सोशल मीडिया का उपयोग हम सभी करते हैं। वैसे इस वक़्त जो आप ब्लॉग पढ रहे हैं, यह भी सोशल मीडिया ही हैं। सोशल मीडिया हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। जिसके हाथ में एंड्रॉयड या इसके समान गुणवत्ता का मोबाइल है, वो किसी ना किसी प्रकार से सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है। यह साधारण (ऑफलाइन, फेस टू फेस) और ऑनलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर लोग अपनी इच्छा के अनुसार पोस्ट करते रहते हैं। शुरुआत में सोशल मीडिया का उपयोग खुद और परिवार व्यवसाय तक सीमित था, लेकिन वर्तमान में खुद से अलग सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दो से होते हुए सभी प्रकार के मुद्दो में ईस्तेमाल किया जाने लगा है। जिसके कारण कई बार उपयोगकर्ताओं को ट्रॉल का शिकार भी होना पड़ता है।
ट्रॉल या ट्रोल का अर्थ -
आदिकाल से परियों की कहानी में ट्रॉल शब्द का प्रयोग ऐसे बेढंगे और मतलबी इंसान या जानवर के लिए किया जाता है, जिसकी नाक लंबी, देखने में बदसूरत और विक्षिप्त मानसिकता का होता है। वर्तमान में ट्रॉल का उपयोग किसी को गुस्सा दिलाने या मज़ाक़ उड़ाने के उदेश्य से किये जाने वाले प्रयास को कहा जाने लगा है।
ट्रॉल का अर्थ किसी सोशल मीडिया उपयोगकर्ता या किसी अन्य व्यक्ति को उत्तेजित करने, खिंचाई करने या उसकी भावना को ठेस पहुंचाने के उदेश्य से ऐसे कमेंट्स करने से है, जिससे लोगों को उसका मज़ाक़ बनाने का अवसर मिले। इसके अतिरिक्त ऐसा उपयोगकर्ता को चिढ़ाने, गुस्सा दिलाने के प्रयास या उदेश्य से किसी विशिष्ट उपयोगकर्ता पर अभद्र, द्विअर्थी या उसका मज़ाक़ उड़ाने के उदेश्य से कमेंट्स करते है। ट्रॉलिंग में ट्रॉल करने वाला व्यक्ति भड़काऊ, अप्रासंगिक तथा पोस्ट से असम्बंधित कॉमेंट भी करता है।
साधारण भाषा में ट्रॉल टांग खिंचाई है। इसके लिए ट्रॉलर (ट्रॉल करने वाले) अवाँछित, अप्रासंगिक, भावनात्मक खिलवाड़ करने के लिए उकसाने वाले कमेन्ट करते हैं। इसमे व्यक्ति को घुमाना, चक्कर देना, मजाक उड़ाना, चिल्लाकर गाना, और फुसलाना भी सम्मिलित होता है। कई बार ट्रॉल करने वाले ऐसे तरीके से ट्रॉल कर देते हैं जिससे जिसे निशाना बनाया जा रहा है, उसे पता तक नहीं चलता है। सोशल मीडिया के उपयोग के साथ ट्रॉल किए जाने के मामले अधिक बढ़ गए हैं।
ट्रोल मीनिंग इन सोशल मीडिया -
जिस प्रकार किसी का उसके सामने मज़ाक़ उड़ाया जाता है, उसी ढंग से जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी मज़ाक़ उड़ाया जाता है, तो इसे सोशल मीडिया ट्रोल कहा जाता है। सोशल मीडिया पर जब किसी व्यक्ति द्वारा की गई किसी पोस्ट पर अन्य उपयोगकर्ताओं द्वारा इस तरीके से कमेन्ट किए जाए जिससे पोस्ट करने वाले मूल उपयोगकर्ता का मज़ाक़ उड़ सके। यह वर्चुअल ट्रॉल का तरीका है। इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया में किसी को ट्रॉल करने के उदेश्य से उसकी पोस्ट पर भद्दे कमेन्ट, तक ही सीमित नहीं है। इसके अलावा किसी विशिष्ट व्यक्ति को अन्य उपयोगकर्ताओं द्वारा ट्रोल करने के लिए विशेष व्यक्ति को टार्गेट करते हुए विशिष्ट पोस्ट, मीम और वीडियो भी बनाये जाते हैं।
आजकल किसी व्यक्ति को वास्तविक (फेस टू फेस) ट्रोल करने की बजाय सोशल मीडिया पर अधिक ज्यादा ट्रोल किया जाता है। किसी सोशल मीडिया के उपयोगकर्ता या अन्य सेलिब्रिटी व्यक्ति के किसी ब्यान पर उसे आसानी से ट्रोल किया जाता है। भारत में राजनैतिक पार्टियों के प्रमुख नेताओ और पार्टियों के प्रवक्ताओं को बहुत ज्यादा ट्रोल किया जाता है।
सोशल मीडिया पर ट्रोल करने के तरीके -
सोशल मीडिया पर किसी को ट्रोल करने के लिए ट्रोलर कई तरीकों का उपयोग करते है। इनमे से कुछ निम्न है -
- व्यक्तिगत कमेन्ट - यह सबसे बुरा तरीका है, किसी को ट्रॉल करने के लिए उसके व्यक्तिगत जीवन से संबंधित मुद्दों को बीच में लाया जाता है। यह ऐसे मुद्दे होते हैं, जिससे उस व्यक्ति को सार्वजनिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सके। इसके लिए ऐसे पल और घटनाक्रम भी सम्मिलित कर लिए जाते हैं, जो बेहद निजी होती है, जिनका सार्वजनिक रूप से प्रचार कोई नहीं चाहता है।
