पेपर लीक : प्रतियोगियों की बड़ी समस्या से निजात कैसे? Paper Leak

पेपर लीक : प्रतियोगियों की बड़ी समस्या से निजात कैसे? Paper Leak

भारत में सरकारी नौकरी का क्रेज युवाओं में जितना है, शायद ही कितना क्रेज किसी और देश में हो। भारत में जितना क्रेज सरकारी नौकरी का है, उतना ही उसको पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने से लेकर उसे पाने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करने और पाने के लिए जी जान लूटा देने का।

पेपर लीक : प्रतियोगियों की बड़ी समस्या से निजात कैसे? Paper Leak

भारत में वर्तमान समय में भले चपरासी की भी नौकरी क्यों ना हो, सभी प्रकार की नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा को देना अनिवार्य होता है। पिछले कुछ बर्षों से युवाओं में जितना सरकारी नौकरी के प्रति क्रेज बढ़ा, उसी रफ्तार से प्रतियोगियों की संख्या। इन दोनों के आनुपातिक मुकाबले में जो सबसे अधिक तेजी से बढ़ा है, वो हैं पेपर लीक।

पेपर लीक का अर्थ -


पेपर लीक से आशय परीक्षा के शुरु होने से पूर्व ही पेपर के आउट हो जाने से है। जो पेपर परीक्षार्थियों को मिलने वाला होता है हल करने के लिए उस पेपर को परीक्षा से पहले कुछ परीक्षार्थियों को इस उदेश्य से दे दिया जाता है, अथवा परीक्षार्थियों द्वारा चुराकर या अन्य तरीकों से ले लिया जाता है। ताकि जिन परीक्षार्थियों को पेपर मिला है, वो सभी प्रश्नो को याद करके सफल हो सके। पेपर लीक तभी कहलाता है, जब उसे परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों अथवा परीक्षार्थियों को परिक्षा के शुरु होने से पूर्व परीक्षा कक्ष में प्रवेश से पूर्व ही मिल जाए। 

पेपर लीक या पेपर आउट होने का यह अर्थ कभी नहीं होता है कि जो पेपर परीक्षा में मिलना है, हूबहू ऐसा ही पेपर परीक्षार्थियों को मिले। हूबहू पेपर के अतिरिक्त पेपर में आने वाले प्रश्नो को लिखित अथवा डिजिटल तरीके से किसी परीक्षार्थी तक पहुंचना भी पेपर लीक की श्रेणी में ही आता है। पेपर लीक का अर्थ किसी भी प्रकार से प्रश्न पत्र में आने वाले प्रश्नो का परीक्षार्थियों के हाथ लगने से है। पेपर लीक एक समस्या है, जो परिक्षा की पारदर्शिता और प्रशासन की साख दोनों को विपरित तरीके से प्रभावित करता हैं। 

