अपनी बचत का निवेश करना हर कोई ऐसी जगह करना चाहता है जहां उसे बढ़िया प्रतिफल (ब्याज अथवा लाभ) पाना चाहता है। इसके लिए एक से एक बेहतर विकल्प को परख कर निवेश करने की बजाय कई बार व्यक्ति अधिक दर पर ब्याज या लाभ पाने के चक्कर में मूलधन ही खो बैठता है। ऊंची ब्याज दर पाने के चक्कर में निवेश की जोखिम को भूल जाता है। अपनी बचत पर मुनाफा कमाना या प्रतिफल पाना व्यक्ति का हक है लेकिन निवेश में जोखिम भी निहित होती है, यह भूला नहीं जा सकता है।
प्रत्येक निवेशक का इरादा प्रतिफल पाने के साथ ही मूलधन की सुरक्षा का भी होता है। ऐसे में जो लोग अधिक जोखिम भरा निवेश करने से बचते हैं वो अधिकांशतः बैंक में सावधि जमा (Fixed Deposits) करा देते हैं। सावधि जमा को भारत में सुरक्षित निवेश के साथ अच्छा प्रतिफल देने वाला निवेश माना जाता है। ऐसा निवेश अधिकांशतः सेवानिवृत्त लोगों द्वारा निवेश की सुरक्षा के उदेश्य से किया जाता है। ऐसे में आज हम आपको परिचित कराने जा रहे हैं एक ऐसी स्कीम से जो 100% सुरक्षित होने के साथ ही सावधि जमा के मुकाबले में अधिक प्रतिफल देने वाली मानी जाती है।
गिल्ट फंड क्या है? -
गिल्ट फंड डेब्ट (देनदारी) फंड होते हैं, जो केवल सरकारी बॉन्ड में 80% तक की राशि का निवेश आवश्यक रुप से करते हैं। ये सरकारी बॉन्ड केंद्र और राज्य दोनों प्रकार की सरकारों के हो सकते हैं। ये सरकार द्वारा जारी किए गए बॉन्ड निश्चित ब्याज देते हैं। इसी कारण इसे सुरक्षित फंड और निवेश माना जाता है। सरकार इस प्रकार के बॉन्ड सत्कार किसी प्रोजेक्ट के लिए निश्चित समय के लिए ऋण लेने के लिए जारी करती है।
गिल्ट (GILT) फंड का नाम गिल्डेड-एज सर्टिफिकेट से लिया गया है। GILT Fund का पूरा नाम Government Securities Investment Fund (सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश) से लिया गया है। इस प्रकार के फंड का उपयोग सेबी के नियमो के अनुसार 80% तक सरकारी बॉन्ड की खरीद के लिए वित्तीय कंपनी द्वारा किया जाता है। सरकारी निवेश के बाद शेष बची हुई राशि जो 20% से अधिक नहीं हो सकती का उपयोग कॉर्पोरेट बॉन्ड अथवा डेब्ट में किया जा सकता है। जिन कॉर्पोरेट डेब्ट में इस प्रकार के फंड का निवेश किया जाता है उनका स्वभाव निश्चित ब्याज राशि दिए जाने का होना आवश्यक है।
कैसे करे गिल्ट फंड में निवेश?
