मॉर्गेज लोन हिन्दी मे अर्थ। Mortgage Loan Meaning in Hindi

मॉर्गेज लोन हिन्दी मे अर्थ। Mortgage Loan Meaning in Hindi

मॉर्गेज को हिन्दी में गिरवी कहा जाता है। ऐसे में मॉर्गेज लोन को हिन्दी में गिरवी ऋण या बंधक ऋण कहा जाता है। जिसका सीधा सा अर्थ है, ऋण देने से लिए ऋणदाता जिसे ऋण दे रहा है उसकी किसी सम्पति को ऋण वापसी की सुरक्षा के लिए बंधक बना देता है, अथवा गिरवी रख लेता है। 

मॉर्गेज लोन हिन्दी मे अर्थ। Mortgage Loan Meaning in Hindi

बंधक ऋण से तात्पर्य ऐसे ऋण से है, जिसमें ऋणदाता दिए गए ऋण की सुरक्षा के लिए ऋण देने वाले व्यक्ति से सुरक्षा के तौर पर किसी संपत्ति को अपने पास गिरवी रख दिया जाता है। हालाँकि यहाँ ध्यान दिया जाना चाहिए कि सम्पति को गिरवी केवल सुरक्षा की दृष्टि से रखा जाता है, जिसका ऋणदाता उपभोग नहीं कर सकता है। ऋणदाता अपने द्वारा दी गई राशि पर ऋणी से धन के उपयोग के बदले में ब्याज लेता है। 

मॉर्गेज लोन के तत्व - 


बंधक/मॉर्गेज लोन को बेहतर तरीके से समझने के लिए पहले कुछ ऐसे तत्वों को समझ लेना जरूरी है, तो आइये ऐसे कुछ तत्वों को समझ लेते हैं - 
  • सम्पति (Property) - बंधक ऋण लेने वाले व्यक्ति को किसी सम्पति को गिरवी रखना होता है, जो घर भी हो सकता है। जिसका मालिकाना हक ऋण लेने वाले व्यक्ति के पास ही रहता है, किंतु उसका विक्रय नहीं कर सकता है। ऐसे ही घर बनाने के लिये उसी प्लॉट को बंधक या गिरवी रखकर ऋण लिया जा सकता है। यहाँ ध्यान दे जो सम्पति बैंक के पास गिरवी रखी जा रही है, वो पहले से किसी और संस्थान के पास गिरवी रखी हुई नहीं होनी चाहिए। 
  • बंधक (Mortgage) - जो सम्पति ऋण लेने के लिए बंधक के तौर पर रखी जाती है, उसे बंधक कहा जाता है। यह ऋणी के कब्जे में रह सकती है, किंतु ऋण और उसके ब्याज के पूर्ण भुगतान के पूर्व ऋणी विक्रय नहीं कर सकता है। इस सम्पति  की सुरक्षा के लिये ऋणी बीमा करवा सकता है।
  • ऋणी (Borrower) - जिस व्यक्ति ने कोई सम्पति को गिरवी रखकर ऋण लिया है, उसे ऋणी कहा जाता है। यह वह व्यक्ति होता है, जिसका उस सम्पति पर मालिकाना हक होता है, जिसे वो गिरवी रख रहा है। ऐसे में यह कोई व्यक्ति विशेष या कंपनी हो सकती है, ट्रस्ट या संयुक्त हिन्दू परिवार या सम्पति में मालिकाना हक नहीं रखने वाला व्यक्ति नहीं हो सकता है। 
  • ऋणदाता (Lender) - वो व्यक्ति या संस्थान जो किसी सम्पति को बंधक रखकर ऋण दे रही है। सामन्यतः ये बैंक होते हैं। 
  • ब्याज (Interest) ऋण लेने वाले व्यक्ति को धन के उपयोग के बदले में शुल्क का भुगतान करना होता है, जिसे ब्याज कहा जाता है, जो वार्षिक, अर्धवार्षिक, तिमाही या मासिक (समझौते की शर्तों के अनुसार) होता है। 
  • मोचन/विमोचन (Redemption) - जब ऋणी द्वारा भुगतान करने में असमर्थता जताई जाती है या भुगतान में कोई चूक होती है तब ऋणदाता सम्पति को अपने कब्जे में ले (मालिकाना हक समझौते के अनुसार ऋणदाता का हो जाता है) उसका विक्रय कर धन को जुटा लेता है, जिसे मोचन कहा जाता है। 
  • समापन (Completion) - जब ऋणी द्वारा ऋण भुगतान की अंतिम किश्त का भुगतान कर दिया जाता है या एकमुश्त भुगतान कर दिया जाता है, तब समझौते का समापन हो जाता है और गिरवी रखी हुई सम्पति बंधन से मुक्त हो जाती है। 
उपर्युक्त सभी तत्व गिरवी लोन में उपयोग में आते हैं। इसके अतिरिक्त मूलधन और किश्त भी हो सकते हैं। 