पेपर लीक के प्रकार - 


पिछले कुछ वर्षो लगातार पेपर लीक के मामले देखने को मिल रहे हैं। पेपर लीक का कोई एक रुप नहीं है, पेपर लीक के कई तरीके हैं। इनमे से कुछ तरीकों को आपकी ध्यान में लाने का प्रयास कर रहे हैं। सभी तरीकों को आपकी ध्यान में नहीं लाया जा सकता है, ऐसे में कुछ तरीके निम्न हो सकते हैं - 
  • मूल पेपर - यह सबसे खतरनाक तरीका है। इस प्रकार के पेपर लीक में परीक्षा में आने वाला पेपर ही आउट कर दिया जाता है। पेपर लीक का यह तरीका अब प्राचीन हो चुका है। वर्तमान समय में मूल पेपर कम ही लीक होता है। वर्तमान में अन्य तरीकों से पेपर लीक हो रहा है। इस प्रकार पेपर लीक सामन्यतः परीक्षार्थियों द्वारा चोरी से पेपर निकाल कर किए जाते हैं। हालांकि कई बार परीक्षार्थियों की ऐसी हरकत में परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों की भूमिकाएँ भी सामने आती है। 
  • फोटो कॉपी - मूल पेपर की फोटो कॉपी निकाल कर पेपर को लीक किया जाता है। फोटो कॉपी किए जाने का उदेश्य पेपर की संख्या में कमी ना हो पेपर की संख्या यथावत बनी रहे। ऐसे कार्य को अंजाम परीक्षार्थियों की बजाय परीक्षा केंद्र अथवा पेपर कराने वाली एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा दिया जाता है। 
  • हस्त लिखित - यह भी पेपर लीक का सबसे बुरा और कम पकड़ में आने वाला तरीका है। ऊपर के दोनों प्रकार के लीक को तब अंजाम दिया जाता है, जब परीक्षा को बहुत कम समय बचा हुआ हो। लेकिन इस तरीके के लीक को तब अंजाम दिया जाता है, जब परीक्षा के लिए बहुत समय बचा हुआ हो। इस तरीके से होने वाले पेपर लीक पहले दो प्रकार के पेपर लीक के मुकाबले में अधिक विद्यार्थियों तक पहुंचते हैं। ऐसे पेपर लीक को अंजाम बहुत ही जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा दिया जाता है, क्योंकि उसके पास लंबे समय तक पेपर रहता है, जिसके कारण वो इसे हाथ से लिख देता है। राजस्थान में 'राजस्थान लोक सेवा आयोग' की भर्ती परीक्षा में इस तरीके के लीक का अंजाम आयोग के सदस्य द्वारा ही दिया गया। आयोग के सदस्य ने पेपर के प्रश्नो को तब लिखकर अपने पास रख दिया जब विषय विशेषज्ञ ने आयोग को प्रश्न भेजे और आयोग ने इसे प्रकाशन के लिए नहीं भेजे थे। 
  • डिजिटल लीक - डिजिटल लीक संचार क्रांति के बाद आया हुआ एक बेहद नया तरीका है। इस तरह के लीक में ऊपर के तीनों में से किसी भी तरीके से जब परीक्षार्थी या अन्य कोई भी को ऐसे कृत्य को अंजाम देने वाला है, के हाथ पेपर लगता है तो उस पेपर की फोटो खिंच कर डिजिटल तरीके से आगे फॉरवर्ड कर देता है। इस तरीके से होने वाले लीक में बहुत कम समय में पेपर कई परीक्षार्थियों के हाथ लग जाता है। आधुनिक समय में इसी तरीके के कारण पेपर लीक एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है। इस तरीके में जांच एजेंसी के लिए भी लीक करने वाले तक पहुंचने की चुनौती खड़ी कर देता है। इस तरीके से पेपर लीक को अंजाम परीक्षार्थियों, परिक्षा केंद्र के अथवा परीक्षा एजेन्सी अथवा आयोग के सदस्यों और कर्मचारियों द्वारा दिया जाता है। 
  • बिठाकर पेपर सॉल्व - यह तरीका कोचिंग सेंटर द्वारा लाया हुआ तरीका है। इस तरीके में कोचिंग सेंटर द्वारा या बिचौलियों द्वारा चुने हुए अभ्यर्थियों को एक स्थान पर बिठाकर परिक्षा के प्रश्न पत्र को सॉल्व करा दिये जाते हैं। यह तरीका वर्तमान में तेजी से फैल रहा है। इस तरीके से होने वाले लीक को अंजाम बहुत ही जिम्मेदार लोगों द्वारा दिया जाता है, और पेपर चुने हुए और विश्वसनीय अभ्यर्थियों तक पहुंचने से लीक का पर्दाफाश किया जाना भी काफी कठिन कार्य होता है। 
इनके अतिरिक्त भी कोई प्रकार हो सकता है, जिससे लीक को अंजाम दिया जा सकता है। ऐसे में यह सभी तरीके 100% नहीं है। 

पेपर लीक क्यों किया जाता है?


पेपर लीक करने के खूब सारे उदेश्य होते है लेकिन वर्तमान समय में देखा जाए तो पेपर लीक के पीछे पैसा ही इसका कारण दि खता है। पैसे के अतिरिक्त भी कारण है, लेकिन पैसा सबसे बड़ा कारण है। वर्तमान समय में पेपर लीक करने वाला पैसा कमाने के लिए तो पेपर को खरीदने वाला पैसे देकर नौकरी हासिल करने के लिए इस लीक को अंजाम दिलाता है। पेपर लीक कोई त्रुटि ना होकर एक व्यवसाय बन गया है, इस व्यवसाय के फलने फूलने के निम्न कारण है - 
  • परीक्षा एजेंसियों से जुड़े हुए लोगों द्वारा अपने रिश्तेदारों और मित्रों के अयोग्य बच्चों को नौकरी दिलाने के लिए लीक। 
  • आयोग के सदस्यों और कर्मचारियों के बच्चों को देना। 
  • पैसे के लिए परीक्षा एजेंसियों से जुड़े लोगों द्वारा लीक किया जाना।
  • परीक्षा केंद्र से जुड़े हुए लोगों द्वारा लीक किया जाना। 
  • लोगों द्वारा पैसे देकर इस कृत्य से जुड़े हुए लोगों से लीक को अंजाम दिलाना। 
  • प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेन्टर द्वारा अपने अधिक बच्चों को सफ़ल कराने या मोटी रकम देने वालों को सफ़ल कराने के लिए आयोग या प्रकाशक से ले लेना। 
  • प्रश्न पत्र प्रकाशको द्वारा लीक। 
पेपर लीक किए जाने का प्रमुख कारण ऐसे अभ्यर्थियों को सफ़ल कराना होता है, जो स्वयं के बल से सफ़ल नहीं हो सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए पैसे के दम पर पेपर खरीदा जाता है, बेचने वाला ऊपर बताये गये सात बिंदुओं में वर्णित कोई भी हो सकता है। ऊपर को लीक को अंजाम देने वाले वर्णित किए गए हैं, ये भी पैसे के लिए या अपना कोई काम निकालने के लिए किसी को पेपर थमा देते हैं।