गिल्ट फंड को देखा जाए तो एक तरीके का म्यूचुअल फण्ड ही है, जो सरकारी डेब्ट प्रतिभूतियों में निवेश करता है, जिसके कारण इसे गिल्डेड-एज फंड या G sec भी कहा जाता है। ऐसे में गिल्ट फंड में निवेश म्यूचुअल फंड की भांति ही किया जा सकता है। गिल्ट फंड ऑफर करने वाली सभी कंपनियां म्यूचुअल फंड कंपनियां ही होती है। इसके लिए आपको निम्न कदम उठाने होंगे -
- स्टेप - 1 : अपनी बचत की जांच करे - एक सर्वश्रेष्ठ गिल्ट फंड का चुनाव करने के लिए सबसे पहले अपनी मासिक बचत की जांच कर लें क्योंकि गिल्ट फंड निवेश एक SIP - Systematic Investment Plan (व्यवस्थित निवेश योजना) है, जो प्रतिमाह भुगतान योग्य हो जाती है, अथवा एक आवर्ती जमा है ऐसे में आपको सबसे पहले अपनी बचत की जांच कर लेनी चाहिए ताकि मासिक योजना में निवेश प्रभावित ना हो।
- स्टेप - 2 : म्यूचुअल फंड की गिल्ट स्कीम का विश्लेषण करे - आजकल गिल्ट फंड की सभी स्कीम ऑनलाइन उपलब्ध है ऐसे में सभी म्यूचुअल फंड द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का ऑनलाइन विश्लेषण कर प्रति माह आवर्ती जमा, प्रतिफल, जोखिम और चार्ज की दर का विशलेषण कर लेना चाहिए।
- स्टेप - 3 : अपनी आवश्यकता के अनुरुप सर्वश्रेष्ठ स्कीम चुने - जब सभी कम्पनी या लक्षित म्यूचुअल फंड कंपनियां द्वारा दी जाने वाली गिल्ट फंड स्कीम का विश्लेषण पूरा हो जाए तो अपनी आवश्यकता और प्रतिफल को भी आपका लक्ष्य है उसके अनुसार सर्वश्रेष्ठ स्कीम और कंपनी का चुनाव करे।
- स्टेप - 4 : कम्पनी की साइट पर ऑनलाइन आवेदन - आपके द्वारा सर्वश्रेष्ठ गिल्ट फंड और कंपनी का चयन कर लिए जाने के बाद आप उस कंपनी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करे। कंपनी द्वारा मांगी गई सभी जानकारी सही से भरे।
- स्टेप - 5 : केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा करे - कंपनी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किए जाने के बाद कंपनी KYC - Know Your Customer (आपके ग्राहक को जाने) के लिए आपकी पहचान और पत्ता स्थापित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करे और आवश्यक होने पर आवश्यक दस्तावेज कार्यालय में जमा कराए या रजिस्टर्ड पोस्ट से कार्यालय को भेजे।
- स्टेप - 6 : भुगतान - कंपनी द्वारा केवाईसी की प्रक्रिया को पूर्ण कर लेने के बाद प्रथम किश्त का भुगतान करे और भविष्य की तिथि को नोट कर लीजिए ताकि तिथि के पूर्व अपने खाते में आवश्यक राशि जमा करा दी जाए ताकि बैंक समय से आपकी किश्त का भुगतान कर सके और आप पेनल्टी से बच सके।
- स्टेप - 7 : पुष्टिकरण - भुगतान किए जाने के बाद कंपनी द्वारा आपकी ई-मेल ID पर एक पुष्टिकरण के लिए ई-मेल भेजेगा। इसे संभालकर रखा जाए ताकि भविष्य में काम आ सके।
गिल्ट फंड म्यूचुअल फंड कंपनियां ही जारी करती है, ऐसे में आप पहले से ही किसी म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो उसी म्यूचुअल फंड कंपनी में आप गिल्ट फंड में निवेश कर सकते हैं। ऑनलाइन के जमाने में गिल्ट फंड में निवेश करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है, बस कुछ स्टेप उठाने है आपको एक सुरक्षित निवेश के लिए।
गिल्ट फंड के कारक -
कारक से तात्पर्य घटकों से होता है, जिनके संयोजन से किसी सरंचना का निर्माण होता है। गिल्ट फंड के निम्न कारक है -
- जारीकर्ता - गिल्ट फंड की जारीकर्ता सरकार होती है, केंद्र या राज्य सरकार के आदेश पर आरबीआई द्वारा जारी किए जाते हैं लेकिन वास्तविक जारीकर्ता केंद्र या राज्य सरकारे है।
- कूपन - इसे आप ब्याज की दर कह सकते हैं जो कूपन यानी सर्टिफिकेट पर लिखी हुई होती है जो वार्षिक, अर्धवार्षिक हो सकती है।
- AMC - जारीकर्ता से से बॉन्ड का क्रय करने के लिए अपने ग्राहको से फंड प्राप्त कर उसका पूल बनाने वाली कंपनियां। सामन्यतः ऐसा कार्य विभिन्न म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा किया जाता है।
- परिपक्वता - इससे आशय उस समय से है जब फंड परिपक्व हो जाए और जारीकर्ता द्वारा निवेशकों को ब्याज सहित राशि पुनः लौटा दी जाए।
किसी भी वित्तीय साधन अथवा इकाई में निवेश करने से पूर्व उसके कारकों का अध्ययन किया जाना आवश्यक होता है ताकि वित्तीय जोखिम का निर्धारण किया जा सके। ऐसे में गिल्ट फण्ड लेते समय ब्याज की राशि के साथ सर्विस चार्ज की गणना की जानी अति आवश्यक है ताकि किसी प्रकार की जोखिम ना रहे। इसके अतिरिक्त म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा शेष 20% निवेश किस प्रकार के उपक्रमों में किया जाता है उसका भी सावधानी से अध्ययन करना चाहिए।
गिल्ट फंड कैसे काम करता हैं?
