गुनगुने पानी में फिटकरी पीने के फायदे। Fitkari Ke Fayde

गुनगुने पानी में फिटकरी पीने के फायदे। Fitkari Ke Fayde

आजकल हर तरफ घरेलू नुस्खे की भरमार चल रही है। जिसे देखो घरेलू नुस्खे बांटते हुए मिल जाएगा। हर किसी के पास हर बीमारी का इलाज है, बताने के लिए। अगले की बीमारी और तबीयत बिगड़ जाए वो बात दूसरी है। लेकिन नुस्खा देने वाला सोचता नहीं।

गुनगुने पानी में फिटकरी पीने के फायदे। Fitkari Ke Fayde


भारत तो यूँ ही डॉक्टरों का देश है, जहां अस्पताल में भर्ती किसी मरीज को देखने के लिए उसके रिश्तेदार और परिजन पहुंचते हैं तो चार नुस्खे वहाँ ही बता आते हैं। ऐसे ही किसी को छोटी-मोटी दिक्कत हो जाए तो उन्हें नुस्खे देने का अच्छा बहाना ही मिल जाता है और नुस्खों की बौछार कर देते हैं। खैर, हम बात कर रहे हैं फिटकरी की।

गुनगुने पानी के साथ फिटकरी पीने के फायदे -


इस पर गूगल में भरमार है नुस्खों की। हर कोई नुस्खा दे रहा है, गुनगुने पानी के साथ फिटकरी पीने का। लेकिन किसी ने यह नहीं बटाया कितनी फिटकरी मिलानी है और पानी को कब पीना है, सुबह खाली पेट या दिन में कभी भी।

फिटकरी को गुनगुने पानी में पीने जा रहे हैं तो पहले कुछ चीजे अवश्य जान लेनी चाहिए। यह जान लेने के बाद ही फिटकरी को पीने का काम किया जाना चाहिए, अन्यथा स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले फिटकरी को ही समझना आवश्यक हैं।

फिटकरी क्या होती है?


फिटकरी एक खनिज लवण है, जिसे जमीन से खोदकर निकाला जाता है। यह भारत, मिस्त्र, इंग्लैंड, जर्मनी और नेपाल में पायी जाती है। भारत में पंजाब, बिहार, गुजरात में पाई जाती है। फिटकरी रंगहीन (साफ क्रिस्टल की भांति), गंधहीन और स्वाद में कचैली होती है। इसे क्षेत्रीय भाषाओं में अलग-अलग नाम से जाना जाता है, लेकिन हिन्दी में इसे फिटकरी कहा जाता है।

फिटकरी का प्राथमिक रूप से उपयोग जल को शुद्ध किए जाने के लिए किया जाता रहा है। इसमे एंटी-बैक्टीरिया गुणों की उपस्थिति के कारण इसका उपयोग वर्तमान में अधिक बढ़ गया है। वर्तमान में कॉस्मेटिक्स से दवा बनाने तक में इसका उपयोग किया जा रहा है।

फिटकरी का पानी साफ करने में उपयोग -


जैसा कि आपको पहले ही बता दिया है कि फिटकरी का उपयोग पानी साफ करने के लिए उपयोग किया जाता है। अब आपको बताते हैं कि पानी साफ करने के लिए किस प्रकार से फिटकरी का उपयोग किया जा सकता है। तो आपको बता दे कि फिटकरी का उपयोग घड़े या मटके का पानी साफ करने के लिए नहीं किया जाता है, इसका उपयोग जलाशय या जलकुंड के पानी को साफ करने के लिए किया जाता है।

अगर आपके घर में बने टांका या टैंक में पानी को साफ करने के लिए फिटकरी का उपयोग किया जा सकता है। ऐसे ही सरकार द्वारा बनाए जाने वाले होद में भी पानी को साफ रखने के लिए फिटकरी का उपयोग किया जा सकता है। पानी में फिटकरी डालने से पानी में पनपने वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं और साफ हो जाता है। अशुद्ध जल के उपयोग से होने वाली बीमारियाँ नहीं होती है। पहले जब भारत में नारु रोग का प्रकोप होता था, तब सरकार नाडी और तालाब के पानी को साफ करने के लिए फिटकरी और लाल दवा डालती थी, सरकार के प्रयासों से 20 सदी के आखिरी दशक में हम नारु रोग से मुक्त हो गए।

