इंस्टाग्राम : परिवारो के सुख चैन पर भारी। Instagram

इंस्टाग्राम : परिवारो के सुख चैन पर भारी। Instagram

जब से भारत में 4G का आगमन हुआ तब से वीडियो का चलन तेजी से बढ़ गया। जिसे देखो मोबाइल में उलझा हुआ है। सार्वजनिक स्थलों पर कोई मोबाइल से वीडियो शूट करता मिलता है तो कोई कानो में इयर फोन लगाए, ठुमकों का लुप्त उठाते मिल जाएगा।

इंस्टाग्राम : परिवारो के सुख चैन पर भारी। Instagram

वीडियो की जब भी बात होती है तो इंस्टाग्राम भला कैसे दूर रह सकता है? वही तो है, जिसने भारत की आधी आबादी को ठुमके लगाने और देखने में व्यस्त कर रखा है। कई परिवारो का सुख चैन लूट उन्हें में बर्बाद करके रख दिया है। कई परिवारो की हालत तो ऐसी हो गई है कि परिवार के सदस्यों के हालचाल पूछने की बजाय इंस्टाग्राम की ही बाते होती है।


क्या है इंस्टाग्राम?


इंस्टाग्राम एक सोशल मीडिया एप्प है, जो फेसबुक का मालिकाना हक रखने वाली मेटा (कंपनी) के द्वारा संचालित की जा रही है। इस एप्प पर फोटो और छोटे वीडियो अपलोड किए जा सकते हैं। ईन वीडियो की रील और स्टोरी लगाई जा सकती है। साथ ही इंस्टाग्राम पर एक-दूसरे को फॉलो करने का भी ऑप्शन होता है। इंस्टाग्राम पर फेसबुक की भांति रील, वीडियो, फोटो और स्टोरी को लाइक करने और कॉमेंट करने का भी ऑप्शन होता है। इसके साथ ही दूसरे व्यक्ति द्वारा अपलोड किए गए वीडियो को अपनी वॉल पर शेयर करने के साथ स्टोरी पर भी लगा सकते हैं।

ऊपर दिए गए ऑप्शन तक तो ठीक है, लेकिन इसके अतिरिक्त इसमे फॉलोवर्स आपस में एक-दूसरे को मैसेज करने से लेकर वीडियो कॉल करने तक के ऑप्शन है। फेसबुक की भांति लाइव भी किया जा सकता है। इन्हीं सभी कारणों से आप कह सकते हैं, कि इंस्टाग्राम एक तरीके से फेसबुक और व्हाट्सएप का मिश्रण हैं। दिनभर लाखो लोग वीडियो अपलोड करते हैं और एक-दूसरे से इनबॉक्स चैट भी। तो दूसरी ओर कई लोग दिनभर अपलोड किए गए वीडियो को देखने में ही समय व्यतित कर रहे हैं।

क्यों ईस्तेमाल कर रहे लोग इंस्टाग्राम?


इंस्टाग्राम का चलन भारत मे एक दशक से भी पुराना है। लेकिन इंस्टाग्राम आज की स्थिति में आया रिलायंस जियो के 4G लांच के बाद। 4G लांच के बाद भी इसका उपयोग सीमित ही रहा, कुछ फेसबुक उपयोगकर्ता ही इसका ईस्तेमाल करते थे। हर कोई इसका ईस्तेमाल करने लगा भारत सरकार द्वारा चीनी एप 'टिकटॉक' को बैन करने के बाद से। टिकटॉक को बैन करने के बाद इंस्टाग्राम को भारत में बड़ा स्पेस मिल गया। टिकटॉक के बैन होते ही अधिकांश वीडियो देखने की लत में फंसे लोगों ने फेसबुक का रुख किया, फेसबुक से होते हुए इंस्टाग्राम तक पहुंच गए। आज इंस्टाग्राम ने सभी सोशल मीडिया को पछाड़ दिया है, डाटा उपभोग के मामले में। जिसे वीडियो देखने की आदत थी, वो आज वीडियो बना रहे हैं।