- भद्दे कमेन्ट - कई लोग किसी को ट्रॉल करने के लिए भद्दे कमेन्ट करते हैं। खासतौर से महिलाओं को ट्रोल करने के लिए ऐसे कमेन्ट का सहारा लिया जाता है। ऐसे कमेन्ट सभ्य लोगों की भाषा शैली का हिस्सा नहीं हो सकते हैं, किन्तु सोशल मीडिया के ट्रोलर बिना झिझक के ऐसे कमेन्ट का सहारा ट्रॉल करने के लिए आसानी से ले लेते हैं।
- भड़काऊ कमेन्ट - ऐसे कमेन्ट को तब किया जाता है, जब किसी को आवेश, गुस्सा या उत्तेजित करना होता है। ऐसे कमेन्ट का उदेश्य किसी से कुछ उगलवाने या किसी प्रकार की गलती करने के लिए किया जाता है। खासतौर से सेलेब्रिटी और राजनेताओं को ट्रॉल करने के लिए ऐसे कमेन्ट का सहारा लिया जाता है। जब किसी घटना पर किसी नेता या अभिनेता का ब्यान नहीं आता है, तो लोग ऐसे कमेन्ट का सहारा लेने लगते हैं।
- पोस्ट - जो लोग सोशल मीडिया या किसी विशिष्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं करते हैं, उन्हें ट्रॉल करने के लिए कमेन्ट की बजाय पोस्ट का सहारा लिया जाता है। वर्तमान में ट्विटर पर ट्रेंड में लाने के लिए भी पोस्ट का सहारा लिया जाता है। ऐसी पोस्ट में जिसे टार्गेट किया जा रहा है, उनकी निजी जानकारी से लेकर उन्हें उकसाने के लिए अवांछित सामग्री को पोस्ट किया जाता है।
- मीम - यह सोशल मीडिया पर ट्रॉल करने का नया तरीका है। इसमे कोई स्क्रीनशॉट या फोटो सम्मिलित किया जाता है। ऐसे फोटो या स्क्रीनशॉट पर कुछ भड़काऊ, मज़ाक़ उड़ाने या चिढ़ाने वाले वाक्य लिखे जाते हैं। मीम ऐसी पोस्ट अधिक आकर्षण दे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचता है, उसके बाद मज़ाक उड़ाने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगता है।
- वीडियो - कॉमेंट और पोस्ट के अतिरिक्त वीडियो भी पोस्ट किए जाते हैं। ऐसे वीडियो में भी चिढ़ाने और मज़ाक़ उड़ाने की सामग्री ही पोस्ट की जाती है। आजकल रील का ज़माना है, ऐसे में छोटे वीडियो बनाकर भी पोस्ट किए जाने लगे हैं।
- रोस्ट और फेक पोस्ट - कई बार मुद्दे से सम्बन्धित मिलता-जुलता वीडियो एडिट कर या आर्टिफिशल इंटेलीजेंस (एआई) द्वारा वीडियो बनाकर भी पोस्ट किए जाते हैं। इस तरीके के कारण कई ट्रॉलर को मुकदमों का सामना भी करना पड़ा है।
इनके अतिरिक्त भी कोई तरीका अपनाया जा सकता है, जिसमें किसी को बहलाने के उदेश्य से पोस्ट की जाती है, तो कभी द्विअर्थी और घुमाने वाली। आपको याद होगा आलिया भट्ट को एक इंटरव्यू के बाद उसके ज्ञान को लेकर बूरी तरीके से ट्रॉल किया गया।
सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने के कारण -
अब आपके दिमाग में यह प्रश्न अवश्य उठ रहा होगा कि आखिर वो कौन लोग होते हैं, और क्यों किसी को ट्रोल करते हैं? ट्रॉल किए जाने के कुछ कारण निम्नलिखित हो सकते हैं -
- सोशल मीडिया उपयोगकर्ता द्वारा कोई गलत जानकारी अथवा ब्यान देना।
- उपयोगकर्ता द्वारा किसी ऐसे तथ्य का समर्थन करना, जिसे अधिकांश उपयोगकर्ता नकारते हो।
- अलग प्रकार की विचारधारा का समर्थन किया जाना।
- उपयोगकर्ता द्वारा किसी प्रकार की गलती किया जाना।
- जानबूझकर ट्रॉलर द्वारा किसी को टार्गेट करते हुए ट्रॉल किया जाना।
- कभी-कभी किसी मुद्दे को गलत तरीके से जोड़कर ट्रॉल कर देना।
- उपयोगकर्ता के किसी भाव, विचार या पोस्ट के कारण उसे ट्रॉल किया जाना।
सोशल मीडिया पर ट्रॉल किए जाने का कोई विशिष्ट कारण नहीं होता है, ट्रॉलर के ग्रुप बना किसी को भी नीचा दिखाने के लिए भी ट्रॉल कर देते हैं। कुछ लोग ट्रॉल करने वालों का समर्थन इसलिए कर देते हैं, इससे उन्हें कुछ रीच मिल सके।
लाइक, कमेन्ट और रीच सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत अधिक मायना रखती है। यह सभी नकारात्मकता से भरे पोस्ट और कमेन्ट पर अधिक मिलती है, ऐसे में लोग किसी को इस कारण से टार्गेट कर ट्रॉल कर देते हैं, इससे उन्हें रीच मिल सके।
ट्रोल फेस क्या होता है?