 हाल ही में तकनीकी और अन्य तरीकों की देखरेख से सरकार द्वारा पेपर लीक को रोकने के लिए जो सख्ती बरती जा रही है, उससे त्रुटि से पेपर लीक की संभावना शून्य है। वर्तमान में पेपर का बंडल गिर जाने से, कोई पेपर बिना प्रॉपर पैकिंग के, बंडल गुम होने से कोई लीक नहीं हो रहा है। जो भी लीक हो रहा उसके पीछे एक माफिया है जो सीधे परीक्षा एजेंसी से या परीक्षा केंद्र से सोच समझ कर अपने स्वार्थ सिद्ध के लिए लीक कर रहा है।

कैसे निपटा जा सकता है पेपर लीक से? 


सरकार के लिए पेपर लीक एक सरदर्द बन गया है। सरकार इससे निपटने के लिए कड़े कानून भी बना रही है लेकिन सफ़लता नहीं मिल रही है। कई अवसर पर तो सत्ताधारी दल के नेताओ के नाम पेपर लीक से जुड़े मिले लेकिन पेपर लीक के लिए कोई सत्ताधारी दल का नेता दोषी साबित नहीं हुआ। को नेता नौकरी के मामले में दोषी साबित हुए वो इंटरव्यू या नंबर बढाने और परीक्षा में न बैठने वालों अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए दोषी साबित हुए हैं। ऐसे में सरकार के लिए एक चुनौती जरुर है लेकिन सरकार सख्ती से निपट सकती है। इसके लिए सरकार को निम्न कार्य करने चाहिए। इसे आप स्टेप टू स्टेप समझे - 
  • सभी पेपर में प्रश्न की क्रम संख्या और विषय निश्चित हो ताकि पेपर उसके अनुसार बने। यानी प्रश्न संख्या 21 हिन्दी व्याकरण का होगा। वैसे ही सभी प्रश्न का विषय निश्चित हो। 
  • पेपर बनाने के लिए 21 लोगों को आमंत्रित किया जाए। 
  • सभी के पेपर को ऑनलाइन तरीके से लिया जाए।
  • इनमे से किसी एक या सभी से कुछ हिस्सा लेकर परीक्षा के एक सप्ताह पूर्व पेपर का प्रकाशन सरकारी प्रकाशन में सरकारी कर्मचारियों की देखरेख में हो और इन्हें 1 सप्ताह उसी कार्यालय में रखा जाना चाहिए। 
  • जहां पेपर का प्रकाशन हो, वहाँ डिजिटल उपकरण और मोबाइल एलाऊ ना हो। 
  • पेपर का प्रकाशन और पैकिंग मशीन से हो। 
  • पेपर प्रकाशन के बाद परीक्षा सेंटर पर भेजने की बजाय नजदीकी पुलिस थाने या पुलिस चोकी में परीक्षा के 24 घण्टे पूर्व भेजा जाए। 
  • थाने या चोकी में पुलिस के साथ अन्य विभाग के सरकारी कर्मचारियों को देखरेख के लिए नियुक्त करे। 
  • परीक्षा के शुरु होने के 1 घण्टे पूर्व परीक्षा केंद्र को पेपर भेजा जाए। 
  • पेपर परीक्षा केंद्र को सौंपने से पूर्व पुलिस सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए।
  • परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य किए जाए। 
  • कैमरे की नजर से दूर ले जाने वाले कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया जाए। 
इस तरीके को अपनाने से पेपर लीक से निजात मिल सकती है। लेकिन सवाल अब भी यही है कि पहले बोर्ड परीक्षाओं के पेपर इस तरीके से रखे जाते थे, उन्हें भी अब सीधे परीक्षा केन्द्र को दिया जाता है। जो गलत है। 