जब भारत में इंस्टाग्राम को बढावा मिला तो यूट्यूब, फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म के खिलाड़ी भी अपना अड्डा इसे बनाने लगे। सच कहें तो इसके उपयोगकर्ता अधिकांशतः ठुमके वाले हैं। इसके अतिरिक्त कुछ कॉमेडियन भी देखने को मिल जाते हैं। ये लोग जो दूसरे प्लेटफॉर्म से उठकर आए उन्होंने नए लोगों को जाल में फांसने के लिए कहा इंस्टाग्राम पर फॉलोवर्स बढ़ाने के बाद आपको रुपये मिलने लगेंगे। रुपये के लालच में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं इंस्टाग्राम का उपयोग करने लगी। इस लालच में वीडियो बनाने और देखने लगी, फॉलोवर्स बढ़ाने के हथकंडे अपनाने लगी। जबकि वास्तविकता है, इंस्टाग्राम कुछ नहीं देता, कुछ नहीं मतलब फूटी कौड़ी भी नहीं।

किसी को लगता है इंस्टाग्राम कुछ देता है तो वो पहले यह बताएं कि आपके आसपास में किसको क्या मिल रहा है? कितने लोग है, जिन्हें इंस्टाग्राम से कुछ मिलता है? सबका उत्तर है, कोई नहीं। इंस्टाग्राम कुछ नहीं देता फिर भी दूसरे प्लेटफॉर्म के लोग कहते हैं, देता है। ऐसा कहने वाले फिर यह क्यों कहते आप हमारा यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज फॉलो कीजिए। उनका सीधा सा मकसद है, आप जब उनका फेसबुक यश पेज फॉलो कर लेंगे तो उनको वहाँ से आय होगी। वो आपको यहां इसलिए रोक कर बैठे हैं ताकि यहां से वो सीधा अपने फेसबुक या यूट्यूब पर ले जाए। उनके पास जरिया है, आय का। आपके पास क्या है? सोचा कभी, नहीं ना तभी।

क्या बुराई है, इंस्टाग्राम में? - 


हम कहते हैं इंस्टाग्राम में कोई बुराई नहीं है। सब ठीक हैं, बुराई है तो इसके उपयोग से। जो कुछ घटनाएं हाल ही में घटी है, उन घटनाओं से ना सीखने की। इंस्टाग्राम पर रात-दिन ऑनलाइन रहने वाले परिवारों की क्या स्थिति हुई उसे ना देखने की। समाचार-पत्रों में छपने वाली घटनाओं के ना पढ़ने की। 

जरा आप बता दीजिए 30 सेकंड के वीडियो में क्या सीखा जा सकता है? हां, यूट्यूब पर लंबे चौड़े वीडियो अपलोड होते हैं, वहाँ से बहुत कुछ सीखा जा सकता है, लेकिन इंस्टाग्राम से तो कुछ नहीं सीख सकते हैं। ऐसे ही कुछ फालतू की चीजे है जो इंस्टाग्राम लत लगाने के उदेश्य से लोगों को लेकर बैठा हुआ है जो अन्य प्लेटफॉर्म पर नहीं है। 
  • कॉपीराइट को नहीं मानना - इंस्टाग्राम कॉपीराइट उल्लंघन को खुली छूट देता है। दूसरे की आवाज को स्वीकार करता हैं, यानी नया कुछ नहीं घिसी-पिटी सामग्री। यहां तक अगर आप किसी दूसरे प्लेटफॉर्म का वीडियो अपलोड करे तब भी कोई दिक्कत नहीं। दूसरे प्लेटफॉर्म ऐसा करने पर हटा देते हैं, खासतौर से यूट्यूब। 
  • लंबे वीडियो स्वीकार नहीं करना - यूट्यूब की भांति इंस्टाग्राम लंबे वीडियो स्वीकार नहीं करता हैं, यानी इसे ऐसे लोगों की जरूरत है, जिनके पास कोई रचनात्मकता नहीं है। 
  • एक नंबर से 5 खाते - एक मोबाइल नंबर से पांच खाते खोले जा सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि इंस्टाग्राम पर आप अधिक समय व्यतित कीजिए, इसे कोई मतलब नहीं। 
  • सत्यापन नहीं - जब एक मोबाइल नंबर से पांच खाते खुल सकते हैं, तो कोई भी नाम लिखो क्या फर्क़ पड़ता है? ऊपर से सत्यापन नहीं होने से आपको गुमनाम रहने की छूट देता है। गुमनाम यानी अपराध। ऐसे में इंस्टाग्राम की नीति अपराध को रोकने वाली नहीं बढ़ाने वाली है। 
  • सर्जनात्मकता का अभाव - 30 सेकंड का वीडियो जिसमें भी आवाज और संगीत सेट है, वीडियो की स्टाइल भी तय होती है, ऐसे में कोई सर्जनात्मकता की आवश्यकता नहीं। आओ अनाड़ी करो टाइम पास। 
  • विज्ञापन की भरमार - सब जगह विज्ञापन दिखता है, पैसे खूब कमाता है लेकिन देता कुछ भी नहीं। ऐसे में कुछ तो लालच दे रखा है, जो आपको अंतिम पॉइंट में समझ आ जाएगा। 
  • मैसेज से वीडियो कॉल - बिना नंबर और पहचान को उजागर किए किसी भी अनजान व्यक्ति को कॉल करो कोई फर्क़ नहीं पड़ता? इसी एक फंक्शन ने कई घरों की लंका लगा दी है। 
उपर्युक्त सभी कारण इंस्टाग्राम को एक बर्बाद एप की श्रेणी में रखते हैं। 

