निवेश कर रखा है वो भी निवेश कर सकते हैं। आरडीजी में निवेश करने के निम्नलिखित फायदे हैं -
- सुरक्षित निवेश - RDG के जरिए सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है, ये सभी प्रतिभूतियां सरकार द्बारा जारी किए जाने से सुरक्षित होती है। आपके निवेश की वापसी की जिम्मेदारी सरकार की होती है, ऐसे में बैंक की सावधि जमा (Fixed Deposit) के मुकाबले से भी अधिक सुरक्षित निवेश हैं।
- स्थिर ब्याज - सरकार द्बारा जारी की जाने वाली प्रतिभूतियों पर सरकार स्थिर ब्याज देती है, ऐसे में यह स्थिर आय का जरिया है।
- कोई चार्ज नहीं - म्यूचुअल फंड के गिल्ट फंड की भांति RDG पर कोई चार्ज वसूल नहीं किया जाता है।
इसके अतिरिक्त लंबी अवधि के लिए निवेश किए जाने पर कर मे छूट भी मिलती है। अन्य सभी लाभों को जानने के लिए एक बार गिल्ट फण्ड के बारे में जरूर पढ़े।
सरकार क्यों लेती है ऋण -
आपके मन में अब भी प्रश्न उठ रहा होगा की, आखिर सरकार ऋण क्यों लेती है? सरकार विकास कार्यो के खर्च के लिए और विभिन्न प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए लोन लेती है। सरकार घरेलू लोन लेने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों को जारी करती है। ऐसे में सरकार द्बारा ऋण लिए जाने के निम्न कारण होते हैं -
- सार्वजनिक कार्य और प्रोजेक्ट सड़क, पुल और अन्य संरचनात्मक विकास के लिए,
- आर्थिक मंदी के दौरान,
- कम ब्याज दरों का लाभ उठाने के लिए, पहले के ऋण को चुकाने के लिए दूसरा ऋण
- राजकोषीय घाटे के समय,
- मुद्रा मूल्य को स्थिर करने के लिए, सामन्यतः विदेशी मुद्रा में,
- मौद्रिक नीति को संतुलित करने,
- विदेशी मुद्रा के भंडार को बढावा देने।
उपर्युक्त सभी या किसी एक कारण के लिए सरकार ऋण लेती है। जब घरेलू बाजार में ऋण लेती है तो बदले में सरकारी प्रतिभूतियों को जारी करती है।
RDG से कब प्रतिभूतियों को खरीदे?
RDG के जरिए आरबीआई प्राइमरी और सेकंडरी दोनों प्रकार की प्रतिभूतियों को खरीदा जा सकता है। सेकंडरी प्रतिभूतियों के लिए कोई नियत दिन निश्चित नहीं है, किंतु प्राईमरी सिक्युरिटी के लिए दिन निश्चित किए गए हैं, जो निम्न है -
क्र. सं. | प्रतिभूति का नाम | नीलामी का वार |
---|---|---|
1 | ट्रेजरी बिल (टी-बिल) | बुधवार |
2 | दिनांकित प्रतिभूतियां (G-Sec) | शुक्रवार |
3 | राज्य विकास ऋण (SDL) | मंगलवार |
4 | राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (SGB) | आरबीआई द्बारा प्रेस विज्ञप्ति से |
RDG से न्यूनतम कितने रुपये की सिक्युरिटी खरीदी जा सकती है?
RDG से न्यूनतम सिक्युरिटी खरीदने का नियम प्राईमरी सिक्युरिटी मे है।
क्र. सं. | प्रतिभूति का नाम | न्यूनतम निवेश राशि (एएस on 12.11.2023) |
---|---|---|
1 | ट्रेजरी बिल (टी-बिल) | ₹ 10000 |
2 | दिनांकित प्रतिभूतियां (G-Sec) | ₹ 10000 |
3 | राज्य विकास ऋण (SDL) | ₹ 10000 |
4 | राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (SGB) | एक ग्राम सोना मूल्य |
RDG निवेश में वित्तीय जोखिम की संभावना -
RDG खाता खोलकर सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। सरकारी प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य बैंक ब्याज दरों के विपरित प्रभावित होता है। बैंक ब्याज दर बढ़ने पर आपकी कुल सम्पति कम हो जाती है और घटने पर बढ़ती है। ऐसे में ब्याज दरों और प्रतिफल का जोखिम निहित है, आरबीआई द्बारा वेबसाइट पर जारी की गई जानकारी को सावधानीपूर्वक पढ़कर सभी शर्तों को समझकर निवेश किया जाना चाहिए। प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य घटना-बढ़ना ब्याज दरों पर निर्भर करता है, इसलिए इनकी जानकारी रखना भी आवश्यक हैं।
अन्य प्रश्न -
प्रश्न - प्राथमिक बाजार में सम्पति (सिक्युरिटी) की नीलामी किस मूल्य पर की जाती है?
उत्तर - निवेशकों द्बारा लगाई गई बोलियों के औसत भारित मूल्य पर प्राथमिक बाजार की सिक्युरिटी की नीलामी की जाती है।
प्रश्न - एक निवेशक प्राथमिक बाजार में कितनी बोली लगा सकता है?
उत्तर - प्राथमिक बाजार में एक निवेशक एक बोली लगा सकता है।
प्रश्न - सरकारी प्रतिभूतियों को किस एप्प के माध्यम से खरीदा जा सकता है?
उत्तर - सरकारी प्रतिभूतियों को घर बैठे आप आरबीआई रिटेल डायरेक्ट एप्प से खरीद सकते हैं।
प्रश्न - RDG में खाता खोलने के लिए केवाईसी कैसे की जाती है?
उत्तर - अगर आपका मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक है तो आप ओटीपी से केवाईसी कर सकते हैं, बिना लिंक आधार कार्ड की दशा में आप वीडियो कॉल के माध्यम से केवाईसी कर सकते हैं।
प्रश्न - RDG खाता खोलने और मैंटेन करने का चार्ज क्या है?
उत्तर - आरबीआई के साथ RDG खाता खोलने और बनाये रखने का कोई चार्ज नहीं है बिल्कुल निशुल्क हैं।
प्रश्न - RDG खाते में पड़ी सिक्युरिटी को समय पूर्व बेचा जा सकता है?
उत्तर - हाँ, RDG खाते में पड़ी सिक्युरिटी को समय पूर्व वेबसाईट या एप्प पर एक निश्चित पर प्रस्ताव लगाकर बेचा जा सकता है।
प्रश्न - सरकार को दिए गए ऋण का पुर्नभुगतान कैसे होता है?
उत्तर - सरकारी प्रतिभूतियों के मैच्योर होने पर पुनर्भुगतान की राशि सीधे खाते में जमा हो जाती है।
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