फिटकरी के उपयोग (फिटकरी के गुण) -


फिटकरी एंटी बैक्टीरिया तत्व है, जिसके कारण सदियों से इसका उपयोग बैक्टीरिया से उन्मूलन के लिए किया जाता रहा है। ऐसे में आप फिटकरी का उपयोग निम्न समस्याओं के समाधान के लिए किया जा सकता है -
  • खांसी - खांसी होने पर खासतौर से बलगम वाली खांसी होने की दशा में फिटकरी का उपयोग किए जाने से बलगम सूखकर बाहर आ जाती है। बलगम के बाहर आने से गला और खांसी दोनों ठीक हो जाती है। ऐसे ही फिटकरी का उपयोग करने से गले का दर्द भी ठीक हो जाता है क्योंकि फिटकरी एंटी-बैक्टीरियल, दर्द निवारक और सूजन को कम करने वाली होने के साथ ही गले की जलन को भी कम करती है। फिटकरी के इन सभी गुणों के कारण खांसी ठीक हो जाती है। इसके लिए फिटकरी गुनगुने पानी में घोलकर कुल्ला करना चाहिए। 
  • मुँह में छाले - गर्मी के मौसम में अक्सर मुँह में छाले हो जाते हैं। ऐसे में छालों से से निवारण पाने के लिए फिटकरी पानी में घोलकर कुल्ला करना चाहिए। फिटकरी के पानी का कुल्ला दिन में 2-3 बार किए जाने से छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं। हालांकि यहां यह ध्यान रखे कि फिटकरी का कुल्ला करने से मुँह का स्वाद बिगड़ जाता है और कई बार छाले फूटने से ऐसा लगता है कि मुँह की चमड़ी और जुबान फट गई है। 
  • दर्द - दर्द होने पर फिटकरी का बुरादा लगाने से या फिटकरी को रगड़ने से दर्द से राहत मिलती है। खासतौर से जब दांत मे दर्द होता है तब फिटकरी का थोड़ा सा पाउडर लगाने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है। ऐसे ही शरीर में कहीं दर्द होता है तो फिटकरी का पाउडर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है। 
  • सूजन - फिटकरी में दर्द निवारक के साथ ही सूजन को कम करने के गुण भी पाए जाते हैं। शरीर के किसी हिस्से में सूजन आ जाने पर फिटकरी का उपयोग कर सूजन को कम किया जा सकता है। दांत दर्द के साथ मसूड़ों में सूजन आ जाने पर फिटकरी का कुल्ला करने से सूजन से राहत मिल जाती है। 
  • घाव - घाव उस चोट से खून आने पर फिटकरी का पाउडर लगाने से फिटकरी खून का थक्का बनाकर खून के बहाव को रोक देती है। फिटकरी में पाया जाने वाला एंटी बैक्टीरिया का गुण जीवाणुओं को मारकर घाव को जल्दी भरने मे मदद करता हैं। 
फिटकरी में पाए जाने वाले इन्हीं गुणों के कारण इसका उपयोग कॉस्मेटिक उत्पादों में किया जाता है। इसके अतिरिक्त फिटकरी का उपयोग करने से त्वचा की सफाई हो जाती है जिससे पिम्पल्स से राहत मिलती है और त्वचा में चमक आती है। इसी चमक के कारण अधिकांश कॉस्मेटिक उत्पादों में फिटकरी का उपयोग किया जाता है। यही कारण है कि लोग दाढ़ी करने के बाद मुँह पर फिटकरी के टुकड़े को फेरते है। 