इंस्टाग्राम खुद बढावा देता है, अपराध को - 


समझो जब सेठ का धंधा हो, सेठ बोरे भरकर कमाता हो अपने गुलामों से तो। सेठ को खुद आगे बढ़कर कुछ तो लालच देना होगा चमचों को। लालच भी अनैतिक तभी तो रुकेंगे ना। सेठ नियम कठोर कर दे तो कोई कैसे रुक सकता है? ठीक वैसा ही यह है जहां ज्ञान बंटता है वहाँ कोई जाना पसंद नहीं करता हैं, किन्तु जहां कोई ऐसा कार्यक्रम आयोजित हो जहां सभ्यता और लोकलाज की लंका लगाई जानी है, वहाँ हुजूम उमड़ पड़ता है। इंस्टाग्राम इस बात को अच्छे से जानता है, इसके लिए इसने ऐसे फीचर इजाद किए जो लोकलाज और सभ्यता के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं, आपसे ऐसे तीन फीचर के बारे में बात करना चाहेंगे जो इसे समाज और परिवार के लिए घातक बना रहे हैं। जो निम्न हैं - 

  1. अधिक खाते खोलना - इंस्टाग्राम पर एक मोबाइल नंबर से पांच खाते खोलने की छूट है, सत्यापन की आवश्यकता नहीं। आप भला बताइए दो पासपोर्ट कौन रखता है। साहूकार लोगों के लिए पांच की क्या जरूरत? कुल मिलाकर यह सब इसलिए किया जा रहा है, जिससे आप किसी से चाहे तो एक, दो, तीन ही नहीं चार खाते छुपा सकते हैं। जब प्लेटफॉर्म की तरफ से ऐसा ऑप्शन दिया जा रहा है, तो उपभोक्ता कैसे होंगे? यह सब यूट्यूब पर क्यों नहीं है, क्योंकि वो साहुकारों का प्लेटफॉर्म हैं। 
  2. गोपनीय नीति और सुरक्षा - पांच खाते खोलने की खुली छूट देने के बाद अपने खाते को किसी से छुपाने के लिए ब्लॉक का ऑप्शन देता है। इतना ही नहीं, अगर किसी को पता चल जाए तो उससे फॉलोवर्स छुपाने के लिए खाता सुरक्षा। अब भी पूरा नहीं हुआ अपने फॉलोवर्स से भी किसी का कमेन्ट छुपाने के लिए रीस्ट्रक्ट (प्रतिबंध) किसी को बिना जोड़े ही सीधा मैसेज करने की अनुमती। बताइए यूट्यूब ऐसा कुछ देता है क्या? 
  3. वीडियो कॉल - कैसा एप है भाई, जो बिना नंबर के ही वीडियो कॉल की अनुमति से देता है। आपने एप फोटो वीडियो अपलोड के लिए बनाया या कॉलिंग के लिए। जब मोबाइल में कॉलिंग की सुविधा है तो इसकी क्या आवश्यकता? ऑडियो तक तो ठीक था वीडियो कॉलिंग कुछ ज्यादा नहीं हो गया। 
उपर्युक्त कारण स्पष्ट करते हैं कि यह साहूकारों का अड्डा नहीं है। यह आपको गुमनाम रहकर, पहचान छुपाकर किसी को कॉल की अनुमति दे देता है। ऐसे में इसके उपयोग के नुकसान नहीं होंगे तो क्या होगा?

कैसे परिवारों का सुख चैन लूट रहा हैं? 