मॉर्गेज लोन (बंधक ऋण) के प्रकार - 


मॉर्गेज कर्ज को समय, अवधि, ब्याज और पुनर्भुगतान के अनुसार इसे विभाजित किया जा सकता है। किंतु सामन्यतः इसके दो प्रकार होते हैं 
  1. नियत 
  2. समायोजित/परिवर्तनशील 

नियत (Fixed) - 


इस प्रकार के गिरवी ऋण में ब्याज की दर, भुगतान की अवधि औऱ किश्त नियत होती है। इसे भी आप दो भागों में बांट सकते हैं।
  • जब ब्याज मूलधन पर एक सूत्र से इस तरीके से समायोजित कर दिया जाता है, जिससे अंत तक किश्त की राशि समान बनी रहे। 
  • जब प्रत्येक किश्त में मूलधन का एक हिस्सा किश्त और उसका ब्याज लिया जाए। उदाहरणार्थ ₹ 5 लाख की वसूली 100 समान ₹ 5000 की किश्त में हो। तो पहली किश्त पर ₹5000 मूलधन और ब्याज, दूसरी पर ₹ 5000 और ₹ 4.95 का ब्याज। ऐसे में अंत तक ब्याज की राशि कम होते-होते किश्त की राशि भी कम होने लगती है। 

समायोजित/परिवर्तनशील (Adjustable) 


इस प्रकार के कर्ज में ब्याज की राशि निश्चित नहीं होती है। एक विशेष समय के बाद इसे बाजार की दर से समायोजित कर दिया जाता है। ऐसे में किश्त की राशि समायोजित होती रहती है। इस तरह के कर्ज के लिए नियत भुगतान की तरह ही किश्त और ब्याज की राशि का भुगतान किया जाता रहता है। इसमे बैंक और कर्जदार दोनों को ब्याज की दरों का नुकसान कम होता है। सामन्यतः इस प्रकार के कर्ज की भुगतान अवधि दीर्घकालिक होती है। 

मॉर्गेज ऋण लेने के कारण - 


हर कोई चाहता है कि उसकी सम्पति पर किसी और का कोई कब्जा नहीं होना चाहिए, फिर भी व्यक्ति द्वारा अपनी सम्पति को गिरवी रखकर कर्ज लिया जाता है। बैंक द्वारा भी इस प्रकार के कर्ज विशेष प्रयोजन की पूर्ति के लिए दिए जाते हैं। ऐसे में आप निम्नलिखित कारण से इस प्रकार के कर्ज ले सकते हैं - 
  • मकान बनाने के लिए - मकान बनाने के लिए बैंक द्वारा खाली प्लॉट या अन्य सम्पति को गिरवी रखकर कर्ज दिया जाता है। 
  • शादी विवाह के लिए - विवाह के भारी-भरकम खर्च का आसान किश्तों मे भुगतान करने के लिए घर पर इस प्रकार का कर्ज मिल जाता है। 
  • व्यापार वृद्धि के लिए - व्यापार को बढावा देने के लिए घर या अन्य सम्पति को गिरवी रखकर। 
हालांकि यहां यह भी ध्यान देना चाहिए कि किसानो को व्यापारिक बैंक से मिलने वाली के सी सी भी एक प्रकार का बंधक कर्ज है। इसमे किसान की भूमि गिरवी होती है। किसानो द्वारा कई बार समय से भुगतान नहीं किए जाने पर बैंक भूमि की नीलामी कर कर्ज की वसूली करता हैं। 