फिटकरी को पानी में पीने से फायदे -


कई बार फिटकरी का बाहरी उपयोग करने के अतिरिक्त इसका आंतरिक उपयोग यानी खाने के रुप में भी किया जाता है। फिटकरी को खाने के रुप में उपयोग करने जा रहे हैं तो निम्न बातों का ध्यान रहे - 
  1. बिना आयुर्वेदाचार्य (चिकित्सक) की सलाह के इसका सेवन ना करे। 
  2. एक-तीन (1 से 3) ग्राम फिटकरी पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में घोलकर पीए, अधिक फिटकरी का ईस्तेमाल करने से उल्टी दस्त सम्बन्धित शिकायत हो सकती है। 
  3. गले में कोई दिक्कत है तो फिटकरी के पानी को ना पिएं। 
फिटकरी को गुनगुने पानी में डालकर पीने से कुछ लाभ अवश्य प्राप्त होते हैं, जो निम्नलिखित है - 
  • पेट साफ हो जाना - फिटकरी को गुनगुने पानी में घोलकर पीने से व्यक्ति का पेट साफ हो जाता है। 
  • विषाणुओं का सफाया - जब पेट साफ हो जाता है तो पेट के विषैले विषाणुओं का भी सफाया हो जाता है। जिससे शरीर के टॉक्सिन समाप्त हो जाते हैं। 
  • मोटापा घटना - फिटकरी का उपयोग किए जाने से शरीर के विषाणु साफ होने के साथ ही पेट साफ हो जाता है, परिणामस्वरूप व्यक्ति का मोटापा घटने लगता है।
फिटकरी के पानी का उपयोग किए जाने से उपर्युक्त लाभ प्राप्त होते हैं। हालाँकि एक बार पुनः स्पष्ट कर देते हैं कि बिना चिकित्सक की सलाह के उपयोग ना करे क्योंकि फिटकरी के सेवन के नुकसान भी संभव। 

फिटकरी का नुकसान -


फिटकरी एक प्राकृतिक लवण होने के साथ ही एंटी - बैक्टीरिया दवा है, यह जीवाणुओं के लिए काफी घातक है। इसके उपयोग से सिर की जुएं भी मर जाती है, ऐसे में आप इसके घातक होने की शक्ति को समझ सकते हैं। इस शक्ति के कारण कई बार अपने नकारात्मक प्रभाव भी व्यक्ति के शरीर पर छोड़ती है, जिससे कुछ नुकसान भी संभव है, कुछ नुकसान निम्न हो सकते हैं - 
  1. चमड़ी रूखी हो जाना - फिटकरी सुर्ख लवण है। फिटकरी के त्वचा के संपर्क में आने से चमड़ी रूखी हो जाती है। 
  2. खाज - फिटकरी के उपयोग से शरीर में खाज शुरु हो सकती है। क्योंकि इसका स्वाद कसैला है और गुण नमक के समान। 
  3. गले में खराश - फिटकरी का उपयोग करने से गले में खराश हो सकती है तथा गले में पानी भी जमा हो सकता है। ऐसे में गले में सूजन भी आ सकती है। 
  4. लाल छकते - फिटकरी के लवण होने से इसके उपयोग से शरीर पर लाल छकते पड़ सकते हैं। 
  5. एलर्जी - इससे एलर्जी हो सकती है, जिससे व्यक्ति के शरीर में दमा का उठाव और साँस लेने में तकलीफ हो सकती है। 
फिटकरी का उपभोग करने जा रहे हैं तो इसके नुकसान को जानना आवश्यक था इसलिए स्पष्ट कर दिए। हालाँकि यहां ध्यान रखे इसके सेवन से नुकसान है बाहरी उपयोग से नहीं। सेवन से भी नुकसान उस स्थिति में होते हैं, जब आवश्यकता से अधिक मात्रा में उपभोग किया जाता है। 

घर में आने वाले नल के पानी की सफाई के लिए जल बोर्ड पानी की सफाई के लिए फिटकरी का उपयोग करता हैं। ये पानी हमारे लिए अधिक फायदेमंद बन जाता है क्योंकि एक निश्चित मात्रा में ही फिटकरी का उपयोग होता है, ऐसे में ध्यान रखे कि इसकी अति ना करे। 

अन्य प्रश्न -


प्रश्न - फिटकरी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

उत्तर - फिटकरी को अंग्रेजी में 'Alum' कहते हैं।

प्रश्न - मुँह में छाले होने पर फिटकरी से कुल्ला करने पर क्या होता है?

उत्तर - मुँह में छाले होने पर फिटकरी से कुल्ला करने पर छाले फूट जाते और ठीक हो जाते हैं। हालांकि फिटकरी के कारण मुँह का स्वाद बिगड़ जाता है।

प्रश्न - फिटकरी को गर्म करने पर क्या होता है?

उत्तर - फिटकरी को गर्म करने पर पिघल जाती है, जिससे वह सूखा नमक बन जाती है। 

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