आपके मन में सवाल उठा रहा है, ऐसा क्या है? कैसे इंस्टाग्राम परिवारो के सुख चैन को लूट रहा हैं? आइए ईन कुछ कारणों पर ध्यान दीजिये और सोचिए - 

  • पूरा दिन मोबाइल देखना - जब पूरे दिन मोबाइल देखा जाए तो वो काम क्या करेंगे? मोबाइल में भी अनुपयोगी चीजे देखेंगे तो उसका असर भी होगा। 
  • बुरी संगत का बुरा नतीज़ा - यहां इंस्टाग्राम पर आधे लोग तो अपनी पहचान बदल कर बैठे हैं, आप ऐसे लोगों की संगत करेंगे तो आपके मन में भी बुरे ख्याल आयेंगे ही, कोई कैसे रोक सकता है? आखिर संगत का असर तो होगा ही। 
  • काम के असर - ये ठुमके लगाने का काम किसका होता था? एक शिक्षक सुलझा हुआ आदमी होता है तो एक नचनिया... खैर आप भी ऐसा काम शुरु कर देंगे तो असर आप पर भी होंगे। यही कारण है कि लोग अपने बच्चों को ड्रामा, ऐक्टिंग और नृत्य जैसे विषयो में प्रवेश नहीं दिलाते है। 

कुछ और भी कारण हो सकते हैं, लेकिन हम अब संक्षिप्त की तरफ ही बढ़ेंगे पहले ही काफी ज्यादा लिखा जा चुका है। लेकिन अब आप खुद कुछ पल निकाल सोचिए। 

जरा सोचो - 


अब जो आपको बिंदु बताये जा रहे हैं, जरा अपनी जिंदगी के दो मिनट निकाल कर इन्हें पढ़िए और 10 मिनट इन पर विचार कीजिए। हमारा काम लिखना है, आप इन्हें तब बेहतर समझ सकते हैं, जब आप खुद इस पर विचार करेंगे। तो जरा विचार कीजिए और खुद ही नीचे दिए गए सवालों का खुद को जबाब दीजिए। 
  1. कहते सब है, इंस्टाग्राम से कमाई होता है। तो बताओ आपकी जान-पहचान में इंस्टाग्राम से किसने कमाया? 
  2. जिस घर की खासतौर से महिलाएँ इंस्टाग्राम चलाती है, उस घर में कितने झगड़े होते हैं? 
  3. अगर आप अखबार पढ़ते हैं तो आप जानते होंगे कि इस इंस्टाग्राम की बूरी संगत में फंसे कितनी/कितने बच्चे छोड़ भाग गई/गए? - 
  4. यहां लोग होता कुछ नहीं और बताते 4 है इससे कई लोगों को लगता है, उनके पास तो कुछ है ही नहीं जिससे उनकी आत्मसंतुष्टि को धक्का लगता है और गृह क्लेश शुरु होता है। 
  5. संस्कार विहीनता को बढावा देना ही इस प्लेटफॉर्म का मकसद है, तो भला शिक्षा क्या होगी? 
विचार करने के बाद आपको क्या उत्तर मिल रहा है? जरा आपको कुछ उत्तर मिला है तो कम से कम इतना तो कर दीजिए की इसे देखने की एक समय सीमा निश्चित कर दीजिए, यह 24 घंटे देखे जाने वाली एप नहीं है। 

अन्य प्रश्न - 


प्रश्न - क्या छोटे बच्चों को इंस्टाग्राम खाता खोलने की अनुमति होती है? 

उत्तर - 18 साल के बच्चे को मोबाइल सिम मिलती है, लेकिन 13 साल का बच्चा इंस्टाग्राम खाता खोल सकता है। 

प्रश्न - इंस्टाग्राम पर मेरे 50 हजार फॉलोवर्स है, मुझे क्या मिल सकता है? 

उत्तर - इंस्टाग्राम कुछ नहीं देता बेहतर होगा आप ईन फॉलोवर्स को किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर स्थान्तरित कर वहाँ से आय अर्जित कर सकते हैं। 

प्रश्न - इंस्टाग्राम पैसे क्यों नहीं देता है? 

उत्तर - इंस्टाग्राम पैसे के अलावा बहुत कुछ देता है, इसलिए वो पैसे नहीं देता। लेनदेन साहुकारों में होती है, चोरों में नहीं।

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