घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए माचिस? Machis

घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए माचिस? Machis

सनातन संस्कृति में घर में पूजा पाठ का बड़ा महत्व है। सनातन के उपासक सुबह शाम नित्य घरों में पूजा पाठ करते हैं। नित्य पूजा-पाठ करने वाले लोग अपने घरों में एक छोटा सा मंदिर भी बना लेते हैं। घरों में किसी कमरे या चौक या कहीं भी उपयुक्त स्थल पर मंदिर बनाया जा सकता है। 
घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए माचिस? Machis

घर में बनाये जाने वाले मंदिर, बाहर के मंदिर की भांति बड़े नहीं होते हैं। यह छोटे होते हैं। ऐसे मंदिर में मूर्ति की बजाय तस्वीर और छोटी मूर्तियों का उपयोग किया जाता है। घर के मंदिर में क्या रखना चाहिए इस पर हम विस्तृत चर्चा करेंगे। 

घर में मंदिर - अर्थ - 


घर में मंदिर से अभिप्राय ऐसे मंदिर है, जो घर के अंदर बनाये जाते हैं। घर में बनाये जाने वाले मंदिर सामन्यतः लकड़ी के होते हैं। घर में बनाये जाने वाले मंदिर छोटे होते हैं। इन मंदिर में अगर कोई मूर्ति रखी जाती है तो मूर्ति के पैर पूजा करने वाले पुजारी के छाती के बराबर होने चाहिए। मंदिर में लगने वाली मूर्ति लकड़ी की हो तो सबसे उपयुक्त होती है।

घर के मंदिर बनाते समय वास्तु को ध्यान में रखा जाना बहुत जरूरी होता है। घर में मंदिर उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। अगर आप बैठकर पूजा करना चाहते हैं तो मंदिर को कम ऊंचाई पर बनाया जाना उपयुक्त होता है।

घर में ऐसे देवी देवता के मंदिर स्थापित किए जाने चाहिए, जिनकी पूजा आसान हो और आपके कुल के देवी देवता हो। जिन्हें पीढियों से आपके घर में पूजा जाता हो।

घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखना चाहिए?


घर में बनाये जाने वाले छोटे मंदिरों में माचिस रखना वर्जित माना जाता है। माचिस को नहीं रखने की सलाह दी जाती है। माचिस के साथ ही अन्य ज्वलनशील वस्तुओ को नहीं रखा जाना चाहिए। माचिस को नहीं रखे जाने अथवा इसे वर्जित माना जाने के निम्नलिखित कारण होते हैं - 
  • घर के मंदिर में माचिस रखने से नकारात्मकता की भावना आती है, जो दुर्भाग्य को आमंत्रित है। जलाने के उपयोग में ली जाने वाली वस्तु का यहां स्थान नहीं होता है। 
  • इससे आने वाली नकारात्मकता के चलते पूजा करने वाले व्यक्ति को पूजा का फल नहीं मिलता हैं।
  • इससे घर में दरिद्रता को आमंत्रित किया जा सकता है। 
  • इससे घर की शांति भंग होती है और पारिवारिक क्लेश को बढावा मिलता है।
  • इससे घर में क्लेश बढ़ने के कारण परिवार के सदस्यों के बीच लड़ाई-झगड़ा जन्म लेने लगता है और कई बार अधिक विकराल रूप धारण कर लेता है। 
घर का मंदिर में माचिस का रखा जाना वर्जित माना गया है। इसे मंदिर में रखने से नकारात्मक भावों की उत्पत्ति होती है। घर में विनाशकारी ताकतो को बल प्राप्त होता है जिसके कारण घर की शांति और समृद्धि पर भी नकारात्मक असर होता है। घर के सदस्यों के मध्य तनाव की स्थितियां पैदा होती है। रुपये पैसे का हिसाब किताब भी लड़खड़ाने लगता है, ऐसे में घर में बने हुए मंदिर में माचिस को किसी भी सूरत में नहीं रखा जाना चाहिए। 

घर में बनाये जाने वाले मंदिर के पास ही आला, अलमारी में रखा जाना चाहिए। अगर इन्हें (आला और अलमारी) किसी दरवाज़े या पर्दे से ढक दिया जाए तो बेहतर रहता है। मंदिर में अगरबत्ती और दिया जलाने के बाद उपयोग में ली गई माचिस की तीली भी मंदिर के आसपास नहीं फेंकी जानी चाहिए। ऐसा करने से भी नकारात्मकता आती है। 

घर में मंदिर में क्या रखना चाहिए? 