जब केंद्र या राज्य सरकार को फंड की आवश्यकता होती है, तब सरकार अपने बैंक (बैंक ऑफ बैंक और सरकार का बैंक) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को आवश्यक फंड जुटाने के लिए कहती है। सरकार के आदेशानुसार आरबीआई सरकार के लिए फंड जुटाने हेतु सरकारी प्रतिभूतियों को म्यूचुअल फंड कंपनी और बैंकों को विक्रय के लिए जारी करता हैं। इन कंपनी को आप AMC - Assets Management Company कहते है ।
म्यूचुअल फंड जैसी कंपनियां लोगों से विभिन्न सरकारी प्रतिभूतियों में जमा करने के लिए गिल्ट फंड जारी कर लोगों से पैसे इक्कठे कर सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय कर लेती है। ये कंपनियां 80% निवेश इन्हीं प्रतिभूतियों में करती है। बॉन्ड का समय पूरा होने पर आरबीआई से पैसे (मूलधन + ब्याज) पुनः ले लेती है। निवेश पर प्राप्त होने वाले ब्याज से अपना खर्च और लाभ निकाल गिल्ट निवेशकों के फंड के समय के पूरा होने पर भुगतान कर देती है।
व्यक्ति द्वारा निवेश किए गए धन का मूल्य इकाई की NAV (Net Assets Value) पर निर्भर करता है। ऐसे में व्यक्ति द्वारा किए गए निवेश की अवधी पूर्ण होने पर उसे NAV (बाजार मूल्य) के अनुसार भुगतान किया जाता है। यह ब्याज दरों में परिवर्तन के साथ घटता और बढ़ता रहता है।
गिल्ट फंड में निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें -
गिल्ट फंड भी एक वित्तीय साधन है, इसमें जोखिम निहित होती है ऐसे में निवेश करने से पूर्व निम्न तथ्यों को ध्यान में रखा जाना आवश्यक है -
- प्रतिफल - गिल्ट फंड पर प्रतिफल और ब्याज की दर बैंक ब्याज दरों के विपरित होती है। जब बैंक ब्याज दरों को बढ़ा देते हैं तब गिल्ट फंड का प्रतिफल घट जाता है, ऐसे में गिल्ट फण्ड खरीदते समय बैंक दरों का ध्यान रखने के साथ उनकी दरों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
- जोखिम - गिल्ट फण्ड सुरक्षित निवेश है, किंतु सावधि जमा और बैंक ब्याज दरों में वृद्धि के साथ इनका मूल्य कम हो जाता है, ऐसे में बैंक दरों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
- खर्च अनुपात - गिल्ट फंड का निवेश वित्तीय संस्था (AMC) द्वारा किया जाता है। ये अपने कार्य का चार्ज वसूल करती है जो कुल निवेश का एक निश्चित प्रतिशत होता है ऐसे में निवेश करने के पूर्व इसे ध्यान में रखा जाना आवश्यक है।
इनके अतिरिक्त सर्विस चार्ज और उसके अलावा भी अतिरिक्त चार्ज लागत और परिपक्वता की अवधि भी इसके महत्वपूर्ण कारक है। अवधि के अनुरुप ही कर का निर्धारण होता है। ऐसे में कर को बचाने के इच्छुक निवेशकों द्वारा दीर्घकालिक निवेश को प्राथमिकता दी जाती है।
गिल्ट फण्ड के प्रकार -
गिल्ट फण्ड के प्रकार अवधि के अनुसार है, व्यक्ति अवधि को ध्यान में रखते हुए निवेश करता है।
- लघु अवधि गिल्ट फण्ड - छोटी अवधि के गिल्ट फंड 15-18 महीनों में परिपक्व हो जाते हैं। इनके ऊपर बेहतर ब्याज प्राप्त हो सकता है, अगर आप बैंक ब्याज दरों को ध्यान में रखते हुए निवेश कर तो।
- दीर्घ अवधि गिल्ट फंड - लंबी अवधि के गिल्ट फंड 5 से 30 साल के लिए जारी किए जाते हैं। कई बार देखने को मिला है कि दीर्घकालिक निवेश पर भी बेहतर प्रतिफल प्राप्त हुआ है, निवेशकों को।