तकनीकी और ऑनलाइन मैसेज के दौर में इमोजी का दौर चल पड़ा। बिना कुछ शब्द लिखे, एक इमोजी के जरिए भावना प्रकट करने का दौर ऑनलाइन मैसेज के दौर से आया। जब विभिन्न भाव के लिए इमोजी आयी तो 2008 में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा ट्रोल करने वाली एक इमोजी बनायी। यह इमोजी किसी का मज़ाक उड़ाने के उदेश्य से बनी, आगे चलकर इस का नाम ट्रॉल फेस पड़ गया। की भांति ही ट्रॉल फेस होता है।
ट्रोल फेस एक काल्पनिक शरारत भरी हुई इमोजी है। इसमे एक एक काल्पनिक पात्र के गुस्सैल चेहरे पर शरारती मुस्कान है। मुस्कान से बड़े दांत बाहर की तरफ निकले दिख रहे हैं और नाक लंबी और आंखे मुस्कान के कारण आधी खुली हुई है। समय के साथ इसे थोड़ा बड़ा कर कुछ टाइप करते हुए भी दिखाया जाता है। इसका चित्र आप देख सकते हैं।
ट्रोल फेस के अतिरिक्त हाथ की तर्जनी अंगुली को उल्टा दिखाकर (जिसे हम उंगली करना कहते हैं) भी किसी को ट्रोल किया का सकता है। यह सब ऑनलाइन ट्रोल करने के लिए काम में ली जाती है।
ट्रॉल होने पर क्या करे?
कई लोग ट्रोल किए जाने से काफी परेशान हो जाते हैं। और कई बार उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। कई आम लोग ट्रोल होने के डर से पोस्ट तक करने से कतराने लगते हैं। ऐसे में वर्तमान में किसी को भी ट्रोल किया जाना एक आम बात हो गई है। अगर कभी कोई आपको भी ट्रोल करने पर उतारु हो जाए तो आप निम्न कार्य कर सकते हैं -
- ऐसे लोगों को ब्लॉक करे, जो बार-बार ट्रॉल करने का प्रयास कर रहे हैं।
- ऐसे लोगों के भद्दे कमेन्ट और पोस्ट को रिपोर्ट करे।
- बार-बार कमेन्ट करने पर आई डी को रिपोर्ट कई।
- आपकी पोस्ट पर आए भद्दे कमेन्ट को छुपा दीजिए।
- ऐसे लोगों को कोई जबाब ना दे, कुछ दिन में थक जाएंगे, फिर कभी ट्रॉल करने नहीं आयेंगे।
ट्रॉल करने का उदेश्य रीच है। अगर आप उन्हें रीच देने का कोई विकल्प नहीं देंगे तो वो कुछ दिन में ही लौट जाएंगे। बार-बार परेशान करने के लिए नहीं आयेंगे। अगर आपको ट्रॉल होने का खतरा लगता है और इसका डर है तो ध्यान रखे कोई विवादित पोस्ट ना करे और ना ही किसी विवादित पोस्ट पर द्विअर्थी कमेन्ट करे।
ट्रोल के शिकार लोगों की प्रतिक्रिया -
ट्रोल के शिकार होने वाले कई लोग सोशल मीडिया से दूर ही हो गए। कई लोग सोशल मीडिया पर ट्रॉल हो जाए इस चक्कर में कोई पोस्ट तक नहीं करते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ट्रॉल होने के डर से ट्विटर का उपयोग ही नहीं करते हैं। यह उन्होंने स्वयं ही स्वीकार किया था। इतना ही नहीं सुशांत सिंह मामले में करण जौहर ट्रॉल से बचने के लिए ट्विटर से दूर ही हो गए। ऐसा सिर्फ इनका ही नहीं है, और भी कई लोग है जो ट्रोल के डर से सोशल मीडिया से किनारा कर चुके हैं।
ऐसे ही कई आम लोग भी ट्रोल के बाद इससे किनारा कर चुके हैं। लेकिन कई लोग विवादस्पद पोस्ट कर बहुत से फॉलोवर हासिल करने में सफल हुए हैं। ऐसे नकारात्मकत लोगों की बदौलत ही यह सिस्टम कायम हुआ है।
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