घर के मंदिर में माचिस को रखा जाना वर्जित माना गया है, ठीक उसी प्रकार से कुछ  चीजों को रखा जाना आवश्य भी माना गया है। जो चीजे घर के मंदिर में रखी जानी उपयुक्त मानी गई है, उन्हें अवश्य ही इस प्रकार के मंदिर में रखा जाना चाहिए, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो और घर में सुख समृद्धि के साथ शांति भी आए। घर के सदस्यों का आपसी प्रेम बना रहे, छोटे-छोटे क्लेश से भी मुक्ति मिल सके। ऐसे में आप निम्नलिखित चीजों को घर में बने हुए मंदिर में रख सकते हैं - 
  • भगवान की मूर्ति या तस्वीर - घर के मंदिर में कम से कम पांच देवी-देवताओं की मूर्ति या तस्वीर रखने से पूजा घर में संतुलन बना रहता है। आप शिव-पार्वती, विष्णु-लक्ष्मी, गणेश, मां दुर्गा, देवी सरस्वती, सीता-राम, हनुमान, सत्यनारायण के अतिरिक्त अन्य देवी देवता के तस्वीरें और भगवान की मूर्तियां अपने मंदिर में रख सकते हैं।
  • शिवलिंग - हिन्दू धर्म में शिवलिंग को उत्तम माना गया है। यह श भगवान शिव का प्रतीक है। नियमित रूप से शिवलिंग पर जल चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। शिवलिंग की पूजा-अर्चना भगवान शिव की तपस्या मानी जाती है। 
  • गणेश जी - गणेश जी हिंदू धर्म के प्रथम पूजनीय देव हैं। इनकी पूजा के बिना सभी धार्मिक कार्य पूर्ण नहीं माने जाते हैं, सबसे पहले इन्हें ही आमंत्रित किया जाता है। इनकी मूर्ति का मुख उत्तर दिशा की ओर होना आवश्यक होता है। 
  • दीपक और घी - घर के मंदिर में जलाया जाने वाला दीपक और उसके लिए घी को घर के मंदिर में रखा जाना चाहिए। दीपक मिट्टी का हो तो बेहतर है। 
  • अगरबत्ती और धूप-बत्ती - घर के मंदिर में अगरबत्ती और धूप-बत्ती रख सकते हैं, जो मंदिर में पूजा के लिए उपयोग ली जाती है। 
  • मोर पंख - मोर को भगवान श्री कृष्ण का प्रिय पक्षी माना जाता है। मान्यता के अनुसार मोर पंख रखने से घर में सकारात्मकता आती है। इसी के कारण आपने कई बार मंदिरों में मोर पंख रखे हुए देखे होंगे। 
  • जल कलश - पूजा के लिए जल की आवश्यकता होती है, जल को रखने के लिए जल कलश रखा जा सकता है। इसे देवताओ का आसान माना जाता है, हो सके तो इस पर मोली बाँध देना चाहिए। 
  • गंगाजल - हिन्दू धर्म में गंगा नदी को मां के समान मानने के साथ ही इसे सबसे पवित्र नदी माना जाता है। इसके जल को बहुत पवित्र माना जाता है। घर के मंदिर में गंगाजल रखने से मां लक्ष्मी की कृपा होती है। 
  • चन्दन - पूजा के लिए उपयोग किया जाने वाला और मस्तिष्क की शांति के लिए तिलक के लिए उपयोग किया जाने वाला चंदन मंदिर में रखा जा सकता है। इसके उपयोग से सकारात्मकता की उत्पत्ति होती है। 
  • शंख - घर के मंदिर में शंख रखने से घर का वातावरण अच्छा बना रहता है और घर में सकारात्मकता बनी रहती है। 
  • मोली - मोली को शुभ माना जाता है। इसे हाथ में धारण करने के साथ ही इसे जल कलश के भी बाँधा जाता है। 
  • शालिग्राम - शालिग्राम एक प्रकार का पत्थर होता है जो विष्णु भगवान का रूप माना जाता है।
  • स्वास्तिक - स्वस्तिक को शुभ माना जाता है, इसे आप चाहें तो खुद भी बना सकते हैं। 
  • शास्त्र - धार्मिक ग्रंथ भी रखे जा सकते हैं, जो उपयोग में लिए जाते हैं। 
उपर्युक्त सभी या इनमे से कुछ सामग्री को अपने घर में बने हुए मंदिर में रखा जा सकता है। इनके अतिरिक्त पुष्प, अक्षत और शुभ लाभ भी मंदिर में रखे जा सकते हैं। 

घर के मंदिर में क्या नहीं रखा जाना चाहिए? 