मॉर्गेज लोन के लिए आवेदन - 


इस प्रकार के कर्ज के लिए संपत्ति को गिरवी रखना होता है, जिसके कारण इसे 'लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी' भी कहा जाता है। इसके लिए आप किसी बैंक की साईट पर ऑनलाइन और कार्यालय में उपस्थित हो ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। ऑनलाइन मॉर्गेज लोन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत आसान है,जहां आप अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। आजकल बैंकों द्वारा अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के उदेश्य से एप बना रखे है, आप एप के माध्यम से भी कर्ज के लिए आवेदन कर सकते हैं।


मॉर्गेज लोन के ऑफलाइन के आवेदन लिए आपको अपने बैंक जाना होता है। जहां शाखा प्रबंधक या बैंक द्वारा नियुक्त अधिकारी कर्ज लेने और उसके भुगतान, किश्त की राशि से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी देते हैं। वर्तमान समय में सभी बैंक यह जानकारी देते है।


मॉर्गेज लोन के लिए डॉक्यूमेंट (दस्तावेज) - 


जब भी बैंक में किसी भी तरह के कर्ज के लिए आवेदन किया जाता है, उस समय बैंक में कुछ दस्तावेज जमा कराने होते हैं। ऐसे ही बंधक कर्ज के लिए भी निम्न दस्तावेज बैंक में जमा कराने होते हैं - 

  • आवेदन फॉर्म (एप्लीकेशन फॉर्म) पूरा भरा हुआ, 
  • दो पासपोर्ट साइज फोटो, 
  • पेन कार्ड, 
  • आधार कार्ड, 
  • वोटर कार्ड, 
  • बैंक पास बुक, 
  • पिछले तीन वर्षो का आयकर रिटर्न, 
  • पिछले तीन महीनों की पेस्लिप, 
  • एम्पलायर से प्रमाणित फॉर्म, 
  • गिरवी रखी जाने वाली सम्पति के दस्तावेज। 
उपर्युक्त सभी दस्तावेज की मूल प्रति या फोटो कॉपी बैंक के नियमानुसार बैंक में जमा होती है। ऑनलाइन आवेदन करते समय सभी दस्तावेज को स्कैन कर जमा कराना होता है। 

मॉर्गेज लोन (बंधक ऋण) के लाभ - 


मॉर्गेज कर्ज लेने के पीछे पुर्नभुगतान के लिए मिलने वाले समय के साथ ही कई अतिरिक्त लाभ है, उन्हीं के कारण लोगों द्वारा इस प्रकार के कर्ज लिए जाते हैं। इस प्रकार के ऋण को लेने से कर्जदार को निम्न लाभ प्राप्त होते हैं - 
  1. पुनर्भुगतान के लिए लंबी अवधि - मॉर्गेज लोन लंबी अवधि के लिए होने से कर्जदार आसानी से आसान किश्तों में भुगतान कर देता है। इस प्रकार के लोन के कारण ही लोगों द्वारा भव्य बिल्डिंग बनाने की प्रक्रिया को गति मिली है। 
  2. उचित ब्याज दर - लंबी अवधि होने के साथ ही यह भयंकर प्रतिस्पर्धी लोन है। इसके कारण बैंक बाजार दर से ही ब्याज की वसूली करते हैं। व्यक्तिगत कर्ज से तुलना की जाए तो इस प्रकार के कर्ज आधी दर पर मिल जाते हैं। 
  3. आसान प्रक्रिया - बैंक कर्जदार की संपत्ति को गिरवी रखकर आसानी से लोन दे देते हैं। जब बैंक के पास कर्जदार की सम्पति गिरवी है तो बैंक को वसूली का डर नहीं रहता है, जिसके कारण आसानी से लोन दे देते हैं। 
उपर्युक्त कारणो के अतिरिक्त बैंक द्वारा आसानी से लोन दिए जाने के कारण भी अधिक प्रचलन है। 

अन्य प्रश्न - 


प्रश्न - मॉर्गेज लोन क्या होता है? 