पेपर लीक करने वालों को सजा - 


जो लोग मोटी रकम कमाने के उदेश्य से पेपर लीक जैसे घिनौने कृत्य को अंजाम देते हैं, सरकार का दायित्व है उन्हें कठोर सजा दे। पेपर लीक करने वालों का उदेश्य धन कमाना होता है तो सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें जेल भेजने की बजाय आर्थिक सजा दे। पेपर लीक मे कोई लिप्त पाया जाता है तो सरकार को ऐसी सजा देनी चाहिए - 
  • उसके नाम और उसके जीवन साथी के नाम सारी सम्पति को जब्त किया जाए। 
  • उसका जो पैतृक संपत्ति में हिस्सा हैं, उसे भी जब्त करे। 
  • उसके बच्चे है तो उनके नाम की संपत्ति भी ज़ब्त करे। 
  • उसके नजदीकी रिश्तेदार है, उनकी तरफ से कोई शिकायत नहीं आती है तो उन पर भी आर्थिक दंड सुनिश्चित हो। 
  • लीक करने वाला किसी सरकारी पद पर है तो बिना जांच के ही उसे पद मुक्त किया जाए और सभी वित्तीय लाभ रोके जाए। 
उपर्युक्त कदम उठाने से कोई पैसे कमाने के उदेश्य से या किसी स्वार्थ सिद्धि के लिए पेपर को लीक करने से बचेगा। पेपर बेचने वाले का मकसद जब धन कमाना है और जो उसके पास है, वह ही जाता दिखे तो कौन लीक को अंजाम देगा? 

पेपर खरीदने वालों को सजा - 


पेपर बेचने वालों के साथ ही पेपर खरीदने वालों के लिए भी सजा सुनिश्चत होनी चाहिए। ऐसे में पेपर खरीदने वालों को निम्न प्रकार की सजा दी जा सकती है - 
  • जिसके लिए पेपर खरीदा जा रहा है, उसे हमेशा से परीक्षा के लिए वंचित कर दिया जाए। अगर यह सब परीक्षार्थी के संज्ञान में है तो। 
  • पेपर खरीदने वाले पर आर्थिक दंड न्यूनतम उसकी कुल सम्पति का 25% सुनिश्चित किया जाए। 
  • पेपर खरीदने वाला सरकारी पद पर है तो उसे तुरंत पद मुक्त कर सभी प्रकार के वित्तीय लाभ हमेशा के लिए बंद कर दिए जाए। 
  • अगर किसी परीक्षार्थी के पास पेपर मिल जाए तो उसके पास जो डिग्री है उन्हें रद्द किया जाए। 
उपर्युक्त कदम उठाए जाने से कोई परीक्षार्थी या उसका कोई रिश्तेदार पेपर खरीदने के लिए किसी प्रकार की रकम देने या कोई सौदा करने के लिए तत्पर नहीं होगा। 

महत्वपूर्ण प्रश्न -


प्रश्न - पेपर लीक होने से क्या होता है?

उत्तर - पेपर लीक होने से अयोग्य परीक्षार्थियों को सफल होने का अवसर प्राप्त हो जाता है और योग्य और मेहनत अभ्यर्थी चयन से वंचित हो जाते हैं।

प्रश्न - सरकारी नौकरी की भर्ती परिक्षा को लेकर सरकार के सामने क्या चुनौती है?

उत्तर - सरकारी नौकरी की भर्ती को लेकर सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पेपर लीक को रोका जाना हैं।

प्रश्न - पेपर लीक होने का सबसे बड़ा कारण क्या है?

उत्तर - पेपर लीक होने का सबसे बड़ा कारण पेपर को परीक्षा तिथि से बहुत पहले छाप दिया जाना और थाने की बजाय परीक्षा केंद्र को सौंपा जाना।

प्रश्न - क्या ऑनलाइन परीक्षा से पेपर लीक से बचा जा सकता है?

उत्तर - बिल्कुल भी नहीं क्योंकि वर्तमान में देखा जा रहा है कि अधिकतर पेपर परीक्षा एजेंसियों से ही आउट हो रहे हैं।

प्रश्न - पेपर लीक से बचने के लिए क्या कोई कानून कारगर साबित हो सकता है?

उत्तर - पेपर लीक से बचने के लिए सरकार को चाहिए कि वो कानून बनाने की बजाय सजा को सुनिश्चित करे।

प्रश्न - पेपर लीक से जुड़े मुद्दो का त्वरित समाधान कैसे हो सकता है?

उत्तर - पेपर लीक से जुड़े मुद्दो के लिए विशेष कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए।

प्रश्न - पेपर लीक की शिकायत कहां की जानी चाहिए?

उत्तर - पेपर लीक की शिकायत आयोग के साथ उस क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक कार्यालय और मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर की जानी चाहिए। ध्यान रखे पेपर लीक से जुड़े मुद्दे की शिकायत एक से अधिक कार्यालयों को की जानी चाहिए। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