जिस प्रकार से मंदिर में कई चीजों को रखा जा सकता है, जो शुभ होती है। ठीक इसी प्रकार से कुछ चीजे मंदिर की भीतर नहीं रखी जानी चाहिए। जो चीजे मंदिर के भीतर नहीं रखी जा सकती है, जो निम्नलिखित है - 
  1. नुकीली और धार वाली चीजे जैसे कैंची, चाकू, सुई जैसी नुकसान पहुंचाने वाली चीजों को मंदिर के भीतर नहीं रखा जाना चाहिए। 
  2. मंदिर के भीतर माचिस और अन्य ज्वलंतशील वस्तुओं को नहीं रखा जाना चाहिए। 
  3. घर के मंदिर में किसी भी देवी-देवता की पुरानी, धुंधली या फटी हुई तस्वीरें और किताबें नहीं रखनी चाहिए। 
  4. मंदिर में सूखे और मुरझाए हुए फूल नहीं रखने चाहिए। 
  5. खंडित मूर्तियां भी नहीं रखना चाहिए, ऐसी कोई मूर्तियां है तो मंदिर से हटा देना चाहिए। 
  6. एक देवी-देवता की एक से ज़्यादा मूर्तियां रखना भी ठीक नहीं होता है, एक देवता की एक ही मूर्ति रखा जाना चाहिए। 
  7. मंदिर में देवी-देवताओं के साथ पूर्वजों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। 
  8. अगरबत्ती की जली राख और दीप की बाती को समय-समय पर साफ करते रहना चाहिए। 
  9. घड़ी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को मंदिर में नहीं रखा जाना चाहिए। 
  10. मंदिर के भीतर डस्टबिन नहीं रखना चाहिए। 
  11. मंदिर में किसी प्रकार का कुड़ा बिखरने नहीं देना चाहिए। 
मंदिर में उपर्युक्त सभी चीजों को रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार नहीं होता है, घर में क्लेश बढ़ता जा रहा। इसके साथ ही नुकसान होने के कारण भी बढ़ते हैं। 

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य - 


घर के मंदिर के सम्बन्ध में कुछ अन्य बातों को भी ध्यान में रखा जाना जरूरी होता है। घर में मंदिर बनाते समय कुछ बाते ध्यान में रखना जरूरी होती है। साथ ही मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरे भी शास्त्र और नियमो के अनुरूप होनी चाहिए। ऐसी कुछ महत्वपूर्ण बाते निम्नलिखित है -
  • मंदिर के ऊपर-नीचे या बगल में टॉयलेट, रसोईघर या सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए। 
  • मंदिर में मूर्ति के पैर छाती के बराबर होने चाहिए। 
  • घर के मंदिर में भगवान और देवी-देवताओं के साथ पितरों की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए। 
  • मंदिर के पास माचिस और अन्य सामग्री रखने के लिए आला बना देना चाहिए। 
  • मंदिर में एक एक से ज़्यादा शंख न रखें।
  • मंदिर में रखे जाने वाले मुरझाने से पहले हटा लेने चाहिए। 
  • भगवान रूद्र स्वरूप की कोई भी मूर्ति न रखें।
  • मन्दिर में हाथ से शुभ लाभ लिखने के साथ ही स्वस्तिक भी बना लेना चाहिए। 
  • पूजा सामग्री को मंदिर में न रखें।
  • मंदिर को सही दिशा में स्थापित किया जाना चाहिए। 
  • मंदिर को रोज़ाना साफ़ करे।
उपर्युक्त सभी बातों को अनिवार्य रूप से ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसके अभाव में घर में सकारात्मक ऊर्जा की जगह नकारात्मकता फैल सकती है। 

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