गिल्ट फंड अल्पकालिक और दीर्घकालीन दोनों प्रकार के होने के कारण 3 वर्ष से कम अवधि के निवेश पर हुए लाभ पर अल्पकालीन लाभ का कर और तीन वर्ष से अधिक अवधि के निवेश पर दीर्घकालिक लाभ कर देना होता है। भारत में अल्पकालिक लाभ पर करों की दर 30% है तो दीर्घकालिक के लिए 20% है। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति आयकर दाता है उसे अल्पकालिक (3 वर्ष से कम अवधि का निवेश) गिल्ट फंड में 10000/- रुपये का लाभ हुआ है तो उसे 3000 रुपये का कर अदा करना होगा, वही अगर दीर्घकाल (3 वर्ष से अधिक अवधि का निवेश) के निवेश के लिए 10000/- रुपये का लाभ हुआ तो उसे 2000 रुपये कर अदा करना होगा।
गिल्ट फंड में निवेश के लाभ -
जैसा कि आपको पता है गिल्ट फ़ंड केंद्र और राज्य सरकार की डेब्ट प्रतिभूतियों ट्रेजरी और राजस्व बिल में निवेश करती हैं, जिसके कारण जोखिम कम होती है -
- कम जोखिम - गिल्ट फंड सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करता है, जो स्थिर ब्याज देती है ऐसे में गिल्ट फंड में कम जोखिम होती है।
- निवेश की सुरक्षा - सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के कारण मूलधन और स्थिर ब्याज प्राप्त होने की सुरक्षा बनी रहती है।
- सरकारी सुरक्षा - सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश होने के कारण सरकार कि साख से जुड़ा हुआ निवेश होता है, जो सर्वाधिक सुरक्षित माना जाता है।
- पूंजीगत निवेश के लाभ - गिल्ट फंड 3 वर्ष की अधिक अवधि का होता है, जिसके कारण इस पर होने वाले लाभों पर दीर्घकालिक कर 20% ही देना होता है।
निश्चित आय चाहने वालों के लिए उपयुक्त विकल्प - जो लोग कम जोखिम उठाकर निश्चित प्रतिफल चाहते हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। खासतौर से जो सावधि जमा (Fixed Deposit) कराते है वो सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
भारत में सर्वश्रेष्ठ गिल्ट फंड -
अक्सर पूछा जाता है कि कौनसा गिल्ट फण्ड बेहतर है, कुछ गिल्ट फण्ड नीचे दर्शाये गए हैं उनके प्रतिफल के दर के अनुसार जिन्हें आप नीचे देख सकते हैं।
Fund Name | Returns % 1-Year |
Returns % 3-Years |
Returns % 5-Years |
---|---|---|---|
ICICI Prudential Gilt Fund | 7.7% |
6.49% |
8.36% |
SBI Magnum Gilt Fund | 6.87% | 6.17% | 8.42% |
Nippon India Gilt Securities Fund | 6.66% |
5.5% |
7.76% |
HDFC Gilt Fund | 6.62% |
5.08% | 6.49% |
DSP Government Securities Fund | 7.32% |
5.9% |
8.31% |
यह किसी प्रकार की सलाह नहीं है, प्रतिफल घटते बढ़ते रहते हैं ऐसे में आप निवेश करने से पूर्व जोखिम और प्रतिफल का सम्पूर्ण अध्ययन और विश्लेषण कर निवेश करे। बेहतर निवेश के लिए आप वित्तीय सलाहकार से सलाह भी ले सकते हैं। वित्तीय निर्णय करने से पूर्व जोखिम का अध्ययन किया जाना आवश्यक है।
अन्य प्रश्न -
प्रश्न - गिल्ट फंड क्या होता है?
उत्तर - गिल्ट फंड एक विशेष प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो सरकारी प्रतिभूतियों यथा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी बॉन्ड, ट्रेजरी बिल और राजस्व बिल में सेबी के नियमानुसार 80% न्यूनतम निवेश करते हैं।
प्रश्न - गिल्ट फंड का पूरा नाम क्या है?
उत्तर - सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश
प्रश्न - GILT Fund full form क्या है?
उत्तर - Government Securities Investment Fund
प्रश्न - गिल्ट फंड की आय क्या कर योग्य है?
उत्तर - अगर आप कर की श्रेणी में आते हैं तो अल्पकालीन गिल्ट फंड की आय पर 30% और दीर्घकालीन आय पर 20% कर देय होता है।
प्रश्न - गिल्ट फंड सावधि जमा से बेहतर कैसे है?
उत्तर - कई बार गिल्ट फंड पर सावधि जमा के मुकाबले अधिक प्रतिफल मिलता है, कभी-कभी गिल्ट फ़ंड पर 12% तक ब्याज मिल जाता है।
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