उत्तर - जब बैंक या किसी अन्य संस्थान द्वारा कर्जदार को किसी संपत्ति के बदले ऋण दिया जाता है, उसे मॉर्गेज लोन कहते हैं। ऐसे लोन में बैंक द्वारा कर्जदार की किसी सम्पति को अपने पास गिरवी रख लिया जाता है। 

प्रश्न - कौनसा बैंक मॉर्गेज लोन देता है? 

उत्तर - सभी बैंक जो लोन देते हैं, वो सभी मॉर्गेज लोन देते हैं। सभी व्यापारिक बैंक यथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ टी, बैंक ऑफ बड़ोदरा, पंजाब नैशनल बैंक सहित सभी बैंक। सभी निजी बैंक भी इस प्रकार का लोन देते हैं। आपका बैंक भी ऐसा लोन देता है, उसकी जानकारी के लिए आप बैंक की वेबसाइट या शाखा को विजिट करे। 

प्रश्न - मॉर्गेज लोन आसानी से क्यों मिल जाता है? 

उत्तर - मॉर्गेज लोन का अर्थ है, सम्पति के बदले। बैंक कर्जदार की सम्पति को गिरवी रख कर लोन देता है। ऐसे में मॉर्गेज लोन को चुकाने में अगर कर्जदार विफल रहता है तो बैंक उसकी सम्पति को बेचकर वसूली कर लेता है, इसी कारण बैंक द्वारा ऐसा लोन आसानी से दे दिया जाता है, क्योंकि इस प्रकार के लोन की वापसी बैंक के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होती है। 

प्रश्न - क्या खाली जमीन पर लोन मिल सकता है? 

उत्तर - हाँ, भूमि के बाजार मूल्य के 75% तक खाली भूमि पर लोन मिल सकता है। लेकिन यहां ध्यान रखे बैंक या कोई भी अन्य संस्थान लोन उसी व्यक्ति को देगा जिसके नाम पर भूमि हैं।

प्रश्न - मॉर्गेज लोन कैसे ले सकते हैं? 

उत्तर - मॉर्गेज लोन सभी बैंक द्वारा दिया जाता है, मॉर्गेज लोन लेने के लिए आप बैंक की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आप चाहे तो बैंक की शाखा को विजिट करके ऑफलाइन लोन भी ले सकते हैं। इसके लिए बैंक द्वारा मांगे जाने वाले सभी दस्तावेज जमा कराना होता है। यहां ध्यान रखे कि मॉर्गेज लोन के बदले में गिरवी रखी जाने वाली सम्पति आवेदक के नाम होनी चाहिए।

प्रश्न - लोन अगेन्ट्स प्रॉपर्टी क्या होता हैं? 

उत्तर - लोन अगेन्ट्स प्रोपर्टी से तात्पर्य मॉर्गेज लोन से है। जिसमें कर्जदार किसी सम्पति को बैंक के पास गिरवी रख कर उस पर कर्ज लेता है।

प्रश्न - मॉर्टगेज/मॉर्गेज लोन पर ब्याज दर क्या है? 

उत्तर - मॉर्गेज लोन पाए अलग-अलग बैंक द्वारा अलग-अलग ब्याज दर वसूल की जाती है। किंतु समान्य रुप में देखा जाए तो 9.25% से 10.25% ब्याज दर बैंक द्वारा वसूल की जाती